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हड़ताल पर गए AIIMS के सफाई कर्मी और नर्सिंग स्टाफ, वेतन नहीं मिलने से नाराजगी

एम्स के 400 नर्सिंग स्टाफ और सफाई कर्मियों ने हड़ताल कर दिया है. दो महीने से वेतन नहीं मिलने और कोरोना पॉजिटिव होने पर इलाज नहीं होने से कर्मियों में नाराजगी है.

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Published : Jul 18, 2020, 12:35 PM IST

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पटनाः बिहार में कोरोना का कहर लगातार जारी है. राजधानी के एम्स को कोरोना अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है. हालांकि, अस्पताल के सामने एक नई मुसीबत खड़ी हो गई है. एम्स के नर्सिंग स्टाफ और सफाईकर्मियों ने हड़ताल कर दिया दिया है. हड़ताल से अस्पताल में गंदगी का अंबार लगने का डर सताने लगा है. हड़ताल पर गए कर्मियों का आरोप है कि कोरोना संक्रमण काल में भी दो महीने से सैलरी नहीं मिला है.

नर्सिंग स्टाफ का कहना है कि उनकी ड्यूटी कोविड वार्ड में लगाई गई है. बावजूद इसके कोविड 19 से प्रभावित होने पर परिवार के सदस्यों को एडमिट तक नहीं किया जाता है. ऐसे हालात में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. हड़ताल पर गए स्टाफ और नर्सिंग स्टाफ और एम्स सफाईकर्मियों ने अस्पताल प्रबंधन के समक्ष कई मांगे रखी है. जिसमें दो महीने की सैलरी, कोरोना संक्रमण काल में वेतन में वृद्धि के अलावा स्टाफ और उनके परिजनों को संक्रमित होने पर एम्स में भर्ती कराया जाए.

देखें रिपोर्ट

डॉक्टरों पर लग रहा गंभीर आरोप

400 की संख्या में एम्स के स्टाफ अस्पताल के मुख्य गेट पर पर्दशन कर रहे हैं. अस्पताल कर्मियों का कहना है कि इस हालात में मुश्किल से घर चला रहे हैं. जबकि उन्हें दो महीने से वेतन नहीं दिया गया है. ऐसे में उनकी मांग जायज है. वहीं, अस्पताल के डॉक्टरों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सफाई कर्मियों के परिजन को एम्स में इलाज भी नहीं जाता है लेकिन डॉक्टर और खास लोगों को तुरंत एडमिट किया जाता है.

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एम्स के गेट पर हड़ताल करते कर्मी

पटनाः बिहार में कोरोना का कहर लगातार जारी है. राजधानी के एम्स को कोरोना अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है. हालांकि, अस्पताल के सामने एक नई मुसीबत खड़ी हो गई है. एम्स के नर्सिंग स्टाफ और सफाईकर्मियों ने हड़ताल कर दिया दिया है. हड़ताल से अस्पताल में गंदगी का अंबार लगने का डर सताने लगा है. हड़ताल पर गए कर्मियों का आरोप है कि कोरोना संक्रमण काल में भी दो महीने से सैलरी नहीं मिला है.

नर्सिंग स्टाफ का कहना है कि उनकी ड्यूटी कोविड वार्ड में लगाई गई है. बावजूद इसके कोविड 19 से प्रभावित होने पर परिवार के सदस्यों को एडमिट तक नहीं किया जाता है. ऐसे हालात में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. हड़ताल पर गए स्टाफ और नर्सिंग स्टाफ और एम्स सफाईकर्मियों ने अस्पताल प्रबंधन के समक्ष कई मांगे रखी है. जिसमें दो महीने की सैलरी, कोरोना संक्रमण काल में वेतन में वृद्धि के अलावा स्टाफ और उनके परिजनों को संक्रमित होने पर एम्स में भर्ती कराया जाए.

देखें रिपोर्ट

डॉक्टरों पर लग रहा गंभीर आरोप

400 की संख्या में एम्स के स्टाफ अस्पताल के मुख्य गेट पर पर्दशन कर रहे हैं. अस्पताल कर्मियों का कहना है कि इस हालात में मुश्किल से घर चला रहे हैं. जबकि उन्हें दो महीने से वेतन नहीं दिया गया है. ऐसे में उनकी मांग जायज है. वहीं, अस्पताल के डॉक्टरों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सफाई कर्मियों के परिजन को एम्स में इलाज भी नहीं जाता है लेकिन डॉक्टर और खास लोगों को तुरंत एडमिट किया जाता है.

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एम्स के गेट पर हड़ताल करते कर्मी
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