पटना : बिहार का शिक्षा विभाग कई कारणों से चर्चा में है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के फैसालों को लेकर विशेष रूप से चर्चा हो रही है. केके पाठक के स्कूलों में खुद निरीक्षण करना और कई तरह की कार्रवाई करने के कारण स्कूलों में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति बढ़ी है. शिक्षकों की उपस्थिति भी बेहतर हुई है, लेकिन केके पाठक पिछले 5 दिनों से दिल्ली में थे और आज लौटे हैं तो शिक्षा विभाग नहीं पहुंचे.
ये भी पढ़ें : Bihar Niyojit Shikshak को राज्य कर्मी का दर्जा देने के खिलाफ KK Pathak पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, सरकार की मंशा पर सवाल
केके पाठक ने लिया है सीएल : केके पाठक के विभाग नहीं पहुंचने के पीछे कारण पता करने पर मालूम चला कि उन्होंने शुक्रवार को Casual Leave (CL) ले लिया. इस कारण शिक्षा विभाग में कई तरह की चर्चा शुरू है. शनिवार और छुट्टियों के दिन भी के के पाठक शिक्षा विभाग को खोल कर रखते थे, लेकिन अचानक पटना में रहते हुए CL ले लेते हैं और शनिवार रविवार और सोमवार तीन दिन लगातार सरकारी छुट्टी है ऐसे में सोमवार तक शिक्षा विभाग अब बंद रहेगा.
बीएड को मान्यता देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी: विभाग में चर्चा है कि आखिर क्या हुआ की शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक 5 दिनों की छुट्टी के बाद जब पटना पहुंचे तो विभाग नहीं पहुंचे. B.Ed डिग्री मामले में बिहार सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गई है. इसके तहत B.Ed डिग्री धारी को प्राथमिक शिक्षक के योग्य नहीं मानने के फैसले के खिलाफ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखा है. राज्य सरकार का तर्क है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले बिहार में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो गई थी.
प्राथमिक शिक्षक के लिए 376000 आवेदक बीएड डिग्रीधारी : प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति में 376000 आवेदक बीएड डिग्रीधारी हैं और इसलिए सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया गया है कि इस नियुक्ति में बीएड डिग्री धारी को मौका देने की अनुमति प्रदान की जाए. मिली जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक इसी मामले को लेकर दिल्ली गए थे. हालांकि, अब मंगलवार को जब शिक्षा विभाग खुलेगा तभी पता चलेगा कि केके पाठक आते हैं या नहीं. फिलहाल कई तरह की चर्चा जरूर शुरू है.
राजस्थान के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने दिया है फैसला : राजस्थान में प्राथमिक शिक्षकों की बहाली के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि प्राथमिक शिक्षकों के लिए बीएड की डिग्री मान्य नहीं है. प्राथमिक शिक्षक के पद लिए सिर्फ डीएलड डिग्रीधारी ही योग्य हैं. इस फैसले के बाद बिहार में चल रही शिक्षक नियुक्ति को लेकर भी उहापोह की स्थिति पैदा होने लगी और चर्चाओं का बाजार गर्म है. इसी बीच केके पाठक के दिल्ली जाने को लेकर खबर आई है कि उन्होंने इसको लेकर एसएलपी दायर किया है.
आरजेडी नेताओं से रहा है मतभेद : शिक्षा मंत्री के साथ खटपट केके पाठक के आने के साथ ही शुरू हो गया था. शिक्षा मंत्री के आप्त सचिव के लेटर के बाद विवाद और बढ़ा था. मुख्य सचिव के स्तर से आप्त सचिव के कार्य को लेकर लेटर जारी करना पड़ा. मुख्यमंत्री ऐसे तो केके पाठक के काम की लगातार तारीफ करते रहे हैं, लेकिन महागठबंधन के प्रमुख सहयोगी राजद नेताओं की नाराजगी किसी से छिपी नहीं है. असल में क्या मामला है, शिक्षा विभाग में इसकी किसी को फिलहाल जानकारी नहीं है.
हाल ही में मुख्यमंत्री ने किया था विभाग का निरीक्षण : अब सभी मंगलवार का इंतजार कर रहे हैं. वैसे मुख्यमंत्री ने हाल ही में शिक्षा विभाग का भी निरीक्षण किया था. उस समय केके पाठक दिल्ली में थे, लेकिन मंत्री सहित कई अधिकारी गायब मिले थे. मुख्यमंत्री ने नाराजगी भी जताई थी और शिक्षा मंत्री को वहीं से फोन भी लगाया था और सभी को समय पर आने का निर्देश भी दिया था.