पटनाः कला संस्कृति एवं युवा विभाग बिहार की योजना फिर से पेंडिंग पड़ गई है. कला संस्कृति मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा था कि जल्द से जल्द निजी संस्थाओं को अनुदान और बिहार का सम्मान योजना का निष्पादन कर दिया जाएगा. लेकिन विभाग की यह दोनों योजनाएं फिर से अटक गई हैं.
इस मामले पर हमने विभाग के मंत्री से पूछा कि मामला कहां फंस रहा है, तो उन्होंने कहा कि विभाग ने अपनी तरफ से सभी तैयारियां कर ली हैं. सभी चीजें हो चुकी हैं. अब इसकी उच्चस्तरीय समीक्षा होगी. उसके बाद ही मामले का निष्पादन होगा.
मुख्यमंत्री स्तर की समीक्षा होनी बाकी है
कला संस्कृति विभाग ने सभी चीजें पूरी कर ली हैं. इससे साफ जाहिर होता है कि उच्चस्तरीय समीक्षा मतलब मुख्यमंत्री स्तर की समीक्षा होनी बाकी है. जिस वजह से यह दोनों योजनाएं फिर से अटक गई हैं. दरअसल, बिहार सरकार का कला संस्कृति एवं युवा विभाग हर वर्ष निजी संस्थाओं को अनुदान देता है.
लेकिन पिछले 2 वर्षों से इस योजना का लाभ किसी संस्था को नहीं मिला है. कारण यह है कि विभाग में कई मंत्री बदल गए, जिस कारण यह योजना धरी की धरी रह गई .
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30 हजार से 75 हजार है अनुदान की राशि
जब इस मसले पर हमने कला संस्कृति मंत्री प्रमोद कुमार से बात कि तो उन्होंने मामले में तुरंत संज्ञान लिया और अपने अधिकारियों को आदेश भी दिया कि जल्द से जल्द पूरी प्रक्रिया की अनुशंसा की जाए. अनुदान दिया जाए. आपको बता दें कि 30 हजार से लेकर 75 हजार तक राशि अनुदान के रूप में संस्था को दी जाती है.
हालांकि इससे पहले कई बार ऐसा हुआ की अनुदान मिलने वाली संस्थाओं में कुछ नाम ऐसे भी थे जिन्हें कोई जानता तक नहीं था. क्योंकि उन संस्थाओं ने कभी कोई कार्य नहीं किया था.
बिहार कला पुरस्कार भी देने की थी योजना
कला संस्कृति विभाग के मंत्री प्रमोद कुमार ने मामले में संज्ञान लिया था और कहा था की जल्द से जल्द सभी संस्थाओं को अनुदान की राशि उपलब्ध कराई जाएगी. साथ इस साल बिहार कला पुरष्कार भी दिया जाएगा. विभाग ने अपने स्तर से तो सभी तैयारियां कर ली हैं, लेकिन मामला फिर जाकर फंस गया.
अब देखना यह है कि क्या इस साल अनुदान और बिहार कला सम्मान का निष्पादन हो पाता है या नहीं.