पटना: बिहार सरकार की कैबिनेट में नई शिक्षक नियमावली (New Shikshak Niyamavali) पर मुहर लगने के बाद से काफी विरोध किया जा रहा है. इस नियमावली का सबसे पहले शिक्षकों ने ही विरोध दर्ज कराया. उन शिक्षकों के इस कानून के विरोध में कई अन्य राजनीतिक पार्टियों ने भी समर्थन किया. इसी समर्थन में एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने सरकार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर को चिट्ठी लिखकर इस नियमावली में कुछ संसोधन करने की मांग किया है.
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नियमावली में सुधार करने की मांग: अख्तरुल ईमान ने शिक्षा मंत्री से आग्रह किया है कि शिक्षक नियमावली 2023 में संशोधन करते हुए नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने हेतु विभागीय स्तर पर परीक्षा या दक्षता परीक्षा का संचालन करने की पहल की जाए. एआईएमआईएम प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने शिक्षको के विरोध का साथ दिया है. उन्होंने भी शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर को एक पत्र लिखा. जिसमें नए नियमावली में सुधार करने की मांग की है.
'शिक्षकों में काफी संशय और आक्रोश': अख्तरुल ईमान ने पत्र में लिखा है कि पुराने नियमावली के अनुसार जिन शिक्षको की नियुक्ति हुई है. उन्हे भी नए नियमावली में समाहित किया जा रहा है. जिससे नियोजित शिक्षकों में काफी संशय और आक्रोश भी है. जबकि नियोजित शिक्षक अपनी सेवा का बहुमूल्य हिस्सा विद्यालय में व्यतीत कर चुके हैं. इस स्थिति में ऐसा निर्णय उनके जीवन के साथ खिलवाड़ करना होगा.
बीपीएससी लेगी शिक्षकों की परीक्षा: गौरतलब है कि नई शिक्षक नियमावली 2023 के अनुसार CTET, STET, BTET परीक्षा पास होने के बाद भी बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित एक परीक्षा उत्तीर्ण करना होगा. तब जाकर शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिलेगा. इस सूची में पहले से जो नियोजित शिक्षक हैं उन्हें भी रखा गया है.