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पटना: सर्जरी की अनुमति मिलने के बाद आयुर्वेद चिकित्सकों ने भारत सरकार के प्रति निकाली धन्यवाद यात्रा

सर्जरी की अनुमति मिलने के बाद राज्य के आयुष चिकित्सकों और आयुर्वेद कॉलेज के छात्रों ने रविवार को भारत सरकार के प्रति धन्यवाद यात्रा निकाली. यह यात्रा पटना के कदमकुआं स्थित राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय अस्पताल से कारगिल चौक के बीच निकाली गई.

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Published : Dec 7, 2020, 5:01 AM IST

Updated : Dec 15, 2020, 7:28 PM IST

आयुर्वेद चिकित्सकों ने भारत सरकार के प्रति निकाली धन्यवाद यात्रा
आयुर्वेद चिकित्सकों ने भारत सरकार के प्रति निकाली धन्यवाद यात्रा

पटना: भारत सरकार ने पीजी कर चुके आयुष चिकित्सकों को सर्जरी की अनुमति दे दी है. जिस कारण रविवार के दिन राज्य के आयुष चिकित्सकों और आयुर्वेद कॉलेज के छात्रों ने भारत सरकार के प्रति धन्यवाद यात्रा निकाली. यह यात्रा पटना के कदमकुआं स्थित राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय अस्पताल से कारगिल चौक के बीच निकाली गई. जिसमें आयुष चिकित्सा के विभिन्न संगठन शामिल हुए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार को धन्यवाद दिया.

डॉक्टरों ने निकाली धन्यवाद यात्रा
धन्यवाद यात्रा में शामिल विश्व आयुर्वेद परिषद के अध्यक्ष डॉ शिवादित्य ठाकुर ने कहा कि भारत के संविधान में वर्णित प्रावधानों के आधार पर भारत सरकार ने देश के आयुर्वेद चिकित्सकों को शल्य क्रिया का अधिकार दिया है. इस प्राप्त संविधानिक अधिकार के तत्वाधान में आयुर्वेद के सभी शिक्षक, चिकित्सक और छात्र भारत सरकार के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करने के लिए धन्यवाद यात्रा निकाले हुए हैं. उन्होंने कहा कि इस आदेश के लिए भारत के प्रधानमंत्री और आयुष मंत्री और आयुष सचिव को विशेष धन्यवाद देते हैं.

आयुर्वेद चिकित्सकों ने भारत सरकार के प्रति निकाली धन्यवाद यात्रा

शल्य क्रिया की अनुमति से आयुर्वेदिक चिकित्सक खुश
आयुर्वेदिक चिकित्सकों के संगठन नीमा के प्रेसिडेंट डॉक्टर अरुण सिंह ने कहा कि वह इस बात को लेकर बेहद खुश हैं कि सरकार ने उन्हें शल्यक्रिया की अनुमति दे दी है. आयुर्वेद चिकित्सकों को शल्यक्रिया की अनुमति मिलने पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन जो एलोपैथिक डॉक्टरों का संगठन है वह काफी विरोध कर रहा है. इस पर उन्होंने कहा कि जनहित में एलोपैथिक और आयुर्वेदिक चिकित्सकों को साथ साथ मिलजुल कर काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि एलोपैथिक चिकित्सकों को भी पता है कि सर्जरी का जनक आयुर्वेद रहा है.

विश्व की अस्सी प्रतिशत दवाईयां आयुर्वेद से निकलती हैं
छात्रों ने कहा कि विश्व के 80% दवाइयां आयुर्वेद से ही निकली हैं. इसे डब्ल्यूएचओ ने भी माना है. ऐसे में आयुष चिकित्सकों को शल्यक्रिया की अनुमति मिलने का आईएमए जो विरोध कर रहा है वह दुर्भावना से प्रेरित है. उन्होंने कहा कि वह एलोपैथ के चिकित्सकों के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं. मगर यह दुर्भाग्य की बात है कि वह दुर्भावना से प्रेरित है. उन्होंने कहा कि 11 दिसंबर के दिन जहां एलोपैथिक चिकित्सक कार्य बहिष्कार में रहेंगे वही आयुष चिकित्सक और छात्र पूरी शिद्दत के साथ अपने अपने अस्पतालों में जनहित के लिए लोगों की सेवा में डटे रहेंगे.

पटना: भारत सरकार ने पीजी कर चुके आयुष चिकित्सकों को सर्जरी की अनुमति दे दी है. जिस कारण रविवार के दिन राज्य के आयुष चिकित्सकों और आयुर्वेद कॉलेज के छात्रों ने भारत सरकार के प्रति धन्यवाद यात्रा निकाली. यह यात्रा पटना के कदमकुआं स्थित राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय अस्पताल से कारगिल चौक के बीच निकाली गई. जिसमें आयुष चिकित्सा के विभिन्न संगठन शामिल हुए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार को धन्यवाद दिया.

डॉक्टरों ने निकाली धन्यवाद यात्रा
धन्यवाद यात्रा में शामिल विश्व आयुर्वेद परिषद के अध्यक्ष डॉ शिवादित्य ठाकुर ने कहा कि भारत के संविधान में वर्णित प्रावधानों के आधार पर भारत सरकार ने देश के आयुर्वेद चिकित्सकों को शल्य क्रिया का अधिकार दिया है. इस प्राप्त संविधानिक अधिकार के तत्वाधान में आयुर्वेद के सभी शिक्षक, चिकित्सक और छात्र भारत सरकार के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करने के लिए धन्यवाद यात्रा निकाले हुए हैं. उन्होंने कहा कि इस आदेश के लिए भारत के प्रधानमंत्री और आयुष मंत्री और आयुष सचिव को विशेष धन्यवाद देते हैं.

आयुर्वेद चिकित्सकों ने भारत सरकार के प्रति निकाली धन्यवाद यात्रा

शल्य क्रिया की अनुमति से आयुर्वेदिक चिकित्सक खुश
आयुर्वेदिक चिकित्सकों के संगठन नीमा के प्रेसिडेंट डॉक्टर अरुण सिंह ने कहा कि वह इस बात को लेकर बेहद खुश हैं कि सरकार ने उन्हें शल्यक्रिया की अनुमति दे दी है. आयुर्वेद चिकित्सकों को शल्यक्रिया की अनुमति मिलने पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन जो एलोपैथिक डॉक्टरों का संगठन है वह काफी विरोध कर रहा है. इस पर उन्होंने कहा कि जनहित में एलोपैथिक और आयुर्वेदिक चिकित्सकों को साथ साथ मिलजुल कर काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि एलोपैथिक चिकित्सकों को भी पता है कि सर्जरी का जनक आयुर्वेद रहा है.

विश्व की अस्सी प्रतिशत दवाईयां आयुर्वेद से निकलती हैं
छात्रों ने कहा कि विश्व के 80% दवाइयां आयुर्वेद से ही निकली हैं. इसे डब्ल्यूएचओ ने भी माना है. ऐसे में आयुष चिकित्सकों को शल्यक्रिया की अनुमति मिलने का आईएमए जो विरोध कर रहा है वह दुर्भावना से प्रेरित है. उन्होंने कहा कि वह एलोपैथ के चिकित्सकों के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं. मगर यह दुर्भाग्य की बात है कि वह दुर्भावना से प्रेरित है. उन्होंने कहा कि 11 दिसंबर के दिन जहां एलोपैथिक चिकित्सक कार्य बहिष्कार में रहेंगे वही आयुष चिकित्सक और छात्र पूरी शिद्दत के साथ अपने अपने अस्पतालों में जनहित के लिए लोगों की सेवा में डटे रहेंगे.

Last Updated : Dec 15, 2020, 7:28 PM IST
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