पटना: बिहार में महागठबंधन सरकार (Mahagathabandhan Government In Bihar) को पूरे हुए पांच साल ही हुए हैं. लेकिन लग रहा है कि सरकार में सबकुछ सही नहीं है. महागठबंधन में विवाद बढ़ता जा रहा है. राजद नेताओं के बयानबाजी से जदयू खेमे में नाराजगी है. राजद के बड़ बोले नेताओं पर कार्रावई नहीं होने से जदयू खेमे में नाराजगी है. दोनों दलों के बीच शीत युद्ध जैसी स्थिति है. विवादों का असर सरकार के अंदर भी दिख रहा है.
ये भी पढ़ें- Sudhakar singh replied: 'जब नीतीश कहते हैं कि 2005 के पहले बिहार की हालत खराब थी, तो मुझे बुरा लगता है'
बिहार में महागठबंधन सरकार में दरार : सरकार अस्तित्व में आने के बाद राजद और जदयू नेताओं का उत्साह सातवें आसमान पर था. कोइलवर में मानसिक आरोग्यशाला उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान दो रिबन लगाए गए थे. सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने साथ ही रिबन काटकर उद्घाटन किया था. लेकिन बिहार सरकार बने 5 महीने नहीं बीते हैं कि राजद और जदयू दोनों के बीच विवाद सतह पर आने लगा है. करपुरीग्राम थाना के उद्घाटन समारोह कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव दोनों मौजूद थे.
राजद और जदयू के बीच दरार : पूरे तामझाम के साथ थाना का उद्घाटन हुआ. तेजस्वी यादव, नीतीश कुमार के साथ-साथ मौजूद थे लेकिन सिलापट्ट में तेजस्वी यादव के नाम को गायब कर दिया गया. तेजस्वी यादव के नाम को गरिमामय उपस्थिति में भी नहीं दर्ज किया गया. बात यहीं खत्म नहीं हुई कुछ दिनों बाद राजधानी पटना के ए एन कॉलेज में करोड़ों रुपए की लागत से भवन का उद्घाटन हुआ. शिलापट्ट पर नीतीश कुमार और भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी का नाम तो था लेकिन शिक्षा विभाग से जुड़े होने के बाद भी शिलापट्ट से शिक्षा मंत्री का नाम गायब था.
सरकार पर आपसी तनाव का असर : आपसी तनाव का असर सरकार पर भी दिख रहा है और मंत्रिमंडल विस्तार अधर में है. राजद कोटे के दो मंत्री और कांग्रेस कोटे के दो मंत्रियों को कैबिनेट में शामिल किया जाना है. लेकिन कैबिनेट विस्तार को लेकर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दोनों की अलग-अलग राय है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंत्रिमंडल करने के मामले को तेजस्वी यादव के पाले में डाल दिया और कहा कि सूची आने के बाद विस्तार हो जाएगा.
RJD के बड़बोले नेताओं ने महागठबंधन में डाली दरार : तेजस्वी यादव ने इस बात को यह कहकर खारिज कर दिया कि अभी मंत्रिमंडल विस्तार की कोई जरूरत नहीं है. वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक कौशलेंद्र प्रियदर्शी का मानना है कि महागठबंधन के दो बड़े घटक दल राजद और जदयू आमने-सामने हैं. इनके बीच विवाद गहराता जा रहा है. राजद नेताओं ने जहां बयानबाजी से जदयू को मुश्किल में डाल रखा है, वही राजद को सरकार के अंदर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. दोनों दलों के बीच रिफ्ट साफ दिखाई दे रही है, नतीजे कुछ भी हो सकते हैं. विवादों ने भाजपा को भी अवसर दे दिया है पार्टी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा है कि राजद नेता नीतीश कुमार को कुर्सी से हटाना चाहते हैं लिहाजा लगातार बयानबाजी की जा रही है.
'महागठबंधन में कोई विवाद नहीं है. छोटे-मोटे मसलों को हम महत्व नहीं देते हैं. 2024 में 2014 वाले नहीं आएंगे, हम इसके लिए प्रतिबद्ध हैं.' - एजाज अहमद, राजद प्रवक्ता
'महागठबंधन चट्टानी एकता के साथ कायम है. दोनों दलों के बीच कोई विवाद नहीं है. अधिकारियों के स्तर पर अगर कुछ गड़बड़ी हुई होगी तो अलग बात है. लेकिन सरकार मजबूत है. और अपना कार्यकाल पूरा करेगी.' - डॉ सुनील, जदयू प्रवक्ता