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10 सालों से बन रहे ताजपुर-बख्तियारपुर पुल का निर्माण कार्य पुन: शुरू होने की उम्मीद, 2023 तक रखा गया लक्ष्य - नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड

गंगा नदी पर ताजपुर-बख्तियारपुर पुल का निर्माण तय समय से पीछे चल रहा है. लेकिन एक बार फिर पुल का निर्माण कार्य पुन: शुरू किए जाने की चर्चा की जा रही है. जिसे लेकर बैंक ने राशि देने पर भी अपनी सहमति जताई है.

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Published : Sep 11, 2021, 7:31 AM IST

पटना: बिहार की राजधानी पटना (Patna) के बख्तियारपुर-ताजपुर पुल (Bakhtiyarpur-Tajpur Bridge ) पिछले 10 साल से बन रहा है. ऐसे तो इसे 2016 में ही बनकर तैयार हो जाना चाहिए था. लेकिन पैसे के अभाव में एजेंसी ने काम बंद कर दिया था. लेकिन बार फिर इस योजना के लिए बैंक ने राशि देने पर अपनी सहमति जताई है. पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन (Road Construction Minister Nitin Naveen) ने भी कहा कि 52% काम हो चुका है. शेष काम उसी एजेंसी से कराने की कोशिश हो रही है. इसे लेकर लगातार बातचीत चल रही है.

इसे भी पढ़ें: 10 वर्षों में भी नहीं बना ताजपुर-बख्तियारपुर पुल, हैदराबाद की एजेंसी से काम छीनने की तैयारी

गंगा नदी पर बन रहे बख्तियारपुर-ताजपुर पुल का निर्माण कार्य जून 2011 में शुरू हुआ था. पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पीपीपी मोड के तहत इस परियोजना की शुरुआत की गई थी. वर्ष 2016 में इस कार्य को पूरा कर लेना था. लेकिन एजेंसी के वित्तीय स्थिति खराब होने के कारण समय पर योजना पूरी नहीं हो सकी. अभी तक सिर्फ 52% ही काम पुल का हो सका है.

ये भी पढ़ें: बिहार में बन रहे मेगा ब्रिज प्रोजेक्ट्स लेटलतीफी के शिकार, निर्माण लागत भी कई गुणा बढ़े

ताजपुर बख्तियारपुर पुल की लागत 1600 करोड़ रुपये है. 5.5 किलोमीटर लंबे पुल के बन जाने से उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच आवागमन आसान हो जाएगा. नालंदा, मुंगेर या नवादा की ओर से आने वाली गाड़ियों को पटना आने की जरूरत नहीं होगी. ऐसी गाड़ियां उत्तर बिहार आसानी से चली जाएंगी. जिससे 60 किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी.

देखें रिपोर्ट.

पुल निर्माण के लिए अब तक 27 पिलर का काम पूरा हो चुका है. निर्माण कर रही एजेंसी को पहले भी बैंकों ने 400 करोड़ रुपये की मदद की थी. बिहार सरकार की तरफ से भी राशि लगाई गई है और अब एक बार फिर से बैंकों की तरफ से सहमति मिली है. इसी महीने यानी की सितंबर में फैसला भी हो जाएगा. पुल के साथ दोनों छोर को मिलाकर 46 किलोमीटर एप्रोच रोड बनाया जाएगा.

बैंकों ने अभी इस आधार पर सहमति दी है कि टोल प्लाजा से होने वाली आय से कर्ज वसूली करेगी. हालांकि टोल प्लाजा से जो आय होगा, उसमें एजेंसी भी अपना खर्च निकालेगी. इसके साथ ही राज्य सरकार को भी राशि मिलेगी. इसे लेकर पिछले दिनों विकास आयुक्त की अध्यक्षता में बैठक भी हुई है और बैंकों ने सरकार से कहा है कि टोल प्लाजा से कितनी आमदनी होगी फिर से उसका सर्वे कराने का आग्रह किया है.

पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा है कि लगातार ताजपुर बख्तियारपुर को लेकर विभाग की तरफ से पहल हो रही है. अब बैंकों का भी रुख पॉजिटिव है. हम लोगों की कोशिश केंद्र सरकार से भी मदद लेने की हो रही है. राज्य सरकार अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही है. इस पुल के निर्माण से लोग कम समय में अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे.
ताजपुर बख्तियारपुर पुल की मुख्य बातें-

  • 2010 में कैबिनेट ने दी थी स्वीकृति.
  • जून 2011 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुरू कराया था निर्माण का कार्य.
  • 5.5 किलोमीटर की लंबाई में चार लेन का पुल बनाना है.
  • 1600 करोड़ की लागत की परियोजना.
  • पहले 2016 में बनकर होना था तैयार, अब 2023 तक रखा गया है लक्ष्य.
  • पीपीपी मोड में इस पुल हो रहा है निर्माण.
  • 52 फीसदी काम अब तक हुआ है पूरा साथ ही 272 पिलर का निर्माण हो चुका है.
  • पुल के तैयार होने से उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच आवागमन हो सकेगा आसान.
  • पुल को लेकर मुख्यमंत्री भी स्थल पर जाकर कर चुके हैं निरीक्षण.
  • 46 किलोमीटर दोनों छोर पर एप्रोच रोड भी बनाया जाएगा.
  • पुल तैयार होने के बाद टोल प्लाजा से एजेंसी बैंक और सरकार निर्माण कार्य की राशि वसूल करेगी.
  • अब तक 900 करोड़ के करीब राशि खर्च हो चुकी है. लागत बढ़ने की भी संभावना.
  • पुल का निर्माण हैदराबाद की नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड कर रही है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2018 में ताजपुर बख्तियारपुर पुल का निरीक्षण कर चुके हैं. इसकी समीक्षा बैठक भी की गई है. लेकिन लंबे समय से मामला अटका हुआ है. अब बैंकों की सहमति मिलने के बाद फिर से काम में गति पकड़ेगा. पिछले दिनों पथ निर्माण मंत्री ने एजेंसी से काम लेने की बात कही थी. लेकिन दूसरी एजेंसी को देने पर इसका कॉस्ट भी काफी बढ़ता और समय भी लंबा खींच सकता था. इसलिए सरकार ने फिलहाल पुरानी एजेंसी के माध्यम से ही काम कराने का फैसला लिया है.

विभाग का लगातार पहल था कि कार्य पुन: शुरू किया जाए. चूंकि 52% काम पूरा हो चुका है. उस वक्त इन्फेंट्री के गिरने से कार्य बंद कर दिया गया था. उसके बाद से लगातार काम बंद है. हालांकि विभाग ने फिर से पहल करना शुरू कर दिया है. जिससे सकारात्मक रिजल्ट आ रहे हैं. केंद्र सरकार की एनएचआई के तहत जो वन टाइम इनफ्यूजन पॉलिसी है. उसके तहत भी प्रयास जारी है. उम्मीद है कि जल्द ही बख्तियारपुर-ताजपुर पुल का निर्माण कार्य शुरू कर दी जाएगी. -नितिन नवीन, मंत्री, पथ निर्माण विभाग

पटना: बिहार की राजधानी पटना (Patna) के बख्तियारपुर-ताजपुर पुल (Bakhtiyarpur-Tajpur Bridge ) पिछले 10 साल से बन रहा है. ऐसे तो इसे 2016 में ही बनकर तैयार हो जाना चाहिए था. लेकिन पैसे के अभाव में एजेंसी ने काम बंद कर दिया था. लेकिन बार फिर इस योजना के लिए बैंक ने राशि देने पर अपनी सहमति जताई है. पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन (Road Construction Minister Nitin Naveen) ने भी कहा कि 52% काम हो चुका है. शेष काम उसी एजेंसी से कराने की कोशिश हो रही है. इसे लेकर लगातार बातचीत चल रही है.

इसे भी पढ़ें: 10 वर्षों में भी नहीं बना ताजपुर-बख्तियारपुर पुल, हैदराबाद की एजेंसी से काम छीनने की तैयारी

गंगा नदी पर बन रहे बख्तियारपुर-ताजपुर पुल का निर्माण कार्य जून 2011 में शुरू हुआ था. पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पीपीपी मोड के तहत इस परियोजना की शुरुआत की गई थी. वर्ष 2016 में इस कार्य को पूरा कर लेना था. लेकिन एजेंसी के वित्तीय स्थिति खराब होने के कारण समय पर योजना पूरी नहीं हो सकी. अभी तक सिर्फ 52% ही काम पुल का हो सका है.

ये भी पढ़ें: बिहार में बन रहे मेगा ब्रिज प्रोजेक्ट्स लेटलतीफी के शिकार, निर्माण लागत भी कई गुणा बढ़े

ताजपुर बख्तियारपुर पुल की लागत 1600 करोड़ रुपये है. 5.5 किलोमीटर लंबे पुल के बन जाने से उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच आवागमन आसान हो जाएगा. नालंदा, मुंगेर या नवादा की ओर से आने वाली गाड़ियों को पटना आने की जरूरत नहीं होगी. ऐसी गाड़ियां उत्तर बिहार आसानी से चली जाएंगी. जिससे 60 किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी.

देखें रिपोर्ट.

पुल निर्माण के लिए अब तक 27 पिलर का काम पूरा हो चुका है. निर्माण कर रही एजेंसी को पहले भी बैंकों ने 400 करोड़ रुपये की मदद की थी. बिहार सरकार की तरफ से भी राशि लगाई गई है और अब एक बार फिर से बैंकों की तरफ से सहमति मिली है. इसी महीने यानी की सितंबर में फैसला भी हो जाएगा. पुल के साथ दोनों छोर को मिलाकर 46 किलोमीटर एप्रोच रोड बनाया जाएगा.

बैंकों ने अभी इस आधार पर सहमति दी है कि टोल प्लाजा से होने वाली आय से कर्ज वसूली करेगी. हालांकि टोल प्लाजा से जो आय होगा, उसमें एजेंसी भी अपना खर्च निकालेगी. इसके साथ ही राज्य सरकार को भी राशि मिलेगी. इसे लेकर पिछले दिनों विकास आयुक्त की अध्यक्षता में बैठक भी हुई है और बैंकों ने सरकार से कहा है कि टोल प्लाजा से कितनी आमदनी होगी फिर से उसका सर्वे कराने का आग्रह किया है.

पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा है कि लगातार ताजपुर बख्तियारपुर को लेकर विभाग की तरफ से पहल हो रही है. अब बैंकों का भी रुख पॉजिटिव है. हम लोगों की कोशिश केंद्र सरकार से भी मदद लेने की हो रही है. राज्य सरकार अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही है. इस पुल के निर्माण से लोग कम समय में अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे.
ताजपुर बख्तियारपुर पुल की मुख्य बातें-

  • 2010 में कैबिनेट ने दी थी स्वीकृति.
  • जून 2011 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुरू कराया था निर्माण का कार्य.
  • 5.5 किलोमीटर की लंबाई में चार लेन का पुल बनाना है.
  • 1600 करोड़ की लागत की परियोजना.
  • पहले 2016 में बनकर होना था तैयार, अब 2023 तक रखा गया है लक्ष्य.
  • पीपीपी मोड में इस पुल हो रहा है निर्माण.
  • 52 फीसदी काम अब तक हुआ है पूरा साथ ही 272 पिलर का निर्माण हो चुका है.
  • पुल के तैयार होने से उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच आवागमन हो सकेगा आसान.
  • पुल को लेकर मुख्यमंत्री भी स्थल पर जाकर कर चुके हैं निरीक्षण.
  • 46 किलोमीटर दोनों छोर पर एप्रोच रोड भी बनाया जाएगा.
  • पुल तैयार होने के बाद टोल प्लाजा से एजेंसी बैंक और सरकार निर्माण कार्य की राशि वसूल करेगी.
  • अब तक 900 करोड़ के करीब राशि खर्च हो चुकी है. लागत बढ़ने की भी संभावना.
  • पुल का निर्माण हैदराबाद की नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड कर रही है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2018 में ताजपुर बख्तियारपुर पुल का निरीक्षण कर चुके हैं. इसकी समीक्षा बैठक भी की गई है. लेकिन लंबे समय से मामला अटका हुआ है. अब बैंकों की सहमति मिलने के बाद फिर से काम में गति पकड़ेगा. पिछले दिनों पथ निर्माण मंत्री ने एजेंसी से काम लेने की बात कही थी. लेकिन दूसरी एजेंसी को देने पर इसका कॉस्ट भी काफी बढ़ता और समय भी लंबा खींच सकता था. इसलिए सरकार ने फिलहाल पुरानी एजेंसी के माध्यम से ही काम कराने का फैसला लिया है.

विभाग का लगातार पहल था कि कार्य पुन: शुरू किया जाए. चूंकि 52% काम पूरा हो चुका है. उस वक्त इन्फेंट्री के गिरने से कार्य बंद कर दिया गया था. उसके बाद से लगातार काम बंद है. हालांकि विभाग ने फिर से पहल करना शुरू कर दिया है. जिससे सकारात्मक रिजल्ट आ रहे हैं. केंद्र सरकार की एनएचआई के तहत जो वन टाइम इनफ्यूजन पॉलिसी है. उसके तहत भी प्रयास जारी है. उम्मीद है कि जल्द ही बख्तियारपुर-ताजपुर पुल का निर्माण कार्य शुरू कर दी जाएगी. -नितिन नवीन, मंत्री, पथ निर्माण विभाग

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