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भूख हड़ताल पर बैठे भाकपा-माले से सभी 12 MLA, विधायक राशि के पारदर्शी इस्तेमाल की मांग - विधायक राशि का पारदर्शी इस्तेमाल

कोरोना काल में नीतीश सरकार के द्वारा विधायकों और पार्षदों की वित्तीय वर्ष 2021-22 के क्षेत्र विकास योजना मद की 2-2 करोड़ की राशि अधिग्रहित कर लिए जाने के फैसले के विरोध में भाकपा माले के सभी विधायक एकजुट हो गए हैं. भूख हड़ताल पर बैठकर सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं.

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Published : May 21, 2021, 5:51 PM IST

पटना: नीतीश सरकार के विधायकों और पार्षदों की वित्तीय वर्ष 2021-22 के क्षेत्र विकास योजना मद की 2-2 करोड़ की राशि अधिग्रहित कर लिए जाने के फैसले के खिलाफ भाकपा(माले) के सभी 12 विधायकों ने एकदिवसीय भूख हड़ताल किया. विधायकों ने मद के कम से कम 50 फीसदी राशि को संबंधित क्षेत्र के स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करने के लिए खर्च करने की मांग की.

इसे भी पढ़ेंः पटना AIIMS और IGIMS में डॉक्टरों ने दी हड़ताल की चेतावनी, बेड रिजर्व रखने और मानदेय बढ़ाने की मांग

भूख हड़ताल पर क्यों बैठ गए विधायक?
भूख हड़ताल पर बैठे विधायकों ने विकास योजना मद की राशि के कम से कम 50 प्रतिशत हिस्से को संबंधित जनप्रतिनिधियों के क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं को उन्नत करने में खर्च किया जाना चाहिए. भाकपा (माले ) के फुलवारी क्षेत्र से विधायक गोपाल रविदास और पालीगंज के विधायक संदीप सौरभ विधायक दल कार्यालय, छज्जूबाग में अनशन पर बैठे.

देखें वीडियो

सरकार पर अलोकतांत्रिक तरीका अपनाने का आरोप
विधायकों ने कहा कि बिना किसी बातचीत के बेहद अलोकतांत्रिक तरीके से वित्तीय वर्ष 2021-22 के क्षेत्र विकास योजना मद से 2-2 करोड़ की राशि को अधिग्रहित कर लिया गया. उन्होंने कहा कि इस राशि के कम से कम 50 प्रतिशत हिस्से को संबंधित जनप्रतिनिधियों के क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं को उन्नत करने में खर्च किया जाए. वहीं राशि आवंटन की पूरी प्रक्रिया में विधायकों, पार्षदों की सहभागिता व उनकी सलाह को सर्वोपरि माना जाना चाहिए.

इसे भी पढ़ेंः शेखपुरा: 10 बजे के बजाय 12 बजे मिला खाना, अधपका रहने पर लोगों ने डस्टबिन में फेंका

''हमें इस बात पर आपत्ति नहीं है कि सरकार ने राशि ले ली. आपत्ति इस बात पर है कि इस मसले पर हमलोगों से न तो कोई राय ली गई और न ही कोई पारदर्शिता अपनाई जा रही है. पिछली बार भी इसी मद से 50 लाख रुपये की राशि ले ली गई थी, लेकिन आज तक यह नहीं बताया गया कि वह खर्च हुआ भी या नहीं."- संदीप सौरभ, विधायक, भाकपा(माले)

एक करोड़ की राशि खर्च करने की अनुशंसा
विधायक संदीप सौरभ ने कहा कि पार्टी के सभी विधायकों ने शेष एक करोड़ की राशि को भी स्वास्थ्य उपकरणों पर खर्च करने की अनुशंसा कर दी है, लेकिन प्रशासन की कार्रवाई कछुए की चाल से चल रही है.

अनशन पर बैठे विधायक गोपाल रविदास
अनशन पर बैठे विधायक गोपाल रविदास

''एक करोड़ की राशि से हमने फुलवारी में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की अनुशंसा की है, लेकिन सरकार कहती है कि ऐसी अनुशंसा का प्रावधान ही नहीं है. अभी युद्ध स्तर पर लगकर इन कार्यों को करना था, लेकिन इस संकट में भी भाजपा-जदयू के लोग ओछी राजनीति से बाज नहीं आ रहे हैं.''-गोपाल रविदास, विधायक, भाकपा(माले)

महबूब आलम भी हुए शामिल
इस मौके पर विधायक दल नेता महबूब आलम जहां बारसोई में अनशन पर बैठे, वहीं अरूण सिंह काराकाट, महानंद सिंह अरवल, मनोज मंजिल अगिआंव, सुदामा प्रसाद तरारी में एकदिवसीय अनशन करके सरकार से मद की 50 फीसदी राशि खर्च करने की मांग की है.

पटना: नीतीश सरकार के विधायकों और पार्षदों की वित्तीय वर्ष 2021-22 के क्षेत्र विकास योजना मद की 2-2 करोड़ की राशि अधिग्रहित कर लिए जाने के फैसले के खिलाफ भाकपा(माले) के सभी 12 विधायकों ने एकदिवसीय भूख हड़ताल किया. विधायकों ने मद के कम से कम 50 फीसदी राशि को संबंधित क्षेत्र के स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करने के लिए खर्च करने की मांग की.

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भूख हड़ताल पर क्यों बैठ गए विधायक?
भूख हड़ताल पर बैठे विधायकों ने विकास योजना मद की राशि के कम से कम 50 प्रतिशत हिस्से को संबंधित जनप्रतिनिधियों के क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं को उन्नत करने में खर्च किया जाना चाहिए. भाकपा (माले ) के फुलवारी क्षेत्र से विधायक गोपाल रविदास और पालीगंज के विधायक संदीप सौरभ विधायक दल कार्यालय, छज्जूबाग में अनशन पर बैठे.

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सरकार पर अलोकतांत्रिक तरीका अपनाने का आरोप
विधायकों ने कहा कि बिना किसी बातचीत के बेहद अलोकतांत्रिक तरीके से वित्तीय वर्ष 2021-22 के क्षेत्र विकास योजना मद से 2-2 करोड़ की राशि को अधिग्रहित कर लिया गया. उन्होंने कहा कि इस राशि के कम से कम 50 प्रतिशत हिस्से को संबंधित जनप्रतिनिधियों के क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं को उन्नत करने में खर्च किया जाए. वहीं राशि आवंटन की पूरी प्रक्रिया में विधायकों, पार्षदों की सहभागिता व उनकी सलाह को सर्वोपरि माना जाना चाहिए.

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''हमें इस बात पर आपत्ति नहीं है कि सरकार ने राशि ले ली. आपत्ति इस बात पर है कि इस मसले पर हमलोगों से न तो कोई राय ली गई और न ही कोई पारदर्शिता अपनाई जा रही है. पिछली बार भी इसी मद से 50 लाख रुपये की राशि ले ली गई थी, लेकिन आज तक यह नहीं बताया गया कि वह खर्च हुआ भी या नहीं."- संदीप सौरभ, विधायक, भाकपा(माले)

एक करोड़ की राशि खर्च करने की अनुशंसा
विधायक संदीप सौरभ ने कहा कि पार्टी के सभी विधायकों ने शेष एक करोड़ की राशि को भी स्वास्थ्य उपकरणों पर खर्च करने की अनुशंसा कर दी है, लेकिन प्रशासन की कार्रवाई कछुए की चाल से चल रही है.

अनशन पर बैठे विधायक गोपाल रविदास
अनशन पर बैठे विधायक गोपाल रविदास

''एक करोड़ की राशि से हमने फुलवारी में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की अनुशंसा की है, लेकिन सरकार कहती है कि ऐसी अनुशंसा का प्रावधान ही नहीं है. अभी युद्ध स्तर पर लगकर इन कार्यों को करना था, लेकिन इस संकट में भी भाजपा-जदयू के लोग ओछी राजनीति से बाज नहीं आ रहे हैं.''-गोपाल रविदास, विधायक, भाकपा(माले)

महबूब आलम भी हुए शामिल
इस मौके पर विधायक दल नेता महबूब आलम जहां बारसोई में अनशन पर बैठे, वहीं अरूण सिंह काराकाट, महानंद सिंह अरवल, मनोज मंजिल अगिआंव, सुदामा प्रसाद तरारी में एकदिवसीय अनशन करके सरकार से मद की 50 फीसदी राशि खर्च करने की मांग की है.

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