पटना: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Elections) के नतीजे आएंगे. 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में 5 सीट जीतने वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) को उम्मीद है कि वह यूपी में भी शानदार प्रदर्शन करेगी. पार्टी ने वहां 100 सीटों पर उम्मीदवार उतारा है. एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM Chief Asaduddin Owaisi) को उम्मीद है कि पहले और दूसरे चरण के मुस्लिम बहुल इलाकों में वे जीत का परचम लहरा सकते हैं.
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इन सीटों पर ओवैसी को जीत की उम्मीद: इस बार जिन सीटों पर असदुद्दीन ओवैसी की नजर है, उनमें मुबारकपुर विधानसभा सीट से शाह आलम, जौनपुर की शाहगंज विधानसभा सीट से एडवोकेट नायब अहमद, मुनर्गा बादशाहपुर से रमजान अली, चंदौली की मुगलसराय सीट से आबिदली और गाजीपुर की जहूराबाद विाानसभा शौकत अली का नाम काफी चर्चा में है. इसके अलावा बलिया सदर सीट से मो. शमीम खान, मुजफ्फरनगर सदर से इंतजार अंसारी, गैनसारी से शहाबुद्दीन, देवबंद से मौलाना उमरी मदनी, मेरठ से इमरान अंसारी के नामों की भी चर्चा है. पार्टी को लगता है कि इन सीटों पर जीत मिल सकती है.
2017 में नाकाम रहे थे ओवैसी: 2017 के उत्तर प्रदेश चुनाव में ओवैसी अपना जनाधार बनाने में नाकाम रहे थे. पार्टी को महज 0.24 वोट मिले थे. ओवैसी ने तब 38 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. 12 सीटों पर उनके उम्मीदवार चौथे स्थान पर थे. एक सीट पर एआईएमआईएम दूसरे स्थान पर रही थी. हालांकि, पिछले साल हुए पंचायत चुनाव में एआईएमआईएम का यहां खाता खुला और पार्टी ने 20 सीटों पर जीत दर्ज की. वर्ष 2011 के जनगणना को आधार मानें तो प्रदेश की 20 करोड़ की आबादी में 4 करोड़ मुस्लिम हैं. इसका अर्थ हुआ करीब 20 फीसदी.
बिहार में दिखा ओवैसी का जलवा: 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और पार्टी के खाते में 5 सीटें आईं. जिस वजह से तेजस्वी यादव की अगुवाई में आरजेडी बिहार में सरकार बनाने से दूर रह गई. एआईएमआईएम बिहार में 26 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, जिसमें 5 सीटों पर जीत हासिल हुई. कुल मिलाकर 1.24% वोट हासिल हुए. इसका असर ये हुआ कि आरजेडी को कई सीटों पर काफी नुकसान हुआ और पार्टी को हार का सामना करना पड़ा.
बंगाल में नहीं उड़ सकी 'पतंग': बिहार के नतीजों से उत्साहित ओवैसी ने पश्चिम बंगाल में दो-दो हाथ के लिए कमर कसी लेकिन वहां उन्हें मुस्लिम मतदाताओं का समर्थन हासिल नहीं हुआ. आलम ये हुआ कि महज 7 सीटों पर वह अपने उम्मीदवार खड़े कर सके. मुस्लिम वोटों की गोलबंदी ममता बनर्जी की टीएमसी के पक्ष में हुई और नतीजा ये हुआ कि पश्चिम बंगाल में ओवैसी की पार्टी का खाता तक नहीं खुल पाया. पार्टी को केवल 0.01% वोट मिले.
उत्तर प्रदेश में बेहतर नतीजों की उम्मीद: एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तर प्रदेश में मजबूत दावेदारी पेश करते हुए 100 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं. एआईएमआईएम प्रत्याशियों के पक्ष में ओवैसी समेत पार्टी के तमाम नेताओं ने यूपी में कैंप किया. बिहार इकाई के अध्यक्ष और एआईएमआईएम विधायक अख्तरुल इमान (AIMIM MLA Akhtarul Iman) ने भी चुनाव प्रचार की कमान संभाल रखी थी. नतीजे आने से पहले ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए अख्तरुल इमान ने कहा कि मैं उत्तर प्रदेश में बेहतर नतीजों की उम्मीद करता हूं.
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