कटक: उड़ीसा हाईकोर्ट ने बहनागा ट्रेन दुर्घटना मामले में कथित संलिप्तता के लिए सीबीआई द्वारा गिरफ्तार तीन आरोपियों को सशर्त जमानत दे दी. इस हादसे में लगभग 300 यात्रियों की मौत हो गई थी जबकि 700 अन्य घायल हो गए थे. पिछले साल जून तीन ट्रेनें आपस में भीड़ गई थी. जिन आरोपियों को जमानत मिली है उनमें वरिष्ठ सेक्शन इंजीनियर (सिग्नल) अरुण कुमार महंत, सेक्शन इंजीनियर मोहम्मद आमिर खान और तकनीशियन पप्पू कुमार शामिल हैं.
न्यायमूर्ति आदित्य कुमार महापात्रा की एकल पीठ ने वरिष्ठ सेक्शन इंजीनियर (सिग्नल) अरुण कुमार महंत, सेक्शन इंजीनियर मोहम्मद आमिर खान और तकनीशियन पप्पू कुमार की जमानत याचिका पर संयुक्त रूप से सुनवाई करते हुए उन्हें 50-50 हजार रुपये के जमानती बांड और इतनी ही राशि के दो स्थानीय जमानती पेश करने पर जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया.
हाईकोर्ट ने छह अन्य शर्तें भी निर्धारित की हैं जिनमें कहा गया है कि जमानत इस शर्त पर दी जाती है कि रेलवे अधिकारी उसी डिवीजन में नहीं होंगे जहां दुर्घटना हुई थी. जमानत की अन्य शर्तों में यह शामिल है कि आरोपी व्यक्ति मामले की प्रत्येक तारीख को ट्रायल कोर्ट के समक्ष उपस्थित होंगे. वे आगे की जांच के लिए जांच अधिकारी के समक्ष उपस्थित होंगे. साथ ही वे किसी भी तरह से साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेंगे और वे अपने पासपोर्ट यदि कोई हो तो ट्रायल कोर्ट के समक्ष जमा करेंगे और देश नहीं छोड़ेंगे. इसके साथ ही वे गवाहों को धमकाएंगे या प्रभावित नहीं करेंगे.
दुर्घटना के बाद रेलवे विभाग ने सुरक्षा आयुक्त की अध्यक्षता में विभागीय जांच शुरू की है, जबकि सीबीआई ने भी जांच शुरू कर दी है. न केवल तकनीकी त्रुटियां बल्कि आतंकी साजिश, सिग्नल हैकिंग और छेड़छाड़ जैसे पहलू भी संदेह के घेरे में आए. उसी दिन रेलवे के कई अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था. एक महीने से अधिक समय तक चली जांच के बाद पता चला कि यह सिग्नल में मानवीय भूल के कारण हादसा हुआ था. सीनियर सेक्शन इंजीनियर (सिग्नल) अरुण कुमार महंत, सेक्शन इंजीनियर मोहम्मद खान, टेक्नीशियन पप्पू जाधव को सीबीआई ने गिरफ्तार किया.