पटना: साल के अंत तक बिहार विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. अब चुनाव आयोग ने यह साफ कर दिया है कि बिहार में विधानसभा चुनाव शेड्यूल के मुताबिक ही होंगे. आयोग से चुनाव का इशारा मिलने के बाद अब वे सभी दल भी चुनाव की तैयारियों में कूद पड़े हैं, जो अभी तक कोरोना का 'रोना' रो रहे थे.
राजद समेत अन्य विपक्षी दलों ने चुनावी तैयारी शुरू कर दी है. हालांकि, बीजेपी और जदयू ने पहले से ही चुनाव को लेकर कमर कस लिया था. इन सब के बीच सभी दलों को अब चुनाव आयोग की ओर से जारी होने वाले गाइडलाइन का इंतजार है.
'राजद हमेशा जनता के बीच, डिजिटल की जरूरत नहीं'
आगामी विधानसभा को लेकर राजद के प्रदेश प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि बीजेपी और जदयू डिजिटल चुनावी तैयारी कर रही है. राजद डिजिटल का सहारा नहीं लेगी. राजद के नेता तेजस्वी यादव हर समय जनता के बीच रहते हैं. उनसे जुड़े रहते हैं. उन्होंने कहा कि आरजेडी को वर्चुअल रूप से विशेष चुनावी तैयारी करने की कोई जरूरत नहीं है. चुनाव आयोग जिस तरह से गाइडलाइन जारी करेगा, राजद उसपर अमल करेगी.
मृत्युंजय तिवारी ने गोपालगंज के बंगरा घाट में पुल एप्रोच पथ के ध्वस्त होने पर बीजेपी और जदयू पर निशाना भी साधा. उन्होंने कहा कि हार के भय से जदयू हड़बड़ाहट में उद्घाटन और शिलान्यास कर जनता को रिझाने की नाकाम कोशिश कर रही है.
बिहार के बाहर रहने वाले को नतीजों का डर- BJP
राजद के बयान पर बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने पलटवार करते हुए कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव के नतीजों को लेकर राजग गठबंधन को किसी तरह की कोई आशंका नहीं है. हार का भय उनलोगों को होना चाहिए जो मुसीबत के दौरान जनता का साथ छोड़ देते है. उन्होंने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि कोरोना महामारी के दौरान तेजस्वी बिहार की जनता का साथ छोड़कर दिल्ली में समय व्यतीत कर रहे थे. इसी वजह से वे विधानसभा चुनाव का विरोध करते आ रहे थे.
पुल एप्रोच पथ के ध्वस्त होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि बीजेपी और जदयू ने जबसे सत्ता संभाली है. तब से बिहार में विकास की नई गाथा लिखी गई. प्रदेश के विकास के लिए सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी दिन-रात कार्यरत हैं.
पुराने कारनामों का जवाब दे तेजस्वी- JDU
इन सब के बीच जदयू ने भी तेजस्वी को जमकर खड़ी-खोटी सुनाई. जेडीयू के प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि जदयू को चुनाव की तैयारी से कोई ऐतराज नही था. उनके पास किये गए विकास कार्यों को पूरा लेखा-जोखा मौजूद है. उन्होंने राजद पर निशाना साधते हुए कहा कि राजद पहले से चुनाव की तैयारी इसलिए नहीं कर रही थी. क्योंकि राजद को अपने पुराने कारनामों के लिए जनता के बीच जाने में जाने डर रही थी.
इससे पहले चुनाव आयोग ने सभी दलों से मांगा था सुझाव
गौरतलब है कि इससे पहले कोरोना संक्रमण के बीच सुरक्षित चुनाव संपन्न कराने के लिए सभी दलों से सुझाव मांगा था. आयोग ने इसके लिए बीते 11 अगस्त तक राय देने की अंतिम समय सीमा तय की थी, जो अब समाप्त हो चुकी है. बता दें कि लगभग सभी दलों ने अयोग को अपने सुझाव से अवगत कराया था. जहां विपक्षी दलों ने चुनाव को आगे टालने की मांग की थी, वहीं सत्ता पक्ष ने तय समय सीमा पर चुनाव संपन्न कराये जाने की मांग की थी.
एनडीए बनाम महागठबंधन
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार मुख्य मुकाबला एनडीए बनाम महागठबंधन है. एक तरफ जहां लालू यादव की पार्टी राजद के नेतृत्व में कांग्रेस, रालोसपा, हम और वीआईपी जैसी पार्टियां है. वहीं, दूसरी ओर राजग में नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के नेृतत्व में भाजपा और लोक जनशक्ति पार्टी चुनावी मैदान में होंगे. आगामी विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा कोरोना महामारी के कारण बने हालात और फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह के निधन पर खूब राजनीति हो रही है.