मसौढ़ी: कुपोषण पर रोक के लिए सरकार द्वारा कई कदम उठाए जा रहे हैं. सभी को पोषित करने और पोषण का संदेश घर-घर तक पहुंचाने के लिए जनवरी माह को पोषण माह के रूप में मनाया जाता है. इसी क्रम में जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों पर 6 माह से ऊपर के शिशुओं का अन्नप्राशन किया गया. शिशुओं को खीर खिलाकर इसकी शुरुआत की गई.
ये भी पढ़ें...लोन एप से 2 हजार करोड़ की हेराफेरी करने वाला भागलपुर से गिरफ्तार, साथ ले गयी तेलंगाना पुलिस
6 माह तक के बच्चों को बेहतर पोषण के लिए मां का दूध पिलाना जरूरी है. छः माह पूरा होने के बाद बच्चों को मां के दूध के साथ ऊपरी आहार दिया जाना बेहद जरूरी होता है ताकि बच्चों का सर्वांगीण विकास संभव हो सके. इसके लिए सभी आंगनवाड़ी केंद्र पर अन्नप्राशन दिवस का आयोजन किया जाता है. इस दौरान केंद्र संचालकों के माध्यम से पोषक क्षेत्र के लाभुकों को आंगनवाड़ी केंद्र द्वारा संचालित होने वाले अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं की भी जानकारी दी जाती है.-ममता कुमारी,सीडीपीओ
ये भी पढ़ें...मसौढ़ी: चोरों का तांडव जारी, दुकान की छत काटकर 25 हजार के सिक्के लेकर हुए फरार
लोगों को कोरोना के प्रति भी किया गया जागरूक
शहर के आंगनवाड़ी केंद्रों पर सीडीपीओ घूमकर अन्नप्राशन दिवस कार्यक्रम का जायजा भी लिया. इस दौरान बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए पूरक पोषाहार के महत्वपूर्ण जानकारी भी दी गई है. वहीं, लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक भी किया गया है. मसौढ़ी अनुमंडल के तकरीबन 800 से अधिक आंगनवाड़ी केंद्रों पर अन्नप्राशन दिवस का आयोजन किया गया है.
पूरक पोषाहार है जरूरी
समेकित बाल विकास योजना के अंतर्गत 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों के बेहतर पोषण के लिए पोषाहार वितरित किया जाता है. पूरक पोषाहार के विषय में सामुदायिक जागरुकता के आभाव में बच्चे कुपोषण का शिकार होते हैं. इससे बच्चे की शारीरिक विकास के साथ मानसिक विकास भी रुक जाता है.