पटना: अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद (Murder of Atiq Ahmed and Ashraf Ahmed) की हत्या के बाद राष्ट्रीय जनता दल ने उत्तर प्रदेश सरकार पर हमला बोला है. पार्टी के वरिष्ठ नेता व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में कानून का राज नहीं है. रविवार को एक बयान जारी करते हुए शिवानंद तिवारी ने कहा कि अतीक अहमद ने 29 मार्च को मीडिया को बताया था कि किसी बहाने उसको जेल से बाहर लाया जाएगा और उसकी हत्या करवा दी जाएगी.
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"अतीक पर सौ से ज़्यादा मामले चल रहे थे. अगर क़ानून अपना काम करता तो संभव था कि अतीक को फांसी की सजा हो जाती. इस पर किसी को एतराज नहीं होता. लेकिन जिस प्रकार अतीक की हत्या का अवसर दिया गया गया, इससे तो यह साबित हो गया है कि वहां की सरकार को क़ानून और न्यायिक प्रक्रिया पर यक़ीन नहीं है. जहां क़ानून और विधान का राज नहीं है वही जंगल राज है. जहां जंगल राज है वहां के लिए भारतीय संविधान में अनुच्छेद 356 का प्रावधान है"- शिवानंद तिवारी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, राजद
सुरक्षा में चूक कैसेः शिवानंद तिवारी ने कहा कि 29 मार्च को अतीक ने मीडिया को जो जानकारी दी थी वह 15 अप्रैल को सच साबित हो गई. अतीक प्रकरण को टीवी मीडिया जिस प्रकार चौबीसो घंटा दिखा रहा था, उससे कम टीवी देखने वाले भी उन खबरों से वाक़िफ हैं. उन्होंने कहा कि क़ैदी गाड़ी से अतीक को जब उतारा जाता था तो पुलिस वालों की फ़ौज उसको चारो ओर से घेरे रहती थी. मीडिया वाले उस घेरे के अंदर सवाल पूछने के लिए उसके नजदीक पहुंच जाएं यह तो संभव ही नहीं था. क़ैदी गाड़ी में बैठे अतीक से मीडिया वाले कभी-कभी बाइट ले लेते थे.
अतीक पर सौ से ज़्यादा मामलेः शिवानंद तिवारी ने सवाल उठाया कि शनिवार की रात गाड़ी से उतार कर अस्पताल में ले जाते समय मीडिया वालों को अतीक से बातचीत की इजाजत कैसे दे दी गई. उसी बीच मीडिया कर्मी के रूप में आये हत्यारों को मौका मिला और उन्होंने अतीक को जो आशंका थी उसको सच साबित कर दिया. शिवानंद तिवारी ने कहा कि अतीक पर सौ से ज़्यादा मामले चल रहे थे. अगर क़ानून अपना काम करता तो संभव था कि अतीक को फांसी की सजा हो जाती.