पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव के नीतीजे आ आ गए है. इसके बाद एक तरफ एनडीए सरकार गठन को लेकर बैठक कर रही है, तो वहीं महागठबंधन की सहयागी पार्टी कांग्रेस में विधायक दल के नेता चुने जाने को लेकर जमकर हंमामा हुआ. जानकारी के अनुसार कांग्रेस विधायक दल का नेता चुने जाने को लेकर आलाकामान को हस्तक्षेप करना पड़ा. इसके बाद विधायक दल के नेता के नाम पर सहमति बन गई.
क्या कहते हैं भूपेश बघेल
भूपेश बघेल ने बताया कि सभी विधायकों से बात करने के बाद बिहार के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल और रणदीप सिंह सुरजेवाला से फोन पर बात कर नाम की अनुशंसा की गई. इसके बाद पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अजीत शर्मा को बिहार कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना गया.
बघेल ने बताया कि कस्बा के विधायक मोहम्मद अफाक आलम को विधायक दल का उपनेता चुना गया है. वहीं, एक बार फिर से कुटुंबा के विधायक राजेश राम को चीफ व्हिप नियुक्त किया गया. डिप्टी चीफ गेस्ट के तौर पर खगड़िया के नवनिर्वाचित विधायक छत्रपति यादव और राजापाकर के नवनिर्वाचित विधायक प्रतिमा दास को नियुक्त किया गया.
विधायक दल के ट्रेजर के रूप में औरंगाबाद विधायक आनंद शंकर को नियुक्त किया गया. मौके पर मौजूद विधायक अजीत शर्मा ने पार्टी का आभार व्यक्त करते हुए मजबूती से काम करने का वादा किया. उन्होंने कहा कि पार्टी के साथ-साथ जनता के मुद्दों को मजबूती से सदन में उठाया जाएगा. कांग्रेस के सभी नवनिर्वाचित विधायक एकजुट हैं और कोई कहीं नहीं जाएगा.
वही कस्बा के विधायक व डिप्टी सीएलपी लीडर अफाक आलम ने कहा कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने जो जिम्मेवारी सौंपी है उसे पूरी निष्ठा के साथ निभाएंगे. साथ ही पार्टी के विधायकों का आभार भी जताया.
विधायक दल की बैठक में हंगामा
बता दें कि कांग्रेस कार्यालय सदाकत आश्रम में कांग्रेस विधायक दल की बैठक शुरू होते ही हंगामा होने लगा. कार्यकर्ता अपने-अपने विधायक को सीएलपी लीडर बनते देखना चाहते थे. विधायक विजय शंकर दूबे और एमएलए सिद्धार्थ के समर्थकों ने विधायक दल का नेता चुनने को लेकर खूब हंगामा किया. बात इतनी बढ़ गई कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने विधायक दल के नेता चुनने की जिम्मेदारी कांग्रेस आलाकमान को ट्रांसफर कर दी. दिल्ली से दखल होते ही कुछ घंटे के दौरान कांग्रेस विधायक दल का नेता चुन लिया गया.