पटनाः बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद नए विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी (Assembly Speaker Awadh Bihari Chowdhury) इन दिनों सक्रिय हैं. विधानसभा समस्याओं और तैयारियों के बारे में अधिकारियों के साख बैठर (Awadh Bihari Chowdhury Meeting With Staffs) कर विभिन्न प्रकार की जानकारी ली. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा निर्वाचित होने के बाद मैंने जानकारी लिया कि विधानसभा अध्यक्ष की क्या जिम्मेवारी है, तो मुझे पता चला एक तो विधाई कार्य और दूसरा विधान सभा सचिवालय का प्रशासनिक कार्य भी है.बता दें कि बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष विजय सिन्हा अब बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बन गए हैं. वहीं अवध बिहारी चौधरी आरजेडी के विधायक हैं और अब बिहार विधानसभा अध्यक्ष की महत्वपूर्ण भूमिका में हैं.
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"माननीय के बेहतर व्यवहार करना और विधानसभा की गरिमा हमेशा बनी रहे. इसका प्रयास सभी कर्मचारी और अधिकारी करें. अनुशासन के साथ अपना कार्य पूरा करें."-अवध बिहारी चौधरी, विधानसभा अध्यक्ष
1985 में सीवान सीट से बने थे पहली बार विधायकः अवध बिहारी चौधरी का जन्म 17 अगस्त 1954 को सिवान के पटवा में एक किसान परिवार में हुआ था. वे छह बार विधायक रहे हैं. इनके पास चार दशक का सियासी अनुभव है. जमीन से जुड़े हुए नेता हैं और सियासी संघर्ष से अपनी राजनीतिक जगह बनाई है. अवध बिहार आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के करीबी माने जाते हैं. इसके अलावा उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से भी इनके अच्छे संबंध है. जमीन से जुड़े हुए नेता हैं काफी संघर्ष के बाद राजनीतिक में अपनी जगह बनाई है. कहा जाता है कि अवध बिहार चौधरी को सियासी बुलंदी पर लाने वाले सिवान से दिवंगत सांसद शहाबुद्दीन की भी भूमिका रही है. अवध बिहार चौधरी जनता दल के टिकट पर पहली बार 1985 में सीवान सीट से विधायक बने थे, बाद में जब लालू प्रसाद यादव ने आरजेडी बनाई तो उनके साथ हो लिए. इसके बाद साल 2005 तक लगातार सीवान से विधायक रहे. इस दौरान वह सरकार में मंत्री भी रहे है और कई विभागों की जिम्मेदारी संभाली.
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