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शराबबंदी की समीक्षा पर विपक्ष को मिला BJP प्रदेश अध्यक्ष का साथ, RJD ने नीतीश सरकार को ठहराया जिम्मेदार - RJD questions on prohibition law in Bihar

बिहार में शराबबंदी कानून लागू है. बावजूद इस जहरीली शराब पीने से अबतक करीब 100 से ज्यादा लोगों की संदिग्ध मौत हो चुकी है. वहीं, विपक्ष के साथ-साथ अब सत्ता पक्ष की ओर से भी सवाल उठाने लगे हैं. बिहार बीजेपी के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि सूबे में जहरीली शराब का कारोबार हो रहा है. जिसके बाद विपक्ष सरकार पर हमलवार हो गया है. पढ़ें पूरी खबर...

शराबबंदी की समीक्षा पर विपक्ष को मिला बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष का साथ
शराबबंदी की समीक्षा पर विपक्ष को मिला बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष का साथ
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Published : Nov 6, 2021, 10:56 PM IST

पटना : बिहार में 2016 से पूर्ण शराबबंदी कानून लागू है. इसके बावजूद इस जहरीली शराब पीने से अब तक करीब 100 से ज्यादा लोगों की संदिग्ध मौत हो चुकी है. वहीं, विपक्ष के साथ ही सत्ता पक्ष भी काननू को लेकर सवाल उठाने लगा है. बिहार बीजेपी (BJP) के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने अपनी ही सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि सूबे के कई जिलों में पुलिस-प्रशासन की मिलीभगत से जहरीली शराब का कारोबार चल रहा है. कानून की समीक्षा होनी चाहिए. जिसके बाद से विपक्ष सरकार पर हमलवार हो गया है.

ये भी पढ़ें : जान पर भारी 'जाम'! बिहार में नहीं थम रहा जहरीली शराब से मौतों का सिलसिला

सूबे में शराब से लगातार हो रही मौत पर राजद प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा है कि बिहार में अवैध शराब का कारोबार सत्ता के संरक्षण में चल रहा है. सत्ताधारी दल से जुड़े लोग इस कारोबार में लिप्त हैं. उसी का नतीजा है कि जहरीली शराब से लोगों की लगातार मौतें हो रही हैं. इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिम्मेदार हैं.

देखें वीडियो

'पुलिस विभाग के अधिकारी कानून की हवा निकाल रहे हैं. शराब का कारोबार पुलिस- प्रशासन के संरक्षण में चल रहा है. कुछ ऐसे जिले हैं जहां पुलिस की मिलीभगत से जहीरीली शराब का कारोबार हो रहा है, वहां ऐसी घटनाएं ज्यादा हो रही है. सरकार को ऐसे लोगों के खिलाफ एक्शन लेना चाहिए' :- संजय जायसवाल, प्रदेश अध्यक्ष, बीजेपी

वहीं, पूर्व आईपीएस अमिताभ कुमार दास का मानना है कि शराब का अवैध कारोबार राज्य में सफेदपोश के संरक्षण में चल रहा है. शराबबंदी कानून गरीबों के लिए अभिशाप है. ज्यादातर गरीब ही जेल में बंद हैं. पुलिस पदाधिकारी शराबबंदी कानून को ठेंगा दिखा रहे हैं. ये भ्रष्टाचार का जरिया बनकर रह गया है.

बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार और जदयू नेता श्रवण कुमार ने कहा कि जहरीली शराब पीने से हो रही मौत की घटना दुखद है.ऐसे मामलों में जो कोई संलिप्त पाए जाएंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. पुलिस अधिकारी हो राजनेता हो या सफेदपोश किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा

ये भी पढ़ें- बिहार में जहरीली शराब से मौत का मामला: 72 घंटे में 39 की मौत, 3 गिरफ्तारी

बता दें कि बिहार में 5 अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी (Liquor Ban in Bihar) है. इसके बाद भी राज्य में लगातार जहरीली शराब (Poisonous Liquor Case) के मामले सामने आ रहे हैं. जहरीली शराब से मौत का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. बीते तीन से चार दिनों में राज्य में 40 से ज्यादा लोग अपनी जान से हाथ धो बैठे हैं. इन मौतों के बाद पूर्ण शराबबंदी कानून और बिहार पुलिस पर लगातार सवालिया निशान लग रहे हैं. पूर्ण शराबबंदी कानून के बाद से अब तक करीब 125 से ज्यादा लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हो चुकी है. साल 2021 में लगभग 90 लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हुई है. हालांकि, शराब के जुड़े मामलों की पुष्टि नहीं हो पा रही है.

दरअसल, बीते कुछ दिनों में शराब पीने से मुजफ्फरपुर, गोपालगंज और बेतिया में करीब 40 से ज्यादा लोगों की मौत जहरीली शराब से होने की बात कही जा रही है. हाल के इन मामलों में हो हंगामे के बीच पुलिस ने आपराधिक मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू भी कर दी है. स्थानीय थानाध्यक्ष और चौकीदार को निलंबित करते हुए कई लोगों की गिरफ्तारी भी की गई है.

बता दें कि बिहार में अप्रैल 2016 में शराबबंदी कानून लागू किया गया था. महिलाओं के अनुरोध पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में पूर्ण शराबबंदी करने का फैसला लिया था. शराबबंदी से हर साल 5000 करोड़ से अधिक राजस्व का नुकसान बिहार सरकार को हो रहा है. लेकिन, सीएम नीतीश कुमार शराबबंदी कानून को जारी रखना चाहते हैं. पुरुषों के मुकाबले महिलाओं ने पूर्ण शराबबंदी कानून को सराहा है. विधानसभा चुनाव में भी इस बात पर मुहर लगी है. विधानसभा चुनाव में जहां 54.38 प्रतिशत पुरुषों ने वहीं 59.58% महिलाओं ने मतदान किया था.

नोट: अगर आपको शराब की अवैध खरीद-बिक्री, उपभोग की जानकारी मिलती है तो मद्यनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के टॉल फ्री नंबर 15545 एवं 18003456268 पर शिकायत करें.

पटना : बिहार में 2016 से पूर्ण शराबबंदी कानून लागू है. इसके बावजूद इस जहरीली शराब पीने से अब तक करीब 100 से ज्यादा लोगों की संदिग्ध मौत हो चुकी है. वहीं, विपक्ष के साथ ही सत्ता पक्ष भी काननू को लेकर सवाल उठाने लगा है. बिहार बीजेपी (BJP) के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने अपनी ही सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि सूबे के कई जिलों में पुलिस-प्रशासन की मिलीभगत से जहरीली शराब का कारोबार चल रहा है. कानून की समीक्षा होनी चाहिए. जिसके बाद से विपक्ष सरकार पर हमलवार हो गया है.

ये भी पढ़ें : जान पर भारी 'जाम'! बिहार में नहीं थम रहा जहरीली शराब से मौतों का सिलसिला

सूबे में शराब से लगातार हो रही मौत पर राजद प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा है कि बिहार में अवैध शराब का कारोबार सत्ता के संरक्षण में चल रहा है. सत्ताधारी दल से जुड़े लोग इस कारोबार में लिप्त हैं. उसी का नतीजा है कि जहरीली शराब से लोगों की लगातार मौतें हो रही हैं. इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिम्मेदार हैं.

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'पुलिस विभाग के अधिकारी कानून की हवा निकाल रहे हैं. शराब का कारोबार पुलिस- प्रशासन के संरक्षण में चल रहा है. कुछ ऐसे जिले हैं जहां पुलिस की मिलीभगत से जहीरीली शराब का कारोबार हो रहा है, वहां ऐसी घटनाएं ज्यादा हो रही है. सरकार को ऐसे लोगों के खिलाफ एक्शन लेना चाहिए' :- संजय जायसवाल, प्रदेश अध्यक्ष, बीजेपी

वहीं, पूर्व आईपीएस अमिताभ कुमार दास का मानना है कि शराब का अवैध कारोबार राज्य में सफेदपोश के संरक्षण में चल रहा है. शराबबंदी कानून गरीबों के लिए अभिशाप है. ज्यादातर गरीब ही जेल में बंद हैं. पुलिस पदाधिकारी शराबबंदी कानून को ठेंगा दिखा रहे हैं. ये भ्रष्टाचार का जरिया बनकर रह गया है.

बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार और जदयू नेता श्रवण कुमार ने कहा कि जहरीली शराब पीने से हो रही मौत की घटना दुखद है.ऐसे मामलों में जो कोई संलिप्त पाए जाएंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. पुलिस अधिकारी हो राजनेता हो या सफेदपोश किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा

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बता दें कि बिहार में 5 अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी (Liquor Ban in Bihar) है. इसके बाद भी राज्य में लगातार जहरीली शराब (Poisonous Liquor Case) के मामले सामने आ रहे हैं. जहरीली शराब से मौत का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. बीते तीन से चार दिनों में राज्य में 40 से ज्यादा लोग अपनी जान से हाथ धो बैठे हैं. इन मौतों के बाद पूर्ण शराबबंदी कानून और बिहार पुलिस पर लगातार सवालिया निशान लग रहे हैं. पूर्ण शराबबंदी कानून के बाद से अब तक करीब 125 से ज्यादा लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हो चुकी है. साल 2021 में लगभग 90 लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हुई है. हालांकि, शराब के जुड़े मामलों की पुष्टि नहीं हो पा रही है.

दरअसल, बीते कुछ दिनों में शराब पीने से मुजफ्फरपुर, गोपालगंज और बेतिया में करीब 40 से ज्यादा लोगों की मौत जहरीली शराब से होने की बात कही जा रही है. हाल के इन मामलों में हो हंगामे के बीच पुलिस ने आपराधिक मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू भी कर दी है. स्थानीय थानाध्यक्ष और चौकीदार को निलंबित करते हुए कई लोगों की गिरफ्तारी भी की गई है.

बता दें कि बिहार में अप्रैल 2016 में शराबबंदी कानून लागू किया गया था. महिलाओं के अनुरोध पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में पूर्ण शराबबंदी करने का फैसला लिया था. शराबबंदी से हर साल 5000 करोड़ से अधिक राजस्व का नुकसान बिहार सरकार को हो रहा है. लेकिन, सीएम नीतीश कुमार शराबबंदी कानून को जारी रखना चाहते हैं. पुरुषों के मुकाबले महिलाओं ने पूर्ण शराबबंदी कानून को सराहा है. विधानसभा चुनाव में भी इस बात पर मुहर लगी है. विधानसभा चुनाव में जहां 54.38 प्रतिशत पुरुषों ने वहीं 59.58% महिलाओं ने मतदान किया था.

नोट: अगर आपको शराब की अवैध खरीद-बिक्री, उपभोग की जानकारी मिलती है तो मद्यनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के टॉल फ्री नंबर 15545 एवं 18003456268 पर शिकायत करें.

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