पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर विपक्षी दलों की बैठक के साथ-साथ सभी तीनों बैठक अहम है लेकिन पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें बिहार-झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव शामिल होंगे. संवाद में होने वाली इस बैठक में राज्य बॉर्डर और आंतरिक सुरक्षा से लेकर कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी. राज्यों के बीच बेहतर कोआर्डिनेशन कैसे हो, उस पर भी रणनीति तैयार होगी.
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अमित शाह के जुड़ने पर संशय: इससे पहले पश्चिम बंगाल में बैठक हुई थी, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने की थी. हालांकि पटना में 17 जून को होने वाली बैठक में मुख्य सचिव मौजूद रहेंगे. अमित शाह इसमें जुड़ेंगे या नहीं, यह स्पष्ट नहीं है लेकिन इस बैठक को लेकर बिहार प्रशासनिक सेवा के 25 अधिकारियों को गृह विभाग में प्रतिनियुक्त किया गया है. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बैठक कितनी महत्वपूर्ण है.
21-22 जून को आएंगे विदेशी मेहमान: वहीं, पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक के बाद 21 और 22 जून को जी-20 की महत्वपूर्ण बैठक होगी, जिसमें बिहार की संस्कृति और विरासत के साथ जलवायु परिवर्तन और कृषि सहित कई मुद्दों पर चर्चा होगी. विदेशी मेहमानों को बिहार के महत्वपूर्ण स्थलों को घुमाया भी जाएगा, जिसमें पटना साहिब, वैशाली, नालंदा और बोधगया शामिल है. साथ ही पटना म्यूजियम का भी दर्शन कराया जाएगा. कला संस्कृति एवं युवा विभाग के अधिकारियों के अनुसार इस बैठक में लगभग ढाई सौ विदेशी मेहमान शामिल होंगे और उनके लिए पटना के तीन महत्वपूर्ण होटलों में व्यवस्था की गई है.
भारत को जी-20 की मेजबानी मिली: असल में भारत को इस बार जी-20 की मेजबानी का मौका मिला है. बैठक से पहले विभिन्न राज्यों में जी-20 देशों के मेहमान ले जाया जा रहा है और वहां की सांस्कृतिक और विरासत से परिचित हो रहे हैं. उसी के तहत बिहार का भी दौरा हो रहा है. यह भी सरकार के लिए महत्वपूर्ण आयोजन है. इसके लिए कई स्तर पर तैयारी की जा रही है. सुरक्षा से लेकर मेहमानों के रहने-खाने और घुमाने तक का विशेष इंतजाम किया गया है. बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शामिल हो सकते हैं.
23 जून को पटना में विपक्षी दलों की बैठक: इसके बाद 23 जून को पटना में विपक्षी दलों की बैठक होने जा रही है. उस पर पूरे देश की नजर है, क्योंकि मिशन 2024 के तहत बीजेपी के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने का नीतीश कुमार पिछले 9 महीने से अभियान चला रहे हैं. उसी के तहत राज्यों में जाकर विपक्षी दलों के बड़े नेताओं से मुलाकात की है. कांग्रेस के आला नेताओं से भी मिले हैं और उसके बाद यह बैठक होने जा रही है.
बैठकों को लेकर तैयारियां जोरों पर: हालांकि ये बैठक पहले 12 जून को ही होने वाली थी लेकिन कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे के आने में असमर्थता जताई गई थी, जिसके बाद बैठक को टाला गया और अब 23 जून को होने जा रही है. 12 जून को पटना के ज्ञान भवन में बैठक की व्यवस्था की गई थी लेकिन बैठक टलने के बाद अब ज्ञान भवन के स्थान पर ऊर्जा ऑडिटोरियम में बैठक होने की जानकारी है. सरकार की ओर से स्टेट गेस्ट हाउस को भी तैयार किया गया है. कई राज्यों के मुख्यमंत्री और विपक्षी दलों के बड़े नेता बैठक में आएंगे तो उनके राज्य के हिसाब से खाने की भी व्यवस्था होगी. साथ ही बिहार के भी विशेष व्यंजन परोसे जाएंगे.