पटना: एनआरसी और एनपीआर को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, जीतन राम मांझी से लेकर उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला है. ट्विटर पर बीडीओ के जारी एक पत्र को साझा करते हुए केंद्र सरकार और राज्य सरकार पर निशाना साधा है.
सीएए-एनआरसी और एनपीआर को लेकर देशभर में आंदोलन जारी हैं. विपक्षी दल लगातार केंद्र सरकार को घेरने में लगे हुए हैं. कभी सोशल मीडिया के माध्यम से, तो कभी सड़क पर उतरकर कानून का विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इन सबके बीच बिहार में एक पत्र तेजी से वायरल हो रहा है. पत्र बिहार के मोकामा प्रखंड के बीडीओ का है. पत्र में प्रखंड के 3 सरकारी स्कूलों के प्राचार्य को निर्देश दिए गए हैं कि एनआरसी के लिए हर स्कूल में 2-2 शिक्षकों की मांग की गई थी. यह पत्र 18 जनवरी 2020 को जारी किया गया था.
![यह रहा वायरल पत्र](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/5912385_thumb.jpg)
पत्र पर तेजस्वी का वार
तेजस्वी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि एनआरसी-एनआरपी पर पकड़ा गया श्री नीतीश कुमार जी का सफेद झूठ. बिहार में शुरू हो चुका है एनआरसी-एनपीआर का काम. अधिकारी की चिट्ठी ने खोला राज. अभी एनपीआर का कार्य किसी भी प्रदेश में शुरू नहीं हुआ है लेकिन बिहार में एनआरसी की प्रक्रिया नीतीश जी ने शुरू कर दी. अब आपको तय करना है असली संघी कौन है ?
मांझी का ट्वीट
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने ट्वीट कर नीतीश कुमार और अमित शाह को टैग करते हुए लिखा है कि सूबे में एनआरसी लागू नहीं होगा और सरकारी फाइलों में एनआरसी का काम शुरू भी हो गया है. फिर से किसी केस का नाम में आपको डाल दिया क्या?
उपेंद्र कुशवाहा का ट्वीट
वहीं, उपेंद्र कुशवाहा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को टैग करते हुए लिखा है कि नीतीश जी आप तो भाजपा से भी आगे निकल गए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी कहते हैं कि एनआरसी पर चर्चा ही नहीं हुई और आपने आदेश जारी करवा दिया. ऊपर से प्राचार्य पर राजनीतिक दल से मिलीभगत का आरोप. आप झूठे और पलटू हैं. फिर से साबित हुआ कि कुर्सी खातिर कुछ भी करेंगे.
- इस पत्र के जारी होते ही राजनीतिक दलों ने एक बार फिर से केंद्र सरकार और राज्य सरकार पर हमला बोलना शुरू कर दिया है. सीएए, एनआरसी और एनपीआर को लेकर अभी देशभर में प्रदर्शन जारी हैं. ऐसे में इस पत्र के वायरल होने से एक बार फिर सियासी दलों ने सरकार पर जमकर निशाना साधा है.