पटना: सोनपुर के मेले में प्रख्यात कवियत्री अनामिका अंबर (UP Me Baba Ba Fame Anamika Ambar) का अपमान किए जाने का आरोप है. यहां हरिहर क्षेत्र में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का 25 नवंबर को आयोजन किया गया था. इसमें शामिल होने के लिए कई कवियों को निमंत्रण भेजा गया था. अनामिक अंबर भी इन कवियों में शामिल थीं, लेकिन उन्हें ऐन वक्त पर काव्य पाठ से मना कर दिया (Poets Boycotted Kavi Sammelan in Sonepur) गया. इस बीच अनामिका जैन अंबर में फेसबुक लाइव आकर बिहार सरकार पर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार डर गई है.
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इसके बाद अन्य कवि भी कार्यक्रम में नहीं पहुंचे. अनामिका अंबर ने इसकी जानकारी अपने फेसबुक लाइव से दर्शकों के साथ साझा की है. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. उन्होंने बताया कि वे काव्य पाठ पढ़ने के लिए सोनपुर मेला पहुंची थी. जिस बीच स्टेज पर शो शुरू होने से पहले प्रशासन के द्वारा उन्हें काव्य पाठ पढ़ने से रोक दिया गया.
बिहार में अनामिका जैन अंबर को कविता पाठ से रोका : बताया जाता है कि हाजीपुर के अंतरराष्ट्रीय सोनपुर मेले में शुक्रवार को अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम के शुरू होने से पहले प्रशासन ने कार्यक्रम संचालक को निर्देश दिया कि एक कवयित्री अनामिका जैन अंबर को छोड़कर बाकी कवि कविता पाठ करेंगे. यह बात जब कवियों को पता चली तो बाकि कवियों ने भी कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया. हालांकि एडीएम ने इसका कोई कारण नहीं बताया.
'बिहार सरकार के इशारे पर मुझे रोका गया': इसके बाद सोशल मीडिया पर लाइव आकर कवयित्री अनामिका जैन अंबर ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार के दबाव में उन्हें हरिहर क्षेत्र मेले के मशहूर कवि सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेने दिया गया और वह वापस पटना एयरपोर्ट से दिल्ली जा रही हैं.
''जिस तरीके की कविताएं उन्होंने हाल में लिखी और गई हैं, खासकर योगी आदित्यनाथ के बारे में जो उन्होंने लिखा है और गाया जो काफी चर्चा में आया, उसकी वजह से बिहार सरकार के इशारे पर उन्हें सोनपुर मेले के कवि सम्मेलन के उस मंच पर नहीं आने दिया गया, जिसके विरोध में वहां मौजूद दूसरे कवियों ने कवि सम्मेलन का बहिष्कार किया.'' - अनामिका जैन अंबर, कवयित्री
बीजेपी ने कहा- 'शर्म करे बिहार सरकार' : कवयित्री अनामिका जैन अम्बर को मंच पर जाने से रोकने के मामले पर सियासत भी शुरू हो गई है. बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि शर्म करे बिहार सरकार, जिन्होंने अनामिका को बिहार की धरती से अपमानित कर के भेजने का काम किया.
''सोनपुर मेले में उन्हें काव्य पाठ करने के लिए बुलाया गया था, लेकिन उन्हें सिर्फ इसलिए रोका गया क्यूंकि वो राष्ट्रभक्ति की कविता पढ़ती हैं. वो सच्चाई बयान करती हैं, इसलिए व्याकुल होकर बिहार सरकार ने उन्हें वापस कर दिया कि वो राष्ट्रभक्ति और विकास की बात ना करें. उपमुख्यमंत्री जी आपको शर्म करनी चाहिए कि आप एक कवियत्री से डर गए.'' - अरविंद सिंह, बीजेपी प्रवक्ता
सारण ADM की सफाई: हालांकि इस पूरे मामले पर सारण प्रशासन ने सफाई दी है. मेला का प्रबंधन देख रहे सारण के एडीएम डॉक्टर गगन ने स्पष्ट कहा है कि अनामिका जैन को नहीं बुलाया गया था. नालंदा के रहने वाले कवि को टीम लाने की जिम्मेवारी दी गई थी. लेकिन पटना में टीम लेट से आई. जिस वजह से कार्यक्रम रद्द किया गया. क्योंकि 10 बजे रात के बाद लाऊडस्पीकर मेला में नहीं बज सकता है. इसलिए लोकल कलाकारों से कार्यक्रम करवाया गया.
''मेला में किसी को भी आने से मना करने का सवाल ही नहीं उठता है. मेला में किसी को भी रोका नहीं किया है. अनामिका जैन मामले की सूचना मीडिया के माध्यम से मिली. यह मुझे नहीं पता है कि अनामिका अंबर जैन का कार्यक्रम है या नहीं है. क्योंकि मैंने उन्हें नहीं बुलाया था. यह जिम्मेदारी कमेटी की थी. कौन लोग कवि सम्मेलन में आ रहे है, इसकी जानकारी मुझे नहीं थी. यह बिहार के आतिथ्य पर सवाल है.'' - डॉक्टर गगन, सोनपुर मेला प्रभारी सह, एडीएम छपरा
कौन हैं अनामिका जैन अंबर: डॉ अनामिका अंबर का जन्म सन 1983 में बुंदेलखंड के ललितपुर जिला के एक छोटा सा गांव धनगौल में हुआ था. अनामिका के पिता उत्तम चंद जैन थे जो भी एक बहुत ही प्रसिद्ध वकील है. उनकी माता का नाम श्रीमती गुणमाल जैन है जो कि एक गृहिणी है. अनामिका पेशे से एक बहुत ही प्रसिद्ध और व्यंग तरीके से कवि का गायन करने वाली कवित्री है.
बुंदेली में है 'यूपी में बाबा' : बता दें कि पहले बिहार के कैमूर जिले की नेहा सिंह राठौड़ ने 'यूपी में का बा?' गाकर योगी सरकार की चुटकी ली थी. जिसके बाद यूपी की कवयित्री अनामिका जैन अंबर ने 'यूपी में बाबा' गाकर नेहा को जवाब देने की कोशिश की. ये गीत काफी चर्चित हुआ. अनामिका जैन अम्बर अक्सर अपनी कविताओं को खुद गाती हैं और मंच पर गीत और कविता पढ़ने के अलावा सोशल मीडिया पर भी अपलोड करती हैं. उनकी गायकी और गीतों के प्रशासक उनकी कविता अपलोड होने का इंतज़ार करते हैं.