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फरार आईपीएस के खिलाफ EOU जारी कर सकता है इश्तेहार, सरेंडर नहीं करने पर होगी कुर्की - Economic Offenses Unit can issue advertisement

फरार चल रहे आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार के खिलाफ इश्तेहार जारी हो सकती है. EOU (आर्थिक अपराध इकाई) आदित्य कुमार के घर सरेंडर नहीं करने पर कुर्की (Attachment may happen at IPS Aditya Kumar house) करवा सकती है.

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Published : Nov 12, 2022, 4:44 PM IST

पटना: बिहार के निलंबित आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार की मुश्किलें बढ़ती दिख (Attachment may happen at IPS Aditya Kumar house) रही है. गया के पूर्व एसएसपी आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद वह फरार चल रहे हैं. फरार चल रहे आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार के खिलाफ जल्द ही आर्थिक अपराध इकाई इश्तेहार जारी कर सकती है. दरअसल, गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद अब तक आर्थिक अपराध इकाई को आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार चकमा दे रहे हैं. यदि वह जल्द नहीं पकड़े जाएंगे तो उनके खिलाफ जारी वारंट को लौटते हुए उनके खिलाफ इश्तेहार जारी करने का अनुरोध न्यायालय से किया जाएगा. उनके खिलाफ इश्तेहार जारी होने के बाद भी वह अगर हाजिर नहीं हुए तो उनकी कुर्की जब्ती की जाएगी.

ये भी पढ़ेंः सीनियर IPS आदित्य कुमार के खिलाफ वारंट जारी, गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम का गठन

आदित्य कुमार लगातार ने अपनी अग्रिम जमानत के लिए पटना सिविल कोर्ट में एंटीसेपिटरी बेल के लिए आवेदन किया है. इस पर कल सुनवाई हुई थी और न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रखते हुए आर्थिक अपराध इकाई से केस डायरी की मांग की है और 18 नवंबर को इस मामले में सुनवाई होनी है.

बिहार से बाहर छुपे हैं आदित्य कुमार:आर्थिक अपराध इकाई की विशेष गठित टीम एस आईटी के विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक अगर इनकी गिरफ्तारी जल्द नहीं की जाएगी तो इनके ठिकानों पर कुर्की जब्ती भी की जा सकती है. जानकारी के मुताबिक यह टीम बिहार के साथ दूसरे राज्यों में भी आदित्य कुमार की तलाश करेगी. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आदित्य कुमार बिहार के बाहर छिपे हैं. राज्य में उनके संबंधित ठिकानों पर लगातार दबिश दी जा रही है. आर्थिक अपराध इकाई आईपीएस आदित्य कुमार से पूछताछ करना चाहती है.

अपने दोस्त से डीजीपी को कराया था काॅलः दरअसल, आदित्य पर अपने विभाग के सबसे बड़े अधिकारी डीजीपी पर अपने लाभ के लिए दबाव डलवाने का आरोप है. आदित्य के इशारे पर उसके दोस्त अभिषेक अग्रवाल ने मुख्य न्यायाधीश के नाम पर अधिकारियों को कॉल किया. अभिषेक ने खुद को बिहार का मुख्य न्यायाधीश बताकर डीजीप एसके सिंघल को कॉल किया और एक मामले में आदित्य को रिलीफ देने का दबाव बनाया. आदित्य कुमार पर गया के एसपी रहते शराब माफिया से सांठ गांठ का आरोप था. शराब माफिया से मिलीभगत कर आदित्य ने अवैध संपत्ति कमाई है. इस मामले में आदित्य कुमार अभियुक्त हैं.

2011 बैच के आईपीएस हैं आदित्य कुमारः 2011 बैच के आईपीएस आदित्य कुमार गया के एसएसपी हुआ करते थे. मुख्यमंत्री के आदेश पर गया के तत्कालीन एसएसपी आदित्य कुमार के खिलाफ फतेहपुर थाने में उत्पाद अधिनियम की धारा 51 के तहत 312/2022 मुकदमा दर्ज कराया गया था. इसमें थाना प्रभारी संजय कुमार और आदित्य कुमार अभियुक्त थे. आदित्य कुमार को दंड स्वरूप गया से हटाया गया. कोर्ट से वारंट जारी होने के बाद आदित्य कुमार लंबे समय तक छुट्टी पर रहे. लेकिन हाई कोर्ट से बेल मिलने के बाद पुलिस मुख्यालय में एआईजी इंस्पेक्शन के पद पर उनकी जॉइनिंग हुई

CM नीतीश के निर्देश पर दर्ज हुआ था FIR: 2011 बैच के आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार गया के एसएसपी थे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर उन पर आईपीसी की धारा 353, 387, 419, 420, 467, 468, 120बी, 66सी और 66 के तहत फतेहपुर थाने में मामला दर्ज किया गया था. उनके अलावा फतेहपुर के एसएचओ संजय कुमार को भी सह आरोपी बनाया गया है.चीफ-जस्टिस बना DGP को कराए फोन : पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल के रूप में अभिषेक अग्रवाल ने बिहार के डीजीपी को मुख्य न्यायाधीश के डीपी वाले फोन नंबर से 30 से अधिक कॉल किए थे. बिहार के डीजीपी ने अपनी रिपोर्ट में आदित्य कुमार के खिलाफ उस मामले में गलत तथ्य की ओर इशारा किया था. नतीजतन, वह पुलिस मुख्यालय पटना में एआईजी में शामिल हो गए.

पटना: बिहार के निलंबित आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार की मुश्किलें बढ़ती दिख (Attachment may happen at IPS Aditya Kumar house) रही है. गया के पूर्व एसएसपी आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद वह फरार चल रहे हैं. फरार चल रहे आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार के खिलाफ जल्द ही आर्थिक अपराध इकाई इश्तेहार जारी कर सकती है. दरअसल, गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद अब तक आर्थिक अपराध इकाई को आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार चकमा दे रहे हैं. यदि वह जल्द नहीं पकड़े जाएंगे तो उनके खिलाफ जारी वारंट को लौटते हुए उनके खिलाफ इश्तेहार जारी करने का अनुरोध न्यायालय से किया जाएगा. उनके खिलाफ इश्तेहार जारी होने के बाद भी वह अगर हाजिर नहीं हुए तो उनकी कुर्की जब्ती की जाएगी.

ये भी पढ़ेंः सीनियर IPS आदित्य कुमार के खिलाफ वारंट जारी, गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम का गठन

आदित्य कुमार लगातार ने अपनी अग्रिम जमानत के लिए पटना सिविल कोर्ट में एंटीसेपिटरी बेल के लिए आवेदन किया है. इस पर कल सुनवाई हुई थी और न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रखते हुए आर्थिक अपराध इकाई से केस डायरी की मांग की है और 18 नवंबर को इस मामले में सुनवाई होनी है.

बिहार से बाहर छुपे हैं आदित्य कुमार:आर्थिक अपराध इकाई की विशेष गठित टीम एस आईटी के विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक अगर इनकी गिरफ्तारी जल्द नहीं की जाएगी तो इनके ठिकानों पर कुर्की जब्ती भी की जा सकती है. जानकारी के मुताबिक यह टीम बिहार के साथ दूसरे राज्यों में भी आदित्य कुमार की तलाश करेगी. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आदित्य कुमार बिहार के बाहर छिपे हैं. राज्य में उनके संबंधित ठिकानों पर लगातार दबिश दी जा रही है. आर्थिक अपराध इकाई आईपीएस आदित्य कुमार से पूछताछ करना चाहती है.

अपने दोस्त से डीजीपी को कराया था काॅलः दरअसल, आदित्य पर अपने विभाग के सबसे बड़े अधिकारी डीजीपी पर अपने लाभ के लिए दबाव डलवाने का आरोप है. आदित्य के इशारे पर उसके दोस्त अभिषेक अग्रवाल ने मुख्य न्यायाधीश के नाम पर अधिकारियों को कॉल किया. अभिषेक ने खुद को बिहार का मुख्य न्यायाधीश बताकर डीजीप एसके सिंघल को कॉल किया और एक मामले में आदित्य को रिलीफ देने का दबाव बनाया. आदित्य कुमार पर गया के एसपी रहते शराब माफिया से सांठ गांठ का आरोप था. शराब माफिया से मिलीभगत कर आदित्य ने अवैध संपत्ति कमाई है. इस मामले में आदित्य कुमार अभियुक्त हैं.

2011 बैच के आईपीएस हैं आदित्य कुमारः 2011 बैच के आईपीएस आदित्य कुमार गया के एसएसपी हुआ करते थे. मुख्यमंत्री के आदेश पर गया के तत्कालीन एसएसपी आदित्य कुमार के खिलाफ फतेहपुर थाने में उत्पाद अधिनियम की धारा 51 के तहत 312/2022 मुकदमा दर्ज कराया गया था. इसमें थाना प्रभारी संजय कुमार और आदित्य कुमार अभियुक्त थे. आदित्य कुमार को दंड स्वरूप गया से हटाया गया. कोर्ट से वारंट जारी होने के बाद आदित्य कुमार लंबे समय तक छुट्टी पर रहे. लेकिन हाई कोर्ट से बेल मिलने के बाद पुलिस मुख्यालय में एआईजी इंस्पेक्शन के पद पर उनकी जॉइनिंग हुई

CM नीतीश के निर्देश पर दर्ज हुआ था FIR: 2011 बैच के आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार गया के एसएसपी थे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर उन पर आईपीसी की धारा 353, 387, 419, 420, 467, 468, 120बी, 66सी और 66 के तहत फतेहपुर थाने में मामला दर्ज किया गया था. उनके अलावा फतेहपुर के एसएचओ संजय कुमार को भी सह आरोपी बनाया गया है.चीफ-जस्टिस बना DGP को कराए फोन : पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल के रूप में अभिषेक अग्रवाल ने बिहार के डीजीपी को मुख्य न्यायाधीश के डीपी वाले फोन नंबर से 30 से अधिक कॉल किए थे. बिहार के डीजीपी ने अपनी रिपोर्ट में आदित्य कुमार के खिलाफ उस मामले में गलत तथ्य की ओर इशारा किया था. नतीजतन, वह पुलिस मुख्यालय पटना में एआईजी में शामिल हो गए.

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