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पुलिसकर्मियों को स्किल डेवलपमेंट को लेकर दी जाती है ट्रेनिंग- ADG

बिहार पुलिस मुख्यालय जितेंद्र कुमार ने बताया कि पुलिसकर्मियों को स्किल डेवलपमेंट की ट्रेनिंग दी जाती है. ताकि विभाग में सभी पुलिसकर्मी चुस्ती से काम कर सके.

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Published : Jun 4, 2020, 4:36 PM IST

पटना: बिहार पुलिस अपराधियों को पकड़ने के लिए हरदम तैनात रहती है. इसका कारण है कि यहां पुलिसकर्मियों को स्किल डेवलपमेंट को लेकर पुलिस मुख्यालय के तहत लगातार ट्रेनिंग दी जाती है. पुलिस मुख्यालय एडीजी जितेंद्र कुमार ने कहा कि पुलिसकर्मियों की स्किल डेवलपमेंट को लेकर समय-समय पर ट्रेनिंग कैंप के माध्यम से ट्रेनिंग दी जाती है.

जितेंद्र कुमार ने बताया कि पुलिस विभाग में 4 पदों पर सीधी भर्ती की जाती है. सिपाही, सब इंस्पेक्टर, डीएसपी और आईपीएस अधिकारी की नियुक्ति सीधे होती है. उन्होंने कहा कि नियुक्ति के बाद सबसे पहले ट्रेनिंग ही दी जाती है. आईपीएस अधिकारी की ट्रेनिंग राष्ट्रीय पुलिस अकैडमी हैदराबाद में होती है. बाकी तीनों पद की ट्रेनिंग राज्य सरकार के अंतर्गत होती है. एडीजी ने आगे बताया कि सीआईडी और विशेष शाखा की ओर से उनके कर्मियों को रोल के आधार पर सुरक्षा और अनुसंधान के बारे में ट्रेनिंग दी जाती है.

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ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मी
'पदोन्नति संबंधित दी जाती है ट्रेनिंग'
एडीजी मुख्यालय ने आगे कहा कि पुलिस कर्मियों को ट्रेनिंग के दौरान प्रोसीजर और कानून का ज्ञान होना अनिवार्य होता है. उन्होंने कहा कि बेसिक ट्रेनिंग के दौरान परेड, फिजिकल फिटनेस और हथियार का इस्तेमाल करना सिखाया जाता है. इसके साथ ही पुलिस कर्मियों के पदोन्नति के दौरान सिपाही से हवलदार, जमादार से दारोगा और पदोन्नति से पहले पुलिस कर्मियों को ट्रेनिंग दी जाती है. एडीजी ने आगे कहा कि यह एसएलसी और पीटीसी के माध्यम से होती है. पदोन्नति के बाद उन पुलिस कर्मियों को नई जिम्मेदारी उठानी पड़ सकती है. उससे रिलेटेड उन्हें ट्रेनिंग दी जाती है. वहीं, सब इंस्पेक्टर रैंक के पुलिस कर्मियों को वैज्ञानिक अनुसंधान के आधार पर एफएसएल और घटना क्रम के अनुसंधान के बारे में ट्रेनिंग दी जाती है.
देखें खास रिपोर्ट

साइवर क्राइम पर दी जाती है ट्रेनिंग
बता दें कि पुलिस कर्मियों को समय-समय पर नए तरह के हथियार और नई टेक्नोलॉजी के बारे में ट्रेनिंग के माध्यम से जानकारी दी जाती है. साथ ही ट्रेनिंग के दौरान आम जनता के साथ कैसे बिहेवियर करना है, इससे संबंधित क्लासेस भी दी जाती है. वहीं, आर्थिक मामलों को लेकर साइबर सेल की क्राइम को रोकने के लिए ट्रेनिंग दी जाती है.

पटना: बिहार पुलिस अपराधियों को पकड़ने के लिए हरदम तैनात रहती है. इसका कारण है कि यहां पुलिसकर्मियों को स्किल डेवलपमेंट को लेकर पुलिस मुख्यालय के तहत लगातार ट्रेनिंग दी जाती है. पुलिस मुख्यालय एडीजी जितेंद्र कुमार ने कहा कि पुलिसकर्मियों की स्किल डेवलपमेंट को लेकर समय-समय पर ट्रेनिंग कैंप के माध्यम से ट्रेनिंग दी जाती है.

जितेंद्र कुमार ने बताया कि पुलिस विभाग में 4 पदों पर सीधी भर्ती की जाती है. सिपाही, सब इंस्पेक्टर, डीएसपी और आईपीएस अधिकारी की नियुक्ति सीधे होती है. उन्होंने कहा कि नियुक्ति के बाद सबसे पहले ट्रेनिंग ही दी जाती है. आईपीएस अधिकारी की ट्रेनिंग राष्ट्रीय पुलिस अकैडमी हैदराबाद में होती है. बाकी तीनों पद की ट्रेनिंग राज्य सरकार के अंतर्गत होती है. एडीजी ने आगे बताया कि सीआईडी और विशेष शाखा की ओर से उनके कर्मियों को रोल के आधार पर सुरक्षा और अनुसंधान के बारे में ट्रेनिंग दी जाती है.

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ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मी
'पदोन्नति संबंधित दी जाती है ट्रेनिंग'
एडीजी मुख्यालय ने आगे कहा कि पुलिस कर्मियों को ट्रेनिंग के दौरान प्रोसीजर और कानून का ज्ञान होना अनिवार्य होता है. उन्होंने कहा कि बेसिक ट्रेनिंग के दौरान परेड, फिजिकल फिटनेस और हथियार का इस्तेमाल करना सिखाया जाता है. इसके साथ ही पुलिस कर्मियों के पदोन्नति के दौरान सिपाही से हवलदार, जमादार से दारोगा और पदोन्नति से पहले पुलिस कर्मियों को ट्रेनिंग दी जाती है. एडीजी ने आगे कहा कि यह एसएलसी और पीटीसी के माध्यम से होती है. पदोन्नति के बाद उन पुलिस कर्मियों को नई जिम्मेदारी उठानी पड़ सकती है. उससे रिलेटेड उन्हें ट्रेनिंग दी जाती है. वहीं, सब इंस्पेक्टर रैंक के पुलिस कर्मियों को वैज्ञानिक अनुसंधान के आधार पर एफएसएल और घटना क्रम के अनुसंधान के बारे में ट्रेनिंग दी जाती है.
देखें खास रिपोर्ट

साइवर क्राइम पर दी जाती है ट्रेनिंग
बता दें कि पुलिस कर्मियों को समय-समय पर नए तरह के हथियार और नई टेक्नोलॉजी के बारे में ट्रेनिंग के माध्यम से जानकारी दी जाती है. साथ ही ट्रेनिंग के दौरान आम जनता के साथ कैसे बिहेवियर करना है, इससे संबंधित क्लासेस भी दी जाती है. वहीं, आर्थिक मामलों को लेकर साइबर सेल की क्राइम को रोकने के लिए ट्रेनिंग दी जाती है.

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