पटना : नीति आयोग की हालिया रिपोर्ट में देश में 9 साल में 24 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं. इसमें यूपी के सबसे अधिक 5.94 करोड़ लोग और दूसरे स्थान पर बिहार के 3.7 करोड़ लोग गरीबी से बाहर हुए हैं. तीसरे स्थान पर मध्य प्रदेश के 2.30 करोड़ लोग गरीबी से बाहर हुए हैं. नीति आयोग के इस रिपोर्ट पर वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि यह नीतीश कुमार के नेतृत्व के कारण ही यह संभव हुआ है.
"नीतीश कुमार ने 2005 से बिहार में जिस प्रकार से योजना चलाई है. उसके कारण बिहार ने गरीबी उन्मूलन के मामले में देश में अव्वल स्थान प्राप्त किया है. न्याय के साथ विकास नीतीश कुमार के शासन का मूल मंत्र रहा है और इसका नीति आयोग की रिपोर्ट प्रमाण है. इसमें गरीबी समाप्त करने और कम करने के मामले में बिहार का प्रदर्शन देश में सबसे बेहतर है और इसका संज्ञान न केवल देश स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी लिया जा रहा है."- विजय चौधरी, वित्त मंत्री, बिहार सरकार
44% आबादी बहुआयामी गरीबी से बाहर निकली : नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार 2005-06 से 2019-20 के बीच बिहार में 44.52% आबादी बहुआयामी गरीबी से बाहर आई है. वहीं 2013- 14 में बहुआयामी गरीबी देश में 19.5% थी, जो 2022-23 में घटकर 11.28% रह गई है. नीति आयोग ने रिपोर्ट 12 सतत विकास लक्षण से संबंध संकेतों के माध्यम से तैयार किया है. इसमें पोषण, बाल और किशोर मृत्यु दर, मातृत्व, स्वास्थ्य, स्कूली शिक्षा, स्कूल में उपस्थित, खाना पकाने का ईंधन, स्वच्छता, पीने का पानी, बिजली, आवास, संपत्ति और बैंक खाता शामिल है.
गरीबी उन्मूलन में बिहार का बेहतर प्रदर्शन : पिछले साल भी जो रिपोर्ट नीति आयोग ने तैयार की थी. उसमें बिहार ने गरीबी के मामले में सबसे बेहतर प्रदर्शन किया था. अब एक बार फिर से बिहार का प्रदर्शन बेहतर हुआ है और बिहार सरकार के मंत्री इसे नीतीश कुमार की बड़ी उपलब्धि बता रहे हैं.
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