पटना: मंगलवार को पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में बीएड के छात्रों ने धरना दिया. नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के अंतर्गत छात्रों का पंजीयन विभिन्न कॉलेजों में हो चुका है. इसके बावजूद सत्र 2018- 20 के बीएड छात्रों को प्रथम वर्ष की परीक्षा से वंचित किया गया है. जिसको लेकर छात्र गुस्से में हैं.
क्या है मामला?
नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी की संयुक्त प्रवेश परीक्षा के बाद छात्रों को कई कॉलेज आवंटित किए गए थे. जिसको लेकर पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों में छात्रों का पंजीयन हो चुका है. ऐसे में अब प्रथम वर्ष की परीक्षा होने वाली है, लेकिन उन सभी परीक्षार्थियों को परीक्षा देने से वंचित कर दिया गया है.
छात्रों का मामला कोर्ट में है लंबित
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार मामला कोर्ट में चल रहा है. जिसके कारण छात्रों को इस बार परीक्षा में शामिल नहीं किया जा रहा है. इसका दूसरा कारण यह भी है कि जिन-जिन कॉलेजों से छात्रों का नामांकन कराया गया है, उन कॉलेजों की डिग्री रद्द कर दी गई है. ऐसे में कॉलेजों की जांच चल रही है. साथ ही, सभी छात्रों का मामला कोर्ट में अभी लंबित है.
'एआईएसएफ करेगा आंदोलन'
धरना पर बैठे सभी छात्रों ने आरोप लगाया कि इसकी पहले ही क्यों नहीं जांच की गई. ऐसे में सैकड़ों छात्रों का भविष्य अंधकार में लटक गया है. आंदोलन कर एआईएसएफ के छात्र नेता सुशील कुमार ने कहा कि यदि कोई छात्र सहरसा का है तो उसका नामांकन गोपालगंज में दे दिया गया है. जबकि जिस छात्र का घर हाजीपुर है, उसका नामांकन पटना कॉलेज में दे दिया गया है. ऐसे में छात्रों का गृह क्षेत्र वाले कॉलेजों में दाखिला दिया जाना चाहिए. ताकि पढ़ाई करने में सुगमता हो. अगर इन तमाम बिंदुओं पर राजभवन और विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से मांग पूरी नहीं की जाती है तो एआईएसएफ छात्र संगठन आंदोलन करेंगे. जिससे शांति व्यवस्था में बाधा उत्पन्न होगी.