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बिहार में अगहनी चूड़ा की सौंधी खुशबू से गुलजार हो रहा है पूरा इलाका, दिन-रात कूटाई में जुटे किसान - chuda ready with new paddy in Patna

मसौढ़ी इलाके में धान की उपज अच्छी होने से अगहनी चूड़ा की कूटाई शुरू हो चुकी है. इस चूड़े की मांग मकर संक्रांति के अवसर और भी बढ़ जाती है. इसके साथ ही इसे विदेशों तक भेजा जाता है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

अगहनी चूड़ा
अगहनी चूड़ा
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Published : Dec 2, 2021, 7:11 AM IST

पटना: सर्दी के मौसम में नए धान तैयार होने के बाद अगहनी चूड़ा की कूटाई (Aghani Chuda Ready In Patna ) शुरू हो जाती है. इसी क्रम में इस वर्ष भी सर्दी का मौसम आते ही खेतों में नए धान की फसल की कटाई शुरू (Harvesting Of New Paddy Crop In Patna) हो चुकी है. जिससे चावल और अगहनी चूड़ा तैयार किया जा रहा है. दिन-रात चूड़ा मिलो में धान की कूटाई चल रही है. नए धान से तैयार होने वाले फसल को लेकर किसान नवान्न का पर्व भी मनाते हैं. जिसमें चूड़ा और दही का भोग लगाकर पूजा की जाती है.

इसे भी पढ़ें: गोपालगंज में बाढ़ से मुश्किल हालात, चूड़ा-मीठा खाकर लोग गुजार रहे हैं दिन

राजधानी से सटे मसौढ़ी इलाके में धान की उपज (Paddy production in Masaudhi) अच्छी-खासी है. लिहाजा यहां अगहनी चूड़ा भी भारी मात्रा में तैयार होता है. आगामी 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर्व पर लोग चूड़ा दही का जायका भी लगाते हैं. इसके साथ ही अगर अगहनी चूड़ा मिल जाए, तो इसका जायका और भी लाजवाब होता है.

अगहनी चूड़ा की कूटाई शुरू.

ये भी पढ़ें: मकर संक्रांति पर तिल-गुड़ और खिचड़ी का महत्व, यहां जाने इसके पीछे की वजह

गौरतलब है कि अगहनी चूड़ा की सौंधी खुशबू से पूरा इलाका इन दिनों गुलजार हो रहा है. दिन-रात चूड़ा मिलों में चूड़ा कूटाई की होड़ मची है. इन दिनों अगहनी चूड़ा का डिमांड भी बहुत अधिक बढ़ गया है. उत्तर भारत में इसकी डिमांड और भी अधिक रहती है. दक्षिण भारत में तो चूड़ा दही का लोग सालों आनंद लेते हैं. उत्तर भारत में लोग चूड़ा दही का जायका मकर संक्रांति के पर्व पर ही लेते हैं.


बता दें कि इस वर्ष पटना के ग्रामीण इलाकों में बाढ़ और सुखाड़ के बीच भी धान की उपज अच्छी हुई है. जिसे लेकर नए धान से यहां अगहनी चूड़ा तैयार किया जा रहा है, जो न केवल बिहार में बल्की अन्य राज्यों में भी इसकी मांग होती है. इसकी मांग विदेशों में भी की जाती है.

'दो महीने तक नए धान से तैयार हो रहा अगहनी चूड़ा को हमलोग दिन-रात कूटाई करते हैं. यह न केवल बिहार में बल्कि अन्य राज्यों तक भेजा जाता है. अगहनी चूड़ा का डिमांड बहुत ज्यादा होता है. मसौढ़ी से बहुत दूर दूर तक अगहनी चूड़ा जाता है. चूड़ा की कुटाई लगभग दो महीनों तक लगातार चलेगी.' -राजेंद्र प्रसाद, चूड़ा मिल संचालक

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पटना: सर्दी के मौसम में नए धान तैयार होने के बाद अगहनी चूड़ा की कूटाई (Aghani Chuda Ready In Patna ) शुरू हो जाती है. इसी क्रम में इस वर्ष भी सर्दी का मौसम आते ही खेतों में नए धान की फसल की कटाई शुरू (Harvesting Of New Paddy Crop In Patna) हो चुकी है. जिससे चावल और अगहनी चूड़ा तैयार किया जा रहा है. दिन-रात चूड़ा मिलो में धान की कूटाई चल रही है. नए धान से तैयार होने वाले फसल को लेकर किसान नवान्न का पर्व भी मनाते हैं. जिसमें चूड़ा और दही का भोग लगाकर पूजा की जाती है.

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राजधानी से सटे मसौढ़ी इलाके में धान की उपज (Paddy production in Masaudhi) अच्छी-खासी है. लिहाजा यहां अगहनी चूड़ा भी भारी मात्रा में तैयार होता है. आगामी 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर्व पर लोग चूड़ा दही का जायका भी लगाते हैं. इसके साथ ही अगर अगहनी चूड़ा मिल जाए, तो इसका जायका और भी लाजवाब होता है.

अगहनी चूड़ा की कूटाई शुरू.

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गौरतलब है कि अगहनी चूड़ा की सौंधी खुशबू से पूरा इलाका इन दिनों गुलजार हो रहा है. दिन-रात चूड़ा मिलों में चूड़ा कूटाई की होड़ मची है. इन दिनों अगहनी चूड़ा का डिमांड भी बहुत अधिक बढ़ गया है. उत्तर भारत में इसकी डिमांड और भी अधिक रहती है. दक्षिण भारत में तो चूड़ा दही का लोग सालों आनंद लेते हैं. उत्तर भारत में लोग चूड़ा दही का जायका मकर संक्रांति के पर्व पर ही लेते हैं.


बता दें कि इस वर्ष पटना के ग्रामीण इलाकों में बाढ़ और सुखाड़ के बीच भी धान की उपज अच्छी हुई है. जिसे लेकर नए धान से यहां अगहनी चूड़ा तैयार किया जा रहा है, जो न केवल बिहार में बल्की अन्य राज्यों में भी इसकी मांग होती है. इसकी मांग विदेशों में भी की जाती है.

'दो महीने तक नए धान से तैयार हो रहा अगहनी चूड़ा को हमलोग दिन-रात कूटाई करते हैं. यह न केवल बिहार में बल्कि अन्य राज्यों तक भेजा जाता है. अगहनी चूड़ा का डिमांड बहुत ज्यादा होता है. मसौढ़ी से बहुत दूर दूर तक अगहनी चूड़ा जाता है. चूड़ा की कुटाई लगभग दो महीनों तक लगातार चलेगी.' -राजेंद्र प्रसाद, चूड़ा मिल संचालक

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