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बिहार के 925 थानों में लगे CCTV कैमरे, पुलिस की हर हरकत पर रहेगी नजर - supreme court judgement on cctv camera

बिहार के 925 थानों को हाईटेक सीसीटीवी कमरों से लैस कर दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार सभी पुलिस थानों में सीसीटीवी लगाए जा रहे हैं ताकि मानवाधिकारों का उल्लंघन थानों के अंदर नहीं किया जा सके. पढ़ें पूरी खबर

cctv in all police station of bihar
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Published : Sep 30, 2021, 4:14 PM IST

पटना: बिहार पुलिस (Bihar Police) की कार्यशैली पर अक्सर सवाल उठते रहे हैं. अक्सर बिहार पुलिस पर आरोप लगता रहा है कि आम आदमी के साथ पुलिस का व्यवहार काफी खराब होता है. शिकायत लेकर थाने पहुंचे आम लोगों के साथ ठीक व्यवहार नहीं किया जाता है. जिस वजह से आम व्यक्ति थानों में जाने से परहेज करता है. लगातार ऐसी खबरें मिलने की वजह से सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के सभी पुलिस थानों (Bihar Police Stations) के सभी कोनों में सीसीटीवी लगाने का निर्देश दिया है, ताकि मानवाधिकार का उल्लंघन थानों के अंदर नहीं किया जा सके.

यह भी पढ़ें- 'तीसरी आंख' खराब होने का फायदा उठा रहे अपराधी, राजधानी पटना की सुरक्षा राम भरोसे!

बिहार में कुल 1064 थाने और 225 ओपी हैं. पुलिस मुख्यालय के एडीजी मॉडर्नाइजेशन कमल किशोर सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बताया कि बिहार में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद अब तक 925 थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जा चुके हैं. इन सभी थानों में एसएचओ साहब की केबिन से लेकर एफआईआर रूम, लॉकअप या मालखाना या यूं कहें कि थानों के सभी कोनो में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, ताकि मानवाधिकार का उल्लंघन थानों के अंदर नहीं किया जा सके.

देखें वीडियो

सभी थानों का डाटा 1 साल तक संभाल कर रखने का भी प्रावधान बनाया गया था. ताकि न्यायालय को अगर जरूरत पड़े तो उस थाने का फुटेज मंगवा कर कार्रवाई की जा सके. सुप्रीम कोर्ट का जो दूसरा निर्देश आया है, उसके तहत अब 1 वर्ष के स्थान पर डेढ़ वर्षो का डाटा स्टोर किया जा रहा है.

"925 थानों में कैमरे लग चुके हैं. कुछ साइट्स बचे हुए हैं उन जगहों पर भी जहां अब तक कैमरे नहीं लग पाए हैं जल्द ही बेल्ट्रान के माध्यम से सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. सीसीटीवी लगाने से थानों के अंदर जितने भी मानवाधिकार उल्लंघन के मामले आते हैं, उनपर कार्रवाई करने में आसानी होगी."- कमल किशोर सिंह, एडीजी मॉर्डनाइजेशन, पुलिस मुख्यालय

पुलिस मुख्यालय के अनुसार बिहार के 90% थानों में कैमरे लगाए जा चुके हैं. जिस वजह से मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों में कहीं ना कहीं काफी हद तक अंकुश भी लगा है. बिहार के थानों में लगाए जा रहे हैं सीसीटीवी कैमरे की वजह से पुलिस कर्मियों के व्यवहार में भी काफी बदलाव हो रहा है.

जब बिहार के अधिकांश थानों में कैमरे लग गए हैं तो अब पुलिस के व्यवहार में भी बदलाव आया है. सीसीटीवी के डर से पुलिस का व्यवहार लगातार बदल रहा है. वहीं पुलिस के हितों की भी रक्षा हो रही है. कैमरे लग जाने से थानों में जब्त हुए सामान की सही तरीके से निगरानी भी की जा रही है. आपको बता दें कि थानों के अंदर बुलेट है, जबकि बाहर पीटीजे कैमरे लगे हैं. बुलेट कैमरे की विजिबिलिटी रेंज 7 मीटर है जबकि पीटीजे कैमरे का रेंज 50 मीटर है. सभी कैमरे नाइट विजन मोड में काम करते हैं.

यह भी पढ़ें- पंचायत चुनाव से पहले पंचायती राज मंत्री का ऐलान- 'गांवों में लगेंगे CCTV और स्ट्रीट लाइट्स'

यह भी पढ़ें- VIDEO: कदमकुआं के चूड़ी मार्केट में धांय-धांय, CCTV में कैद हो गई वारदात

पटना: बिहार पुलिस (Bihar Police) की कार्यशैली पर अक्सर सवाल उठते रहे हैं. अक्सर बिहार पुलिस पर आरोप लगता रहा है कि आम आदमी के साथ पुलिस का व्यवहार काफी खराब होता है. शिकायत लेकर थाने पहुंचे आम लोगों के साथ ठीक व्यवहार नहीं किया जाता है. जिस वजह से आम व्यक्ति थानों में जाने से परहेज करता है. लगातार ऐसी खबरें मिलने की वजह से सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के सभी पुलिस थानों (Bihar Police Stations) के सभी कोनों में सीसीटीवी लगाने का निर्देश दिया है, ताकि मानवाधिकार का उल्लंघन थानों के अंदर नहीं किया जा सके.

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बिहार में कुल 1064 थाने और 225 ओपी हैं. पुलिस मुख्यालय के एडीजी मॉडर्नाइजेशन कमल किशोर सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बताया कि बिहार में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद अब तक 925 थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जा चुके हैं. इन सभी थानों में एसएचओ साहब की केबिन से लेकर एफआईआर रूम, लॉकअप या मालखाना या यूं कहें कि थानों के सभी कोनो में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, ताकि मानवाधिकार का उल्लंघन थानों के अंदर नहीं किया जा सके.

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सभी थानों का डाटा 1 साल तक संभाल कर रखने का भी प्रावधान बनाया गया था. ताकि न्यायालय को अगर जरूरत पड़े तो उस थाने का फुटेज मंगवा कर कार्रवाई की जा सके. सुप्रीम कोर्ट का जो दूसरा निर्देश आया है, उसके तहत अब 1 वर्ष के स्थान पर डेढ़ वर्षो का डाटा स्टोर किया जा रहा है.

"925 थानों में कैमरे लग चुके हैं. कुछ साइट्स बचे हुए हैं उन जगहों पर भी जहां अब तक कैमरे नहीं लग पाए हैं जल्द ही बेल्ट्रान के माध्यम से सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. सीसीटीवी लगाने से थानों के अंदर जितने भी मानवाधिकार उल्लंघन के मामले आते हैं, उनपर कार्रवाई करने में आसानी होगी."- कमल किशोर सिंह, एडीजी मॉर्डनाइजेशन, पुलिस मुख्यालय

पुलिस मुख्यालय के अनुसार बिहार के 90% थानों में कैमरे लगाए जा चुके हैं. जिस वजह से मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों में कहीं ना कहीं काफी हद तक अंकुश भी लगा है. बिहार के थानों में लगाए जा रहे हैं सीसीटीवी कैमरे की वजह से पुलिस कर्मियों के व्यवहार में भी काफी बदलाव हो रहा है.

जब बिहार के अधिकांश थानों में कैमरे लग गए हैं तो अब पुलिस के व्यवहार में भी बदलाव आया है. सीसीटीवी के डर से पुलिस का व्यवहार लगातार बदल रहा है. वहीं पुलिस के हितों की भी रक्षा हो रही है. कैमरे लग जाने से थानों में जब्त हुए सामान की सही तरीके से निगरानी भी की जा रही है. आपको बता दें कि थानों के अंदर बुलेट है, जबकि बाहर पीटीजे कैमरे लगे हैं. बुलेट कैमरे की विजिबिलिटी रेंज 7 मीटर है जबकि पीटीजे कैमरे का रेंज 50 मीटर है. सभी कैमरे नाइट विजन मोड में काम करते हैं.

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