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सिवान और बेतिया में जहरीली शराब से मौत पर बोले ADG- जांच के बाद होगी कार्रवाई

बिहार में 5 अप्रैल 2016 से शराबबंदी कानून लागू है. इसके बावजूद पटना समेत पूरे प्रदेश में शराब की तस्करी (Liquor Smuggling in Bihar) जारी है. वहीं, जहरीली शराब से लोगों की मौत हो रही है. ताजा मामला सिवान और बेतिया का है. जहां जहरीली शराब से 5 लोगों की मौत पर एडीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा है मामले की जांच की जा रही है.

ADG Jitendra Singh Gangwar
एडीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार
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Published : Mar 10, 2022, 5:41 PM IST

पटना: बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban in Bihar) कानून 2016 से लागू है. इसके बावजूद राजधानी पटना समेत पूरे प्रदेश में शराब की तस्करी जारी है. वहीं, राज्य में जहरीली शराब से हो रही मौत का सिलसिला जारी है. ताजा मामला सिवान और बेतिया का है जहां जहरीली शराब से 5 लोगों की मौत होने की जानकारी मिल रही है. जिसमें सिवान के दुरौंधा थाना क्षेत्र के ढेबर गांव में तीन व्यक्तियों की संदेहास्पद मौत हुई. वहीं, बेतिया के नौतन थाना क्षेत्र के खटोला में दो लोगों की मौत की सूचना है. इसको लेकर एडीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार (ADG Jitendra Singh Gangwar) ने कहा है मामले की जांच की जा रही है. रिपोर्ट आने पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढ़ें- सिवान में 3 लोगों की संदेहास्पद मौत, बोले परिजन- जहरीली शराब ने ली जान

वहीं, एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने बताया कि सिवान मामले में मृतकों के परिजनों ने शराब से मौत की बात से इंकार किया है. यह सस्पेक्टेड डेथ है. अब तक शराब पीने से मौत की पुष्टि नहीं हुई है. वहीं, बेतिया मामले में उन्होंने कहा कि जांच चल रही है. जांच के बाद ही कुछ का पाना मुमकिन होगा. जांच में जो भी लोग दोषी पाए जाएंगे उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

जहरीली शराब से सिवान के रहने वाले अवध किशोर मांझी, कमलेश मांझी और नूर अहमद की मौत हुई है. इस मामले में एक मृतक की पत्नी ने आरोप लगाया कि देसी शराब पीने से उसके पति की जान गई है. पुलिस के पहुंचने पर शव को जला रहे परिजन और ग्रामीण चिता को जलती हुई छोड़कर भाग गये. जबकि दो लोगों का परिजनों ने अंतिम संस्कार कर दिया था.

ये भी पढ़ें- नालंदा में जहरीली शराब से मौतों के बाद एक्शन में प्रशासन, शराब माफियाओं के मकानों पर चलाया बुलडोजर

बता दें कि जहरीली शराब से मौत का यह पहला मामला नहीं है. बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद से जहरीली शराब से तकरीबन सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है. कुछ दिनों पहले गोपालगंज और बेतिया में जहरीली शराब पीने से 24 लोगों की मौत हुई थी. इसके अलावा कई लोगों की आंखों की रोशनी चली गई थी. जिसमें बेतिया में 8 और गोपालगंज में 16 लोगों की मौत हुई थी.

दरअसल, प्रदेश में 2021 में जहरीली शराब से तकरीबन 70 लोगों की मौत हुई थी. जिसमें नवादा, पश्चिम चंपारण, मुजफ्फरपुर, सिवान और रोहतास जिले शामिल है. जबकि मुजफ्फरपुर के पाली गांव में 28 अक्टूबर को जहरीली शराब पीने से 60 लोगों की मौत हुई थी. इसके बावजूद भी सरकार और प्रशासन नहीं जागा.

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पटना: बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban in Bihar) कानून 2016 से लागू है. इसके बावजूद राजधानी पटना समेत पूरे प्रदेश में शराब की तस्करी जारी है. वहीं, राज्य में जहरीली शराब से हो रही मौत का सिलसिला जारी है. ताजा मामला सिवान और बेतिया का है जहां जहरीली शराब से 5 लोगों की मौत होने की जानकारी मिल रही है. जिसमें सिवान के दुरौंधा थाना क्षेत्र के ढेबर गांव में तीन व्यक्तियों की संदेहास्पद मौत हुई. वहीं, बेतिया के नौतन थाना क्षेत्र के खटोला में दो लोगों की मौत की सूचना है. इसको लेकर एडीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार (ADG Jitendra Singh Gangwar) ने कहा है मामले की जांच की जा रही है. रिपोर्ट आने पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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वहीं, एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने बताया कि सिवान मामले में मृतकों के परिजनों ने शराब से मौत की बात से इंकार किया है. यह सस्पेक्टेड डेथ है. अब तक शराब पीने से मौत की पुष्टि नहीं हुई है. वहीं, बेतिया मामले में उन्होंने कहा कि जांच चल रही है. जांच के बाद ही कुछ का पाना मुमकिन होगा. जांच में जो भी लोग दोषी पाए जाएंगे उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

जहरीली शराब से सिवान के रहने वाले अवध किशोर मांझी, कमलेश मांझी और नूर अहमद की मौत हुई है. इस मामले में एक मृतक की पत्नी ने आरोप लगाया कि देसी शराब पीने से उसके पति की जान गई है. पुलिस के पहुंचने पर शव को जला रहे परिजन और ग्रामीण चिता को जलती हुई छोड़कर भाग गये. जबकि दो लोगों का परिजनों ने अंतिम संस्कार कर दिया था.

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बता दें कि जहरीली शराब से मौत का यह पहला मामला नहीं है. बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद से जहरीली शराब से तकरीबन सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है. कुछ दिनों पहले गोपालगंज और बेतिया में जहरीली शराब पीने से 24 लोगों की मौत हुई थी. इसके अलावा कई लोगों की आंखों की रोशनी चली गई थी. जिसमें बेतिया में 8 और गोपालगंज में 16 लोगों की मौत हुई थी.

दरअसल, प्रदेश में 2021 में जहरीली शराब से तकरीबन 70 लोगों की मौत हुई थी. जिसमें नवादा, पश्चिम चंपारण, मुजफ्फरपुर, सिवान और रोहतास जिले शामिल है. जबकि मुजफ्फरपुर के पाली गांव में 28 अक्टूबर को जहरीली शराब पीने से 60 लोगों की मौत हुई थी. इसके बावजूद भी सरकार और प्रशासन नहीं जागा.

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