पटना: प्रेग्नेंसी के समय दंपत्ति को यह चाहत रहती है कि उनका बच्चा जब जन्म ले तो किसी विशेष दिन पर जन्म ले. ऐसी ही चाहतों को लेकर पटना में प्रख्यात गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर सारिका राय के क्लीनिक सृजन हॉस्पिटल में कई लोग पहुंचे हुए थे. ऐसे लोगों की चाहत थी कि उनका बच्चा साल के आखिरी दिन जन्म ले या नए साल के पहले दिन जन्म ले ताकि दुनिया भर में उसके जन्मदिन का उत्सव मने. ऐसे में 31 दिसंबर और 1 जनवरी को मिलाकर डॉक्टर सारिका राय के क्लीनिक में कुल 24 बच्चों का जन्म हुआ. (24 new born in new year 2023 in patna) (Dr Sarika Rai Clinic Srijan Hospital)
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पटना में नए साल के मौके पर 24 बच्चों का जन्म: इस मौके पर ईटीवी से खास बातचीत में डॉक्टर सारिका राय ने बताया कि यह कोई पहली बार ऐसा नहीं है बल्कि उनके यहां जन्माष्टमी, शिवरात्रि, मकर संक्रांति जैसे दिन पर भी इस प्रकार की डिलीवरियां होती हैं. उन्होंने बताया कि माता पिता नए साल के पहले दिन अपने बच्चे की डिलीवरी कराने की इच्छा को लेकर उनके पास पहुंचे हुए थे. ऐसे में काफी मेहनत करनी पड़ी है. बहुत सारे जांच किए जाते हैं, गर्भ में बच्चा का हेल्थ और डेवलपमेंट देखा जाता है और फिर तय किया जाता है कि निर्धारित दिन पर बच्चे की डिलीवरी करा ली जानी है.
5 सीजेरियन और 18 नॉर्मल डिलीवरी: इसमें पांच महिलाओं की सर्जरी और बाकी 18 महिलाओं की नॉर्मल डिलीवरी हुई. एक घर तो डबल खुशियां आईं हैं. महिला ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया. साल के दूसरे दिन सोमवार को डॉक्टर सारिका राय के क्लीनिक में उत्सव कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें 31 दिसंबर और 1 जनवरी को जिन बच्चों ने जन्म लिया उन बच्चों को डॉक्टर सारिका राय की ओर से गर्म कपड़े का हैंपर दिया गया. बच्चों के परिजनों के साथ नए साल का अस्पताल में जश्न मनाया गया.
"प्रेगनेंसी के आठवें महीने के बाद ही यह तय किया जा सकता है कि निर्धारित दिन पर बच्चे की डिलीवरी करा ली जाए. इसमें इस बात का भी विशेष ध्यान रखा जाता है कि गर्भ में बच्चा अधिक दिन ना रह जाए या फिर प्री डिलीवरी उसकी नहीं हो, जिससे कि उसे इंक्यूबेटर में रखना पड़ जाए. 24 बच्चों में सिर्फ 5 बच्चे सिजेरियन डिलीवरी से हुए हैं और 21 बच्चों को शोकेस किया गया है जबकि 3 बच्चे हल्के इंफेक्शन से संक्रमित हैं और उन्हें एडमिड किया गया है."- डॉक्टर सारिका राय, गायनेकोलॉजिस्ट
'मां बच्चे का रखें खास ख्याल': डॉक्टर सारिका ने बताया कि ठंड का मौसम अभी चल रहा है. ऐसे में इस मौसम में नवजात को लेकर सबसे अधिक माता को सेंसिबल रहने की आवश्यकता है. परिवार में सब किसी की जरूरतों से अलग हटकर माता को अपने नवजात के लिए बहुत अलर्ट रहने की आवश्यकता है और इसके लिए जब तक वह ब्रेस्टफीडिंग करा रही है उसे अपने खानपान पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है. डॉक्टर सारिका ने कहा कि सभी माताओं से अपील है कि अपने बच्चों की परवरिश का जिम्मा अपने हाथ में ले और उन्हें बेहतर पोषण युक्त भोजन देने के साथ-साथ उनमें संस्कार भी डाले. उन्होंने बताया कि लगभग सभी बच्चे बिहार के हैं लेकिन कुछ बच्चे और पेरेंट्स बिहार के बाहर के भी हैं.
"हम बेतिया से आए हुए हैं. मेरी ननद पिछले 10 दिनों से अस्पताल में एडमिट थी. हमें बहुत खुशी हो रही है कि साल के आखिरी दिन बच्चा जन्म लिया है और बच्चा पूरी तरह स्वस्थ है."- प्रतिमा देवी, नवजात की मामी
24 घरों में खुशियां: गया के एक दंपति को जुड़वा बच्चे पैदा हुए. एक बच्चे को दादी गोद में उठाई थी और दूसरे बच्चे को उसकी नानी. बच्चे की नानी मनी देवी और दादी चंद्रावती देवी ने कहा कि बहुत खुशी हो रही है कि साल के पहले दिन उनके घर में नए साल का तोहफा आया है.
"जुड़वा बच्चे पैदा हुए हैं. दोनों लड़के हैं. हमें लोगों की चाहत थी कि साल के पहले दिन बच्चे का जन्म हो. इस महीने जब मैडम को दिखाया था तो मैडम ने सलाह दी थी 31 दिसंबर को अस्पताल में एडमिट हो जाना. नए साल के मौके पर घर में दो जुड़वा बच्चे पैदा लिए हैं और इससे भी खुशी की बात यह रही कि यह नॉर्मल डिलीवरी से हुआ."- चंद्रावती देवी, नवजात की दादी
"हमें बहुत बहुत खुशी हो रही है. नया साल है और घर में दो नन्हें मेहमान आए हैं. दोनों पूरी तरह से हेल्दी हैं."- मनी देवी,नवजात की नानी