पटना: मिली जानकारी के मुताबिक बिहार में 38 IAS अफसरों को बीपीएससी से चयनित (BPSC officers promote to IAS ) किया गया है. इन सभी को प्रमोशन दिया जा रहा है. जानकारी के अनुसार सीएस बिहार के साथ इस बाबत यूपीएससी के अधिकारियों के साथ गत 22 जुलाई को मीटिंग हुई थी. जिसमें बीपीएससी उत्तीर्ण 38 अफसरों को प्रमोशन देकर IAS बनाने के प्रस्ताव पर सहमती बनी. चयनित नामों की अधिसूचना पर राज्य सरकार और UPSC की आखिरी अनुमति मिलने के बाद ही अफसरों को प्रमोशन लेटर जारी किया जाएगा.
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एक साल में 77 आईएएस मिलेंगे: संबंधित अधिकारियों की माने तो 2022 और 2023 को मिलाकर बिहार को 77 नए IAS मिल (promoted IAS in Bihar) जाएंगे. 2022 में BPSC से चयनित 38 अफसरों को IAS के रूप में प्रमोट किया जाएगा. 38 पदाधिकारियों को यह प्रोन्नति वर्ष 2018 और 2019 की रिक्तियों के आधार पर दी जा रही है. इस प्रकार वर्ष 2020 और 2021 के लिए 39 बिप्रसे के पदाधिकारियों से IAS के रूप में प्रमोशन से जुड़े मामले में 2023 की शुरुआत में पहल शुरू की जायेगी. इस तरह 2022 में 38 और 2023 में 39 IAS बिहार को मिल जाएंगे. बिहार में IAS के लिए 324 पद स्वीकृत हैं, लेकिन फिलहाल केवल 284 IAS अफसर हैं. इस 284 में 32 अफसर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं.
अधिकारियों की कमी से कार्यों पर असर: ज्ञात हो कि आईएएस अधिकारियों की कमी से राज्य की विकास योजनाओं पर सीधा असर पड़ रहा है. अधिकारियों की कमी से जनहित की कई योजनाएं अमल में नहीं आ पाती है. इन अधिकारियों की कमी को लेकर राज्य सरकार काफी गंभीर है. इसी कमी को दूर करने के लिए राज्य सरकार ने यह पहल की है.
प्रमोटी IAS बनने के ये हैं नियम: बता दें कि BPSC से अफसर बनने वालों PCS भी कहा जाता है. PCS से IAS में प्रमोट होने के लिए अधिकतम उम्र सीमा 54 साल होती है. सेवाकाल के दौरान यह सुनिश्चित होना चाहिए कि PCS अफसर के खिलाफ कोई आरोप पत्र नहीं होना चाहिए. साथ ही यदि कोई अधिकारी प्रमोशन की इच्छा नहीं जाहिर करता है तो उसका नाम लिस्ट में नहीं रखा जाता है.
बिहार देश को देता है सबसे ज्यादा नौकरशाह: बिहार देश को सबसे ज्यादा नौकरशाह देता है. देश में हर चौथे जिले के आईएएस या आईपीएस अधिकारी बिहारी (IAS Bihari of every fourth district) मूल के हैं लेकिन बिहार में ही आईएएस अधिकारी की घोर कमी है. बिहार में स्वीकृत पद से भी कम आईएएस ऑफिसर पदस्थापित हैं. नौबत यह आ गई है कि बिहार के निर्भरता दूसरे कैडर के अधिकारियों पर है.
43% आईएएस अफसरों की बिहार में कमी: आईएएस ऑफिसर के अगर रिक्त पदों पर नजर डालें तो बिहार में आईएएस ऑफिसर के पद सबसे ज्यादा खाली हैं. भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की कमी का राष्ट्रीय औसत 22% है तो बिहार में आईएएस अधिकारियों की कमी 43% (43 percent shortage of IAS officers in Bihar) के आसपास है. मतलब साफ है कि आईएएस ऑफिसर के आधे पद राज्य के अंदर खाली पड़े हैं.
पदोन्नति से भरे जाने वाले 70 फीसदी पद खाली: बता दें कि बिहार में आईएएस अधिकारियों के कुल स्वीकृत पद 359 हैं जिसमें कि 202 पदों पर अफसरों की तैनाती है. कुल मिलाकर आईएएस ऑफिसर के 157 पद खाली पड़े हैं. हालात यह है कि एक अधिकारी को एक से ज्यादा विभाग का प्रभार दिया गया है. राज्य के अंदर पदोन्नति से भरे जाने वाले 70 फीसदी पद खाली हैं. बिहार प्रशासनिक सेवा कैडर में प्रमोशन से भरे जाने वाले स्वीकृत पद 101 हैं जिसमें फिलहाल 70 फीसदी खाली पड़ा है.