पटना: उप मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए बिहार राज्य का बजट पेश किया. बजट से पहले उन्होंने 9 विभिन्न प्रक्षेत्रों के 900 प्रतिनिधियों समेत आम लोगों के साथ विमर्श बैठकें भी की थी. एक ओर जहां शिक्षा के क्षेत्र में मोटी रकम मिली तो वहीं, किसानों के लिए बजट कुछ खास खुशियां लेकर नहीं आया.
इस साल बिहार में विधानसभा का चुनाव होना है ऐसे में सभी को बजट से काफी उम्मीदें थी. लेकिन, कृषि बजट पिछले साल की तुलना में कम हो गई है. इसपर आर्थिक एवं सामाजिक विशेषज्ञ डॉ. डीएम दिवाकर की मानें तो इस बार के बजट से किसानों में खासी मायूसी है. कृषि क्षेत्र में बजट की राशि से साफ लग रहा है कि किसानों के लिए कुछ बेहतर नहीं हुआ है.
कैसे पूरा होगा केंद्र और बिहार सरकार का दावा
विशेषज्ञ डॉ. डीएम दिवाकर कहते हैं कि कृषि का पिछले साल का बजट एलोकेशन जहां करीब 68,800 करोड़ रुपये था. वह इस साल घटकर 67,000 करोड़ पर ही रह गया. ऐसे में ये सवाल उठता है कि केंद्र सरकार साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का जो दावा करती है, वह कैसे संभव होगा?
उठ रहे हैं कई सवाल
बता दें कि इस बार बिहार के कृषि बजट में सरकार ने 1800 करोड़ रुपये की कटौती की है, जिसे लेकर आर्थिक सामाजिक विशेषज्ञ डॉक्टर डीएम दिवाकर ने सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि जहां कृषि विकास की दर निगेटिव ग्रोथ की तरफ जा रही है. वहां बजट एलोकेशन कम करना कई तरह के आशंका पैदा करता है. डॉक्टर दिवाकर ने ये भी कहा कि जो सरकार लगातार अगले कुछ सालों में किसानों की आय दोगुनी करने का दावा करती है, वह खुद अपने बजट से ऐसा सवाल उठाने का मौका दे रही है.
बजट में किसानों के लिए क्या है?
सरकार की मानें तो बजट 2020-21 के तहत किसानों को सस्ती बिजली और कई योजनाओं का लाभ मिलेगा.
- डीजल अनुदान पर 3 हजार 342 करोड़
- सूखा पीड़ितों को 314 करोड़
- 12 जिलों में जैविक कृषि पोत्साहन योजना
- किसानों को सस्ती बिजली देने का प्रवधान
- राज्य में मौसम के अनुसार खेती पर दिया जाएगा जोर
- किसानों को सस्ती बिजली देने का प्रवधान
- 8 जिलों वैज्ञानिक कृषि योजना
- राज्य स्कीम के अधीन जैविक खेती प्रोत्साहन योजना अंतर्गत बिहार राज्य जैविक मिशन का गठन