पटना: राज्य स्वास्थ्य समिति के तरफ से लगातार लोगों को नशा उन्मूलन के प्रति जागरूक किया जा रहा है. इसी क्रम में आज तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत एडवोकेसी डॉक्यूमेंट के विमोचन किया गया. साथ ही स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने पुस्तिका का विमोचन भी किया. बता दें कि प्रतिवर्ष 100 में से 40 लोगों की मौतें तम्बाकू सेवन से होती हैं.
इस मौके पर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार, अपर कार्यपालक निदेशक करुणा कुमारी, प्रशाखा पदाधिकारी खालिद अरशद और राज्य तम्बाकू नियंत्रक डॉ एके शाही समेत कई लोग मौजूद रहे.
बिहार सरकार तम्बाकू नियंत्रण को कार्यरत है-मंगल पांडेय
कार्यक्रम में आए स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि तंबाकू पर नियंत्रण करना एक चुनौती भरा काम है. इसको लेकर राज्य स्वास्थ्य विभाग जन जागरूकता अभियान चला रहा है. आने वाले समय में शिक्षा विभाग के साथ मिलकर स्कूल कॉलेज के बच्चों को भी इसके दुष्प्रभाव से अवगत कराने हेतु जागरूकता अभियान चलाया जाएगा.
तम्बाकू कैंसर का है महत्वपूर्ण कारक
तम्बाकू कई प्रकार की बीमारियों का महत्वपूर्ण कारक है. ये एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या के रूप में उभर रहा है. पूरे देश भर में 10 -12 लाख लोगों की मौतें केवल तम्बाकू सेवन से हो रही हैं. भारत में कैंसर से मरने वाले 100 रोगियों में से 40 रोगी तंबाकू सेवन के कारण मरते हैं. लगभग 90% मुंह का कैंसर तंबाकू सेवन करने वालों को होता है. बिहार की बात करें तो, तम्बाकू सेवन करने वाले व्यक्तियों का प्रतिशत 53.5 था. जो कि घटकर 25.9% हो गया है. ये राष्ट्रीय औसत 28 10% से भी कम है. यह कमी राज्य में तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के सफल और सार्थक प्रयासों के कारण हुआ है.
सुबे के 13 जिले हुए तम्बाकू मुक्त
राज्य भर में तंबाकू नियंत्रण कानून कोटपा 2003 की धाराओं का अनुपालन सख्त तरीके से किया जा रहा है. कई जगहों पर टीम बनाकर छापेमारी की जा रही है. सिगरेट, गुटका और अवैध हुक्का पर पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है. तकरीबन 13 जिलों मुंगेर, पटना, दरभंगा, कटिहार, समस्तीपुर, लखीसराय, वैशाली, मधेपुरा, जहानाबाद, मधुबनी, गोपालगंज, सहरसा और खगड़िया को कोटपा की धारा 4 के तहत धूम्रपान मुक्त जिला घोषित किया गया है. और लगातार तंबाकू नियंत्रण को लेकर सरकार कई जगहों पर जन- जागरण अभियान चला रही है.