पटना: राजधानी पटना के गर्दनीबाग धरना स्थल पर सोमवार को महिलाएं तीज के मौके पर निर्जला उपवास करते हुए अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठी थीं. यह महिलाएं प्रदेश के सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में एएनएम के पद पर कार्यरत हैं. कुछ एएनएम की पहली तीज थी. वे सभी सरकार से काफी नाराज थीं. महिलाओं का कहना था कि वह अपना पहला तीज अपने पति और परिवार के साथ मनाना चाहती थीं, लेकिन सरकार की वादा खिलाफी से तंग आकर इस भीषण गर्मी में निर्जला उपवास रखते हुए भी धरना पर बैठना पड़ रहा है.
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नियमित नियुक्ति की मांग दोहरायी: हरतालिका तीज पर निर्जला उपवास रखते हुए धरने पर बैठी मनीषा ने कहा कि उन लोगों की एक सूत्री मांग है कि साल 2022 में 10709 पदों के लिए जो नियुक्ति निकाली गई थी उसकी प्रक्रिया को पूरा किया जाए. इस नियुक्ति के आलोक में स्क्रुटिनी भी कर ली गई है लेकिन अभी तक काउंसिलिंग की तिथि नहीं निकाली गयी है. इसी मांग को लेकर वे लोग अनिश्चितकालीन धरने पर बैठी हुई है. उनकी मांग है कि अविलंब काउंसिलिंग की डेट निकाल कर नियमित नियुक्ति की जाए.
"हमारे स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव जब विपक्ष में थे तब उन लोगों को नियमित करने की बात करते थे. लेकिन, अब सरकार में आते हैं सब बातों को भूल गए हैं और वादा खिलाफी कर रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्री से पूछना चाहती हूं कि कहां गया आपका वादा जो 1 साल पहले आपने किया था."- मनीषा, धरने पर बैठी एएनएम
सरकार का ध्यान आकृष्ट कराना चाहती हैः अपना पहला तीज मना रही अनीता ने कहा कि सरकार के रवैये के कारण वह अपना पहला तीज सड़क पर मना रही हैं. वही चाहती थी कि पहला तीज अपने पति और अपने परिवार के साथ मनाएं. अनीता ने कहा कि उन लोगों ने कोरोना काल में गांव गांव गली गली घूम-घूम कर स्वास्थ्य सेवाओं को लोगों तक पहुंचाया. उनके कार्यों को देखते हुए सरकार ने उन लोगों की नियमित नियुक्ति की बातें कहीं. 1 साल से अधिक समय हो गया लेकिन इस पर अब तक कुछ नहीं हुआ है. वैकेंसी निकल कर स्क्रूटिनी कर सरकार सो गई है.
तीज करते हुए धरने पर बैठना मजबूरीः निर्जला उपवास के साथ-साथ धरने पर बैठी बबीता कुमारी ने कहा कि वह लोग लगातार 11 वें दिन से धरना पर बैठी हुई हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है. सरकार की अधिकारी कोई सुध लेने नहीं पहुंच रहे हैं. प्रदेश की तमाम सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर 10700 एएनएम कार्य बहिष्कार पर हैं. वह लोग सभी जिला में सिविल सर्जन को पत्र लिखकर अपने प्रदर्शन कार्यक्रम से आयोजित कर चुकी है लेकिन बावजूद स्वास्थ्य विभाग में कोई संज्ञान नहीं लिया है. मजबूरी में अपनी मांगों को लेकर तीज करते हुए भी धरना पर बैठना पड़ रहा है.