पटना: बिहार के सीमांचल के क्षेत्र में अमित शाह का दौरा है. गृह मंत्री अमित शाह का बिहार दौरा (Amit Shah Bihar Tour) को लेकर सूबे में सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता सह पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्धकी ने कहा है कि केंद्र में मंत्री है बिहार आते जाते रहते हैं. इस बार सीमांचल में किसी कार्यक्रम में आ रहे हैं. केंद्र में मंत्री हैं तो ठीक है, बिहार उन्हें आना है लेकिन सीमांचल के क्षेत्र में जिस तरह किस सोच लेकर आ रहे हैं कहीं ना कहीं उसमें उन्हें सफलता नहीं मिलेगी.
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''अमित शाह अभी तक बिहारियों को ठीक से पहचाने नहीं हैं. बिहारी ऐसा होता है कि उड़ती चिड़िया के पंख में हल्दी लगा देता है. इसलिए अगर इस भावना से वह आते हैं कि सीमांचल में आकर के सामाजिक विद्वेष फैलाये तो उसमें वह सफल नहीं होंगे. वैसे बिहार में नई सरकार बनी है और उसके बाद अगर गृह मंत्री अमित शाह का दौरा हो रहा है तो कहीं ना कहीं इसमें कोई खास बात जरूर होगी. वैसे भी भारतीय जनता पार्टी जब बिहार के सरकार से बाहर हुई है तरह-तरह की बातें उनके नेता कर रहे हैं. तरह तरह का बयान बाजी कर रहे हैं. भाजपाई की जो असली सोच है वह बिहार में सामने देखने को मिल रही है. वैसे बिहार की जनता को इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. क्योंकि बिहार की जनता जानती है कि किस तरह से उन्हें सामाजिक सामंजस्य बनाकर रहना है''- अब्दुल बारी सिद्दीकी, वरिष्ठ आरजेडी नेता
अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा को बिहार में महागठबंधन की सरकार बनी है. लोगों की सोच के अनुरूप बनी सरकार ने अपना काम करना भी शुरू कर दिया है. जनता को जो विश्वास और भरोसा है कहीं ना कहीं उस भरोसे पर उतरने की कोशिश मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दोनों कर रहे हैं. जहां तक रोजगार देने का सवाल है जो वायदा महागठबंधन सरकार ने किया है उसके लिए भी प्रयास शुरू कर दिया गया है.
आरजेडी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि विपक्ष में बैठे लोग अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं. वह लोग जब सत्ता में थे तब बिहार में अपराध नहीं था और जब महागठबंधन की सरकार बनी है तो उसके बाद उन्हें चारों तरफ अपराध दिख रहा है. जनता भी देख रही है कि किस तरह का अनर्गल बयानबाजी विपक्ष में बैठे लोग कर रहे हैं. वैसे जो भी सरकार यहां पर बनी है और जिस उम्मीद से जनता इस सरकार को देखती है कहीं ना कहीं यह सरकार जनता की उम्मीद पर भरोसे पर खरी उतरेगी. इसको लेकर जो काम करना है वह बिहार में हो रहा है. विपक्ष के लोग भले ही कुछ कहें लेकिन नई सरकार बनने के बाद जो बेरोजगारों के लिए काम होना है. निश्चित तौर पर उस पर लगातार समीक्षा की जा रही है. मुख्यमंत्री खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं और हमें उम्मीद है कि काम के जरिए हम लोग विपक्ष को उसके सवालों का जवाब देने में बहुत जल्द ही सक्षम होंगे.