पटना: बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के घोड़ासहन में रेलवे ट्रैक पर विस्फोटक लगाने में षडयंत्र और ब्लास्ट करने के प्रयास करने के आरोपी गजेंदर शर्मा की जमानत याचिका पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने शुक्रवार को खारिज कर दिया. गजेंद्र शर्मा द्वारा दायर क्रिमिनल अपील पर जस्टिस अश्वनी कुमार सिंह की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान ये फैसला सुनाया.
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इसके साथ ही हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को ट्रायल को दिन प्रतिदिन के आधार पर सुनवाई करने का निर्देश दिया. साथ ही आदेश की प्रति की पेश करने की तारीख से एक वर्ष के भीतर पूरा करने हेतु प्रयास करने का आदेश ट्रायल कोर्ट को दिया है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि यदि ट्रायल एक वर्ष में पूरा नहीं होता है, तो अपीलार्थी अपनी जमानत हेतु निचली अदालत में ही याचिका दायर कर सकेगा.
बता दें कि इस अपील में ही जमानत हेतु आग्रह किया गया था. अपील के जरिये अपीलार्थी ने पटना के एनआईए के विशेष न्यायाधीश द्वारा 19 फरवरी, 2021 को पारित आदेश को रद्द करने की मांग की थी. अपीलार्थी के अधिवक्ता सिद्धार्थ हर्ष का कहना था कि एफआईआर में नाम नहीं है. अनुसंधान के दौरान नाम आया है. साथ ही अपीलार्थी के अधिवक्ता का यह भी कहना था कि 16 फरवरी, 2017 से आरोपी जेल में है. अभी तक ट्रायल भी अभी पूरा नहीं हुआ है, 138 चार्जशीट गवाहों में अभी तक सिर्फ 33 गवाहों का परीक्षण हुआ है.
अपीलार्थी के जमानत का विरोध करते हुए एनआईए के विशेष लोक अभियोजक छाया मिश्रा ने कोर्ट को बताया की गवाहों के परीक्षण में देरी कोविड -19 की वजह से हुआ है. किन्तु, अब चूंकि स्थिति सामान्य हो रही है, इसलिए अभियोजन की ओर से बचे हुए गवाहों का परीक्षण अवलिंब हो जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि अभियोजन उन सभी प्रयासों को करेगा, जिससे कि अगले 9 महीने में सभी गवाहों का परीक्षण हो जाए.
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बता दें कि पूर्वी चंपारण के घोड़ासहन स्टेशन के आउटर सिग्नल के पास एक अक्टूबर 2016 को आइईडी लगाकर ट्रेन उड़ाने की साजिश की गई थी. स्थानीय युवकों ने बम देखने के बाद रेल पुलिस सहित बम निरोधक दस्ता पहुंचा था. ट्रेन को बम से थोड़ी दूर पहले ही रोक दिया गया था. बम को निष्क्रिय कर दिया गया था. इस तरह बड़ा हादसा टल गया था.