ETV Bharat / state

BPSC Paper Leak Case: मुख्य आरोपी पिंटू यादव और उसके 2 साथियों की गिरफ्तारी वारंट के लिए कोर्ट में अर्जी - ETB Bharat Bihar News

बीपीएससी पेपर लीक मामले में मुख्य आरोपी और उसके दो साथियों की गिरफ्तारी के लिए ईओयू ने कोर्ट से वारंट के लिए अर्जी दाखिल (Application Filed In Court For Arrest Warrant) की है. जांच टीम मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी के लिए बिहार के साथ-साथ आसपास के राज्यों से भी संपर्क कर रही है. पढ़ें पूरी खबर..

BPSC Paper Leak Case
BPSC Paper Leak Case
author img

By

Published : May 18, 2022, 3:23 PM IST

पटना: बीपीएससी 67वीं पीटी के प्रश्न पत्र लीक (BPSC Paper Leak Case) मामले की जांच आर्थिक अपराध इकाई कर रही है. आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा गठित की गई एसआईटी की टीम के द्वारा जांच का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है. एसआईटी की टीम के द्वारा चार संदिग्धों की तलाश के लिए पटना, नवादा और भोजपुर के अलावे कई जगहों पर छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है. प्रश्न-पत्र लिखे और उसे वायरल करने में जिन शब्दों की भूमिका सामने आई है. उनके सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म से जानकारी मांगी गई है. विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एसआईटी ने सीआरपीसी के तहत टेलीग्राम और google.com से जानकारी मांगी है.

ये भी पढ़ें-BPSC Paper Leak Case: आर्थिक अपराध इकाई की छापेमारी जारी, हिरासत में लिए गए कई संदिग्ध

गिरफ्तारी वारंट के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल: बीपीएससी पेपर लीक मामले में मुख्य अभियुक्त पिंटू यादव की तलाश के लिए आर्थिक अपराध इकाई के एसआईटी की टीम लगातार छापेमारी कर रही है. आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा पिंटू यादव के साथ-साथ उनके दो अन्य साथियों की भी गिरफ्तारी के लिए कोर्ट से वारंट लेने के लिए अर्जी भी दायर की गई है. आर्थिक अपराध इकाई की विशेष टीम के द्वारा मिल रही जानकारी के अनुसार कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट मिलने के बाद बिहार सहित अन्य राज्यों में भी इनकी गिरफ्तारी के लिए अभियान चलाया जाएगा. इसके बावजूद भी अगर वह गिरफ्तार नहीं होता है, तो उसके घरों की कुर्की जब्ती की जाएगी. दरअसल, मुख्य आरोपी पिंटू यादव के खाते को जब चेक किया गया तो उसके खाते में 6 लाख रुपये जमा मिले, जिसे फ्रीज कर दिया गया है और इनके द्वारा लेनदेन ट्रांजैक्शन की जांच की जा रही है.

ग्रामीण विभाग पर उठ रहे सवाल: बीपीएससी पेपर लीक मामले में आरा के वीर कुंवर सिंह कॉलेज पर बने परीक्षा केंद्र पर तैनात बतौर स्टैटिक मजिस्ट्रेट, बड़हरा वीडियो जयवर्धन गुप्ता को प्रश्न-पत्र वायरल मामले में हालांकि गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. हालांकि, जांच में यह बात सामने आई है कि वीडियो के पद पर इनकी तैनाती 4 वर्ष निलंबित रहने के बाद मार्च 2021 में फिर से BDO के पद पर कर दी गई थी. मिल रही जानकारी के अनुसार वीडियो जयवर्धन गुप्ता पहले भी पकड़े जा चुके थे. इसके बावजूद भी इन्हें इन 4 वर्ष के बाद फिर से वीडियो के पद पर तैनात कर दिया गया. बीडीओ के पद पर दोबारा ज्वाइन करने को लेकर ग्रामीण विकास विभाग पर भी सवाल उठ रहा है, क्योंकि इनके साथ-साथ 8 बीडीओ को भी जेल जाने के और निलंबित होने के बावजूद फिर से बीडीओ बना दिया गया था.

मास्टर माइंड की तलाश तेज: आपको बता दें कि, बिहार लोक सेवा आयोग की संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा के पेपर लीक मामले में आर्थिक अपराध इकाई की टीम के द्वारा मास्टरमाइंड आनंद गौरव उर्फ पिंटू यादव की तलाश तेज कर दी गई है. राजधानी पटना सहित कई स्थानों पर छापेमारी की जा रही है. आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा गिरफ्तार किए गए युवकों से पूछताछ के दौरान कई और सदस्यों के नाम सामने आए हैं. पेपर लीक मामले के गिरोह का मास्टरमाइंड आनंद और पिंटू वर्ष 2015 में उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में अध्यापक भर्ती घोटाले में भी गिरफ्तार हो चुका है. ऐसे में आर्थिक अपराध इकाई की टीम उत्तर प्रदेश पुलिस से भी उस के सिलसिले की जानकारी जुटाने में जुटी है.

दूसरे राज्यों से भी जोड़कर देखा जा रहा मामला: पेपर लीक मामले का दायरा बिहार से बढ़कर दूसरे राज्य तक जोड़कर देखा जा रहा है. गिरोह का मास्टरमाइंड गौरव के खाते को फ्रीज कर उसके लेनदेन को खंगाला जा रहा है. विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार जिन पर प्रश्न-पत्र लिखकर के बदले खाते में पैसे जमा कराने का शक है, उनमें कई वीआईपी के रिश्तेदार भी शामिल हैं. जिन 4 लोगों की गिरफ्तारी किया गया है उनका मुख्य काम कैंडिडेट ढूंढ कर उनसे पैसे वसूलना था. माना जा रहा है कि जांच के दायरे में कई सफेदपोश यानी कि नेता भी आ सकते हैं. आरा वीर कुंवर सिंह कॉलेज के सेंटर के साथ-साथ बिहार के कई जिलों के सेंटर मैनेज होने का शक जताया जा रहा है.

94 मिनट पहले पेपर हुआ था वायरल: ईओयू को जांच के दौरान यह भी पता चला है कि परीक्षा 12 बजे से शुरू होना था लेकिन 1 घंटे पहले यानी कि 10.24 में ही प्रश्न-पत्र को स्कैन किया गया था, जो कि 96 मिनट पहले हुआ था. आर्थिक अपराध इकाई द्वारा यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि प्रश्न-पत्र को आखिर किसने सबसे पहले स्कैन किया था. जिसके बाद सोशल मीडिया पर वायरल किया गया था. सूत्रों से यही पता चल रहा है कि वीर कुंवर सिंह कॉलेज में यूपी के अभ्यर्थियों का भी सेंटर पड़ा था. जिस वजह से उसका दायरा और बढ़ता जा रहा है. आर्थिक अपराध इकाई की एसआईटी की टीम के द्वारा वैसे लोगों की भी तलाश की जा रही जो पर्दे के पीछे से पूरा खेल कर रहे थे.

विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस बात पर भी जांच की जा रही है कि बिहार लोक सेवा आयोग के सी सेट का क्वेश्चन पेपर ऐसे ही वायरल हुआ था या किसी सोची समझी साजिश के तहत कराया गया था, ताकि एग्जाम को कैसे कराया जा सके. आर्थिक अपराध इकाई की जांच टीम कोई अभी पता चला है कि जिन कैंडिडेट से लाखों रुपए लेकर एग्जाम शुरू होने से पहले क्वेश्चन पेपर पहुंचाने का प्रॉमिस किया गया था. वह फेल हो गया था. जिस वजह से क्वेश्चन पेपर्स समय से काफी लेट उन तक पहुंचा था. फिलहाल ईओयू की जांच जारी है.

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

पटना: बीपीएससी 67वीं पीटी के प्रश्न पत्र लीक (BPSC Paper Leak Case) मामले की जांच आर्थिक अपराध इकाई कर रही है. आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा गठित की गई एसआईटी की टीम के द्वारा जांच का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है. एसआईटी की टीम के द्वारा चार संदिग्धों की तलाश के लिए पटना, नवादा और भोजपुर के अलावे कई जगहों पर छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है. प्रश्न-पत्र लिखे और उसे वायरल करने में जिन शब्दों की भूमिका सामने आई है. उनके सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म से जानकारी मांगी गई है. विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एसआईटी ने सीआरपीसी के तहत टेलीग्राम और google.com से जानकारी मांगी है.

ये भी पढ़ें-BPSC Paper Leak Case: आर्थिक अपराध इकाई की छापेमारी जारी, हिरासत में लिए गए कई संदिग्ध

गिरफ्तारी वारंट के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल: बीपीएससी पेपर लीक मामले में मुख्य अभियुक्त पिंटू यादव की तलाश के लिए आर्थिक अपराध इकाई के एसआईटी की टीम लगातार छापेमारी कर रही है. आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा पिंटू यादव के साथ-साथ उनके दो अन्य साथियों की भी गिरफ्तारी के लिए कोर्ट से वारंट लेने के लिए अर्जी भी दायर की गई है. आर्थिक अपराध इकाई की विशेष टीम के द्वारा मिल रही जानकारी के अनुसार कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट मिलने के बाद बिहार सहित अन्य राज्यों में भी इनकी गिरफ्तारी के लिए अभियान चलाया जाएगा. इसके बावजूद भी अगर वह गिरफ्तार नहीं होता है, तो उसके घरों की कुर्की जब्ती की जाएगी. दरअसल, मुख्य आरोपी पिंटू यादव के खाते को जब चेक किया गया तो उसके खाते में 6 लाख रुपये जमा मिले, जिसे फ्रीज कर दिया गया है और इनके द्वारा लेनदेन ट्रांजैक्शन की जांच की जा रही है.

ग्रामीण विभाग पर उठ रहे सवाल: बीपीएससी पेपर लीक मामले में आरा के वीर कुंवर सिंह कॉलेज पर बने परीक्षा केंद्र पर तैनात बतौर स्टैटिक मजिस्ट्रेट, बड़हरा वीडियो जयवर्धन गुप्ता को प्रश्न-पत्र वायरल मामले में हालांकि गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. हालांकि, जांच में यह बात सामने आई है कि वीडियो के पद पर इनकी तैनाती 4 वर्ष निलंबित रहने के बाद मार्च 2021 में फिर से BDO के पद पर कर दी गई थी. मिल रही जानकारी के अनुसार वीडियो जयवर्धन गुप्ता पहले भी पकड़े जा चुके थे. इसके बावजूद भी इन्हें इन 4 वर्ष के बाद फिर से वीडियो के पद पर तैनात कर दिया गया. बीडीओ के पद पर दोबारा ज्वाइन करने को लेकर ग्रामीण विकास विभाग पर भी सवाल उठ रहा है, क्योंकि इनके साथ-साथ 8 बीडीओ को भी जेल जाने के और निलंबित होने के बावजूद फिर से बीडीओ बना दिया गया था.

मास्टर माइंड की तलाश तेज: आपको बता दें कि, बिहार लोक सेवा आयोग की संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा के पेपर लीक मामले में आर्थिक अपराध इकाई की टीम के द्वारा मास्टरमाइंड आनंद गौरव उर्फ पिंटू यादव की तलाश तेज कर दी गई है. राजधानी पटना सहित कई स्थानों पर छापेमारी की जा रही है. आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा गिरफ्तार किए गए युवकों से पूछताछ के दौरान कई और सदस्यों के नाम सामने आए हैं. पेपर लीक मामले के गिरोह का मास्टरमाइंड आनंद और पिंटू वर्ष 2015 में उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में अध्यापक भर्ती घोटाले में भी गिरफ्तार हो चुका है. ऐसे में आर्थिक अपराध इकाई की टीम उत्तर प्रदेश पुलिस से भी उस के सिलसिले की जानकारी जुटाने में जुटी है.

दूसरे राज्यों से भी जोड़कर देखा जा रहा मामला: पेपर लीक मामले का दायरा बिहार से बढ़कर दूसरे राज्य तक जोड़कर देखा जा रहा है. गिरोह का मास्टरमाइंड गौरव के खाते को फ्रीज कर उसके लेनदेन को खंगाला जा रहा है. विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार जिन पर प्रश्न-पत्र लिखकर के बदले खाते में पैसे जमा कराने का शक है, उनमें कई वीआईपी के रिश्तेदार भी शामिल हैं. जिन 4 लोगों की गिरफ्तारी किया गया है उनका मुख्य काम कैंडिडेट ढूंढ कर उनसे पैसे वसूलना था. माना जा रहा है कि जांच के दायरे में कई सफेदपोश यानी कि नेता भी आ सकते हैं. आरा वीर कुंवर सिंह कॉलेज के सेंटर के साथ-साथ बिहार के कई जिलों के सेंटर मैनेज होने का शक जताया जा रहा है.

94 मिनट पहले पेपर हुआ था वायरल: ईओयू को जांच के दौरान यह भी पता चला है कि परीक्षा 12 बजे से शुरू होना था लेकिन 1 घंटे पहले यानी कि 10.24 में ही प्रश्न-पत्र को स्कैन किया गया था, जो कि 96 मिनट पहले हुआ था. आर्थिक अपराध इकाई द्वारा यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि प्रश्न-पत्र को आखिर किसने सबसे पहले स्कैन किया था. जिसके बाद सोशल मीडिया पर वायरल किया गया था. सूत्रों से यही पता चल रहा है कि वीर कुंवर सिंह कॉलेज में यूपी के अभ्यर्थियों का भी सेंटर पड़ा था. जिस वजह से उसका दायरा और बढ़ता जा रहा है. आर्थिक अपराध इकाई की एसआईटी की टीम के द्वारा वैसे लोगों की भी तलाश की जा रही जो पर्दे के पीछे से पूरा खेल कर रहे थे.

विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस बात पर भी जांच की जा रही है कि बिहार लोक सेवा आयोग के सी सेट का क्वेश्चन पेपर ऐसे ही वायरल हुआ था या किसी सोची समझी साजिश के तहत कराया गया था, ताकि एग्जाम को कैसे कराया जा सके. आर्थिक अपराध इकाई की जांच टीम कोई अभी पता चला है कि जिन कैंडिडेट से लाखों रुपए लेकर एग्जाम शुरू होने से पहले क्वेश्चन पेपर पहुंचाने का प्रॉमिस किया गया था. वह फेल हो गया था. जिस वजह से क्वेश्चन पेपर्स समय से काफी लेट उन तक पहुंचा था. फिलहाल ईओयू की जांच जारी है.

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.