पटनाः 6 जुलाई 2022 को बिहार में डायल 112 का लोकार्पण किया गया था. डायल 112 (Bihar Police success In Dial 112 Service) के तहत इमरजेंसी सेवा के प्रथम चरण में फायर ब्रिगेड, चिकित्सक और किसी भी तरह के आम लोगों को ये असुविधा दी गई थी. जिसमें 400 वाहन से प्रथम चरण की शुरुआत हुई थी इसका परिणाम काफी अच्छा मिल रहा है. बिहार पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार (ADG Jitendra Singh Gangwar) के मुताबिक डायल 112 के तहत आम लोगों की सूचना के तहत कई लोगों की जान समय रहते बचाई गई है. उन्होंने बताया कि हाल-फिलहाल के दिनों में दो व्यक्ति जिसमें एक महिला एक पुरुष जो कि रेलवे ट्रैक पर सुसाइड करने जा रहे थे, उन्हें समय रहते बचाया गया है. इसके अलावा छपरा के एक घर में बंद करके रखी गई दो महिलाओं को भी सूचना के बाद पुलिस की टीम ने मुक्त करवाया है.
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अब तक आ चुकी हैं 25,533 शिकायतेंः एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने बताया कि जब से डायल 112 की शुरुआत हुई है तब से अब तक 25533 से शिकायतें आई है. उन्होंने बताया कि घरेलू हिंसा के 13% मामले दुर्घटना के 9% मामले चिकित्सा से जुड़े 6% मामले आए हैं वहीं सामान्य आपसी विवाद के 40% मामले सामने आए हैं मध निषेध कानून के तहत 7% मामले और लूट और चोरी से संबंधित 4%मामले सामने आए हैं वही अग्निकांड से जुड़े 2% मामले सामने आए हैं. पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार के मुताबिक जल्द ही बिहार में इस साल के दिसंबर तक इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम के तहत दूसरे चरण की शुरुआत की जाएगी, जिसमें कुल 1800 वाहन होंगे.
"फोर व्हीलर के साथ-साथ इस बार टू व्हीलर को भी रखा जाएगा. कुल 16100 वाहन खरीदा जाएगा इसके अलावा इसमें कई अन्य और इमरजेंसी सिस्टम को ऐड किया जाएगा, ताकि आम लोगों को किसी भी तरह के अब सुविधा ना हो. फिलहाल पटना में इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम के तहत शव वाहन कार्यरत है. दिसंबर तक सभी प्रखंडों में उपलब्ध कराया जाएगा. इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम के तहत पुलिस एंबुलेंस एवं फायर ब्रिगेड समय सभी इमरजेंसी सेवाओं के लिए शुरू की गई डायल 112 के दूसरे चरण के लिए गृह विभाग ने पुलिस मुख्यालय से प्रस्ताव मांगा है, जिसे पुलिस मुख्यालय के द्वारा तैयार किया जा रहा है"- जितेंद्र सिंह गंगवार, एडीजी
विस्तार के लिए करीब 30,000 मानव बल की आवश्यकता ः आपको बता दें कि हर डायल 112 के वाहन पर एक ड्राइवर एक एएसआई या दरोगा रैंक के अधिकारी और दो पुलिस सिपाही तैनात हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि जब पूरी तरह से बिहार में डायल 112 काम करने लगेगा तो मानव संसाधन भी कहीं ना कहीं बिहार पुलिस को बढ़ाना होगा. जिस पर भी विचार विमर्श किया जा रहा है. राज्य में विस्तार के लिए करीब 30,000 मानव बल की आवश्यकता होगी. इसके अलावा 1200चार पहिया वाहन और 500 मोटरसाइकिल वाहन की आवश्यकता जताई गई है. इसके साथ साथ जब पूरी तरह से बिहार में डायल 112 काम करने लगेगा तो इसके कंट्रोल के लिए बड़ा सा कंट्रोल सेंटर भी बनाया जाएगा जिस पर काम किया जा रहा है.
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