पटनाः बिहार के छपरा में जहरीली शराब (Chapra Hooch Tragedy) से 73 लोगों की मौत हो चुकी है. इसको लेकर सदन से सड़क तक हंगामा खड़ा है. घटना सबसे पहला सवाल ये किया जा रहा है कि आखिरकार शराबबंदी वाले राज्य में यह जहरीली शराब उपलब्ध कहां से हुई. घटना के बाद जो जांच की गई, उसमें प्रथम दृष्टा में यह बात सामने आई है कि थाने में जब्त कर रखी गयी स्पिरिट से ही छपरा में जहरीली शराब बनाई गयी थी. जिसके बाद मद्य निषेध, उत्पादन एवं निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सभी जिलों के डीएम को निर्देश जारी है. पाठक ने अपने आदेश (ordered to destroy seized spirit in bihar) में कहा है कि थानों के मालखाने में जो भी जब्त स्पिरिट पड़ी है, उसका सैंपल 48 घंटे में विभाग के केंद्रीय लैब में भिजवाया जाये और जब्त स्पिरिट को तुरंत नष्ट कराया जाए.
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एक हफ्ते के भीतर स्पिरिट नष्ट करने का आदेशः केके पाठक ने अपने निर्देश में कहा है कि कोर्ट के आदेश से स्पिरिट प्रदर्श के रूप में हो या 2016 के पहले से जब्त हो, उसका सैंपल बचाकर बाकी को नष्ट किया जाये और इसकी सूचना विशेष न्यायालय को दी जाय. बताते चलें कि अदालत में सबूत पेश करने के लिए ये स्पिरिट जमा रखे जाते हैं. केके पाठक ने अपने पत्र में लिखा है कि, बिहार के सभी पुलिस और उत्पाद थानों में जब्त कर रखी गयी स्पिरिट जांच कर एक हफ्ते के भीतर नष्ट की जायेगी. इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराना है. सारण में हुई मौतों को देखते हुए अपर मुख्य सचिव ने डीएम से कहा कि अपने जिले में उत्पाद थाने तथा पुलिस थाने के मालखानों का दंडाधिकारियों की टीम गठित कर निरीक्षण कराएं.
जहरीली शराब पीने से मचा मौत का तांडवः गौरतलब है कि सारण में जहरीली शराब पीने से मौत का तांडव मचा हुआ है. यहां हर रोज जहरीली शराब से सेवन करने वाले लोगों की मौत की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है. अबतक 73 लोगों की मौत पिछले तीन दिनों में हो चुकी है. वहीं शराब से मौत मामले को लेकर सूबे की सियासत भी गरमायी हुई है. विधानसभा में इस मामले को लेकर जमकर हंगामा मचा हुआ है. बता दें कि, इतनी जल्दी इस तरह के आदेश जारी करने किए पीछे का मुख्य कारण सारण जिले के मशरक थाने में जब्त करके रखे गये स्पिरिट के गायब होने और इसी स्पिरिट से शराब बनने का आरोप है. हालांकि, इस गंभीर आरोप की जांच अभी जारी है, लेकिन इसे एक बड़ा पॉइंट मानते हुए मद्य निषेध विभाग ने भविष्य के लिए ये बड़ा कदम उठाया है कि थानों में रखे स्पिरिट नष्ट किये जाएंगे.
जिला प्रशासन ने की 26 मौतों की पुष्टिः आपको बता दें कि बिहार में जहरीली शराबकांड की गूंज पूरे देश में सुनाई दे रही है. फिलहाल जिला प्रशासन ने 26 मौतों की ही पुष्टि संदिग्ध पदार्थ पीने की वजह से की है. इधर इस मसले पर विधानसभा में भी काफी हंगामा हुआ है. मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका भी दायर की गई है. जिसमें लगभग 60 लोग के मारे जाने की बात कही गई है. याचिका में त्रासदी की जांच के लिए एसआईटी द्वारा स्वतंत्र जांच की मांग की गई है. अधिवक्ता पवन प्रकाश पाठक ने मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ के समक्ष याचिका का उल्लेख किया. पीठ ने तत्काल सुनवाई के लिए याचिका को सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया और वकील से कहा कि उन्हें मामले को सूचीबद्ध करने के लिए उचित प्रक्रिया से गुजरना होगा. सुप्रीम कोर्ट शनिवार से शुरू होने वाले दो सप्ताह के शीतकालीन अवकाश पर जाएगा और यह 2 जनवरी को फिर से खुलेगा. बिहार स्थित आर्यावर्त महासभा फाउंडेशन द्वारा दायर याचिका में पीड़ित परिवारों को पर्याप्त मुआवजा देने के लिए राज्य सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है.