पटना: बिहार की राजधानी पटना (Patna) में जिला परिषद की उपाध्यक्ष ज्योति सोनी ने जिला परिषद की अध्यक्ष अंजू देवी पर मनमानी करने का आरोप लगाया है. ज्योति सोनी ने आरोप लगाते हुए कहा कि अंजू देवी मनमाने तरीके से हर बार विकास निधि का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए कर रही हैं.
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15वें वित्त की राशि में मिले 20 करोड़
दरअसल, जिला परिषद पटना की उपाध्यक्ष ज्योति सोनी ने एक प्रेस वार्ता आयोजित कर बताया कि 15वें वित्त की राशि करीब 20 करोड़ रुपये जिला परिषद पटना को मिले हैं.
इस राशि का 1 रुपया भी कोरोना महामारी (Corona Pandemic) की रोकथाम में उपयोग नहीं हुआ. जबकि इसका इस्तेमाल कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए होना चाहिए था और कुछ राशि सरकार को दी जानी चाहिए थी.
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5 वर्षों में सिर्फ 6 बैठकें
इतना ही नहीं, जिला परिषद की 5 वर्षों में कम से कम 20 साधारण बैठक अनिवार्य है. लेकिन 5 वर्षों में सिर्फ 6 बैठकें ही हो पाई हैं. जबकि डीडीसी (DDC) पटना के माध्यम से जिला परिषद की साधारण बैठक बुलाने के लिए कई बार अध्यक्ष को पत्र भी लिखा गया. इसके बावजूद बैठक नहीं हुई.
क्षेत्र में नहीं होता विकास
जिला परिषद को मिलने वाली किसी भी प्रकार की विकास राशि को अध्यक्ष अपनी प्रॉपर्टी समझती हैं. करीब 30 से 40 परसेंट अपने क्षेत्र के नाम पर रख लेती हैं, जिससे क्षेत्र में विकास कुछ नहीं होता. वहीं, बाकी 40% वैसे लोगों को मिलता है जो उनके करीबी या जानने वाले होते हैं. उनसे भी कमीशन लिया जाता है. यह सरासर गलत है.
क्षेत्र में बराबर इस्तेमाल होनी चाहिए धनराशि
सभी का मानना है कि विकास राशि का सभी क्षेत्रों में बराबर इस्तेमाल होना चाहिए. जिससे क्षेत्र का उचित विकास हो सके और आम जनता को इसका लाभ मिले. लेकिन जिला परिषद की अध्यक्ष मनमाने तरीके से राशि का इस्तेमाल करती हैं. जिससे क्षेत्र का विकास भी नहीं होता.
सरकार से कार्रवाई की अपील
ज्योति सोनी ने कहा कि सरकार इस मामले पर ध्यान दें. जिससे विकास निधि की राशि क्षेत्र के विकास के लिए इस्तेमाल हो और जिस तरीके से अध्यक्षा अंजू देवी ने मनमानी की है, इसकी जांच कर उचित कार्रवाई की जाए.