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पटना: फर्जी शिक्षकों के मामले में अधिकारियों पर भी लटकी तलवार

राज्य के नियोजित शिक्षकों की डिग्रियों की जांच निगरानी विभाग कर रहा है. हाल ही में हाईकोर्ट के आदेश के बाद इस जांच में तेजी आई है. शिक्षा विभाग ने तमाम ऐसे शिक्षकों को अपना प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने को कहा है जिनके फोल्डर गायब हैं.

शिक्षा विभाग
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Published : Jan 30, 2021, 9:27 AM IST

पटना: बिहार के सरकारी स्कूलों में बहाल फर्जी शिक्षकों के मामले में नियोजन इकाइयों के साथ जिला शिक्षा पदाधिकारी पर भी शिक्षा विभाग की तलवार लटक रही है. जिन शिक्षकों के प्रमाण पत्र गायब है या नियोजन इकाइयों कि उस वक्त की मेधा सूची नहीं मिली तो संबंधित डीईओ पर भी कार्रवाई की जाएगी.

वेब पोर्टल किया जा रहा तैयार
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक विभाग एक वेब पोर्टल तैयार कर रहा है. जिसमें 2006 से 2015 के बीच बहाल सभी शिक्षकों को अपने तमाम प्रमाण पत्र अपलोड करने होंगे. विशेष रूप से उन एक लाख से ज्यादा फर्जी शिक्षकों को ऐसा करना जरूरी है. जिनके प्रमाण पत्र अब तक निगरानी को नहीं मिल पाए हैं. इसके लिए शिक्षा विभाग शिक्षकों को करीब एक महीने का समय भी देगा. जिन शिक्षकों ने अपना प्रमाण पत्र अपलोड नहीं किया उनकी नौकरी जानी तय है. उनसे अब तक का वेतन भुगतान भी शिक्षा विभाग वसूलेगा.

इसे भी पढ़ें: बिहार में मानव श्रृंखला: एक CLICK में जानिए पूरा रूट चार्ट और मुद्दे

पदाधिकारियों पर भी की जा सकती है कार्रवाई
इधर 2012 के बाद नियोजन की मेघा सूची भी नियोजन इकाइयों को शिक्षा विभाग के पास उपलब्ध करानी है. अगर मेघा सूची गायब हुई तो सिर्फ नियोजन इकाई ही नहीं बल्कि संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी पर भी कार्रवाई तय है. ऐसे शिक्षकों की संख्या 10,3000 है जिनकी प्रमाण पत्र अब तक निगरानी विभाग को नहीं मिला है.

पटना: बिहार के सरकारी स्कूलों में बहाल फर्जी शिक्षकों के मामले में नियोजन इकाइयों के साथ जिला शिक्षा पदाधिकारी पर भी शिक्षा विभाग की तलवार लटक रही है. जिन शिक्षकों के प्रमाण पत्र गायब है या नियोजन इकाइयों कि उस वक्त की मेधा सूची नहीं मिली तो संबंधित डीईओ पर भी कार्रवाई की जाएगी.

वेब पोर्टल किया जा रहा तैयार
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक विभाग एक वेब पोर्टल तैयार कर रहा है. जिसमें 2006 से 2015 के बीच बहाल सभी शिक्षकों को अपने तमाम प्रमाण पत्र अपलोड करने होंगे. विशेष रूप से उन एक लाख से ज्यादा फर्जी शिक्षकों को ऐसा करना जरूरी है. जिनके प्रमाण पत्र अब तक निगरानी को नहीं मिल पाए हैं. इसके लिए शिक्षा विभाग शिक्षकों को करीब एक महीने का समय भी देगा. जिन शिक्षकों ने अपना प्रमाण पत्र अपलोड नहीं किया उनकी नौकरी जानी तय है. उनसे अब तक का वेतन भुगतान भी शिक्षा विभाग वसूलेगा.

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पदाधिकारियों पर भी की जा सकती है कार्रवाई
इधर 2012 के बाद नियोजन की मेघा सूची भी नियोजन इकाइयों को शिक्षा विभाग के पास उपलब्ध करानी है. अगर मेघा सूची गायब हुई तो सिर्फ नियोजन इकाई ही नहीं बल्कि संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी पर भी कार्रवाई तय है. ऐसे शिक्षकों की संख्या 10,3000 है जिनकी प्रमाण पत्र अब तक निगरानी विभाग को नहीं मिला है.

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