पटना: बिहार में विश्वविद्यालयों को विश्व स्तर का बनाया जा रहा है. उसी क्रम में बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय पटना में एशिया का पहला एनिमल वर्चुअल डिसेक्सन टेबल लगाया गया है. यह संयंत्र शरीर के रचना विभाग में लगाया गया है. जिससे स्टूडेंट्स को पढ़ाने में सहूलियत हो रही है. इस संयंत्र से 3D पिक्चर के माध्यम से सभी अंग साफ-साफ दिखाई देते हैं.
मृत पशुओं के अंग की कोई जरूरत नहीं
पशु क्रूरता अधिनियम आने के बाद स्टूडेंट को पढ़ाने में दिक्कत हो रही थी. ऐसे में वर्चुअल डिसेक्शन टेबल की महत्ता बढ़ गई है. इसके आ जाने से मृत जानवरों के अंगों को प्रयोगशाला में रखने की भी जरूरत नहीं पड़ती है. संयंत्र के आ जाने से अब मृत पशु के अंग का उपयोग पढ़ाई करने में नहीं लाया जाता है. शरीर रचना विभाग के प्राध्यापक यह मानते हैं कि अब स्लॉटर हाउस से मृत पशुओं के अंग को पशु विज्ञान विश्वविद्यालय पटना में लाने की कोई जरूरत नहीं है.
यह गर्व की बात है
निश्चित तौर पर यह बहुत बड़ा प्रयोग है. आपको बता दें कि बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय पशु चिकित्सा के अध्ययन के लिए बिहार का एकमात्र संस्थान है. इस संस्थान से अधिकांश पशु चिकित्सक बिहार में पशुपालन कार्य को आगे बढ़ाने में किसानों की सहायता करते हैं. ऐसे में अगर पढ़ाई के लिए नए संयंत्र लगाए गए हैं, तो बिहार के लिए गर्व की बात है. छात्रों की सुविधा के लिए यह एक अनोखी पहल है. अब वह दिन दूर नहीं कि प्रैक्टिकल के लिए पशु अंग स्लॉटर हाउस से लाने की बाध्यता खत्म हो जाएगी.