पटना: बिहार राज्य आशा संघ ने अपनी 17 सूत्री मांगों को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और पटना के केदार भवन से आशा संघ ने विरोध मार्च निकाला. जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षाबलों की तैनाती की गई थी. कोविड-19 के मध्य नजर रखते हुए उन्हें मार्च निकालने नहीं दिया गया.
सुरक्षाबलों से हुई नोकझोंक
हालांकि जिला प्रशासन के लोगों और सुरक्षाबलों से आशा कर्मियों के बीच हल्की नोकझोंक भी हुई. जिसके बाद सिटी मजिस्ट्रेट ने उन्हें समझा कर शांत किया और उनका ज्ञापन लिया. प्रदर्शन कर रहे आशा कर्मियों ने कहा कोरोना के जंग में आशा कर्मी लगातार अपना सहयोग कर रही हैं लेकिन सरकार की ओर से कोई मदद नहीं की जा रही है.
बकाया राशि को सरकार जल्द करें भुगतान
बता दें कि वर्ष 2016 से ही विभिन्न योजनाओं में आशा कर्मियों की राशि बकाया है जिसे आज तक सरकार ने नहीं दिया है. इस परेशानी की घड़ी में दिन रात कार्य कर रही आशा कर्मियों ने सरकार से मांग की है कि उनका बकाया राशि है उन्हें जल्द से जल्द भुगतान किया जाए.
आशा कर्मियों की प्रमुख मांगे
- आशा कर्मियों को अस्थाई कर्मचारी का दर्जा दिया जाए.
- आशा कर्मियों को बजट बनाकर नियुक्ति पत्र दी जाए.
- आशा कर्मियों को न्यूनतम मानदेय ₹21000 दिया जाए.
- वर्ष 2016 से सभी बकाया राशि की भुगतान की जाए.
- कोरोना से जिन आशा कर्मियों की मृत्यु हुई है उनके परिवार को 50 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए.
- आशा कर्मियों को एएनएम में प्रशिक्षण देकर 50% आशाओं का समायोजन किया जाए.
- आशा कर्मियों को मास्क, सैनिटाइजर और अन्य चीजों की सुविधा दी जाए.