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बिहार के 42 SDO पर होगी कार्रवाई, खाद्य उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने भेजा प्रस्ताव

विभाग ने एसडीओ के अलावा 6 जिला आपूर्ति पदाधिकारी पर भी प्रपत्र 'क' गठित कर कार्रवाई के लिए सामान्य प्रशासन विभाग को भेजने का फैसला किया है. चार जिला आपूर्ति पदाधिकारियों से 15 दिन में जवाब मांगा गया है.

खाद्य आपूर्ति मंत्री मदन सहनी
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Published : Oct 17, 2019, 11:36 AM IST

पटना: राजधानी समेत राज्य के 42 एसडीओ पर राशन कार्ड निर्गत करने और आधार से जोड़ने में लापरवाही को लेकर कार्रवाई की अनुशंसा हुई है. खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने आरा और दरभंगा के एसडीओ पर अनुशासनिक कार्रवाई का प्रस्ताव सामान्य प्रशासन विभाग को भेजा है.

40 अन्य SDO पर भी कार्रवाई
विभाग ने दस जिला आपूर्ति पदाधिकारी और चार आपूर्ति निरीक्षक पर भी कार्रवाई किया है. खाद्य आपूर्ति मंत्री मदन सहनी के मुताबिक आरा और दरभंगा के एसडीओ पर अनुशासनिक कार्रवाई का प्रस्ताव सामान्य प्रशासन विभाग को भेजा गया है. साथ ही 40 अन्य एसडीओ पर संबंधित डीएम से प्रपत्र 'क' गठित कर मांगा गया है.

15 दिन में मांगा जवाब
विभाग ने एसडीओ के अलावा 6 जिला आपूर्ति पदाधिकारी पर भी प्रपत्र 'क' गठित कर कार्रवाई के लिए सामान्य प्रशासन विभाग को भेजने का फैसला किया है. चार जिला आपूर्ति पदाधिकारियों से 15 दिन में जवाब मांगा गया है. जिन जिला आपूर्ति पदाधिकारियों पर प्रपत्र 'क' गठित किया गया है उनमें सहरसा, मुंगेर, रोहतास, सुपौल, शेखपुरा और पूर्णिया शामिल हैं. जबकि कटिहार, मधेपुरा, वैशाली और जहानाबाद के डीएसओ से जवाब तलब किया गया है.

बिहार के SDO पर होगी कार्रवाई

प्रपत्र 'क' क्या है?
प्रपत्र 'क' को आरोपपत्र कहते हैं. जिस अधिकारी पर यह आरोप पत्र लगता है उसे सक्षम प्राधिकार प्राधिकार द्वारा नोटिस जारी की जाती है. इसमें अधिकारी की विवरणी, आरोपों की सूची, उससे जुड़े साक्ष्यों और गवाहों की सूची भी लिखी रहती है. यदि अधिकारी ये साबित करने में कामयाब होते हैं कि आरोप गलत है तो मामला आगे नहीं बढ़ता है. यदि जवाब संतोषजनक नहीं होता है तो विभागीय कार्यवाही शुरू कर आरोपों की विस्तृत जांच की जाती है.

पटना: राजधानी समेत राज्य के 42 एसडीओ पर राशन कार्ड निर्गत करने और आधार से जोड़ने में लापरवाही को लेकर कार्रवाई की अनुशंसा हुई है. खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने आरा और दरभंगा के एसडीओ पर अनुशासनिक कार्रवाई का प्रस्ताव सामान्य प्रशासन विभाग को भेजा है.

40 अन्य SDO पर भी कार्रवाई
विभाग ने दस जिला आपूर्ति पदाधिकारी और चार आपूर्ति निरीक्षक पर भी कार्रवाई किया है. खाद्य आपूर्ति मंत्री मदन सहनी के मुताबिक आरा और दरभंगा के एसडीओ पर अनुशासनिक कार्रवाई का प्रस्ताव सामान्य प्रशासन विभाग को भेजा गया है. साथ ही 40 अन्य एसडीओ पर संबंधित डीएम से प्रपत्र 'क' गठित कर मांगा गया है.

15 दिन में मांगा जवाब
विभाग ने एसडीओ के अलावा 6 जिला आपूर्ति पदाधिकारी पर भी प्रपत्र 'क' गठित कर कार्रवाई के लिए सामान्य प्रशासन विभाग को भेजने का फैसला किया है. चार जिला आपूर्ति पदाधिकारियों से 15 दिन में जवाब मांगा गया है. जिन जिला आपूर्ति पदाधिकारियों पर प्रपत्र 'क' गठित किया गया है उनमें सहरसा, मुंगेर, रोहतास, सुपौल, शेखपुरा और पूर्णिया शामिल हैं. जबकि कटिहार, मधेपुरा, वैशाली और जहानाबाद के डीएसओ से जवाब तलब किया गया है.

बिहार के SDO पर होगी कार्रवाई

प्रपत्र 'क' क्या है?
प्रपत्र 'क' को आरोपपत्र कहते हैं. जिस अधिकारी पर यह आरोप पत्र लगता है उसे सक्षम प्राधिकार प्राधिकार द्वारा नोटिस जारी की जाती है. इसमें अधिकारी की विवरणी, आरोपों की सूची, उससे जुड़े साक्ष्यों और गवाहों की सूची भी लिखी रहती है. यदि अधिकारी ये साबित करने में कामयाब होते हैं कि आरोप गलत है तो मामला आगे नहीं बढ़ता है. यदि जवाब संतोषजनक नहीं होता है तो विभागीय कार्यवाही शुरू कर आरोपों की विस्तृत जांच की जाती है.

Intro:पटना समेत राज्य के 42 एसडीओ पर राशन कार्ड निर्गत करने और आधार से जोड़ने में ढिलाई बरतने को लेकर कार्रवाई की अनुशंसा हुई है। खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने आरा और दरभंगा के एसडीओ पर अनुशासनिक कार्रवाई का प्रस्ताव सामान्य प्रशासन विभाग को भेजा है।


Body:विभाग ने 10 जिला आपूर्ति पदाधिकारी और चार आपूर्ति निरीक्षक पर भी कार्रवाई की है। खाद्य आपूर्ति मंत्री मदन सहनी के मुताबिक आरा और दरभंगा के एसडीओ पर अनुशासनिक कार्रवाई का प्रस्ताव सामान्य प्रशासन विभाग को भेजा गया है साथ ही 40 अन्य एसडीओ पर संबंधित डीएम से प्रपत्र क गठित कर मांगा गया है।
विभाग ने एसडीओ के अलावा 6 जिला आपूर्ति पदाधिकारी पर भी प्रपत्र क गठित कर कार्रवाई के लिए सामान्य प्रशासन विभाग को भेजने का फैसला किया है। चार जिला आपूर्ति पदाधिकारियों से 15 दिन में जवाब मांगा गया है। जिन जिला आपूर्ति पदाधिकारियों पर प्रपत्र क गठित कर दिया गया है उनमें सहरसा, मुंगेर, रोहतास, सुपौल, शेखपुरा और पूर्णिया शामिल हैं। कटिहार, मधेपुरा, वैशाली और जहानाबाद के डीएसओ से जवाब तलब किया गया है।


Conclusion:प्रपत्र 'क' क्या है

प्रपत्र क को आरोपपत्र कहते हैं। जिस अधिकारी पर यह आरोप पत्र लगता है उसे सक्षम प्राधिकार प्राधिकार द्वारा नोटिस जारी की जाती है। इसमें अधिकारी की विवरणी, आरोपों की सूची, उससे जुड़े साक्ष्यों और गवाहों की सूची भी लिखी रहती है। यदि अधिकारी ये साबित करने में कामयाब होते हैं कि आरोप गलत है तो मामला आगे नहीं बढ़ता है। यदि जवाब संतोषजनक नहीं होता है विभागीय कार्यवाही शुरु कर आरोपों की विस्तृत जांच की जाती है।
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