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बिहार में बाढ़ की वजह से 16 जिले प्रभावित, अब तक 24 लोग और 69 मवेशियों की हो चुकी है मौत

नेपाल के तराई में हुए भीषण बारिश के बाद सीमांचल की नदियां उफान पर हैं. गंगा, कोसी और महानंदा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. जिससे क्षेत्र के ताल-तलैया पूरी तरह पानी से लबालब हैं. बाढ़ की वजह से बिहार के 16 जिले प्रभावित हैं.

Flood havoc in Bihar
बिहार में बाढ़ का कहर
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Published : Aug 13, 2020, 2:18 PM IST

पटना: आपदा प्रबंधन विभाग ने बाढ़ संबंधित आंकड़ा जारी करते हुए बताया कि बिहार के कुल 16 जिलों में बाढ़ की समस्या उत्पन्न हुई है. जिसमें सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, खगड़िया, समस्तीपुर, सिवान, मधुबनी, मधेपुरा, सहरसा और सारण जिले के 127 प्रभावित प्रखंड की बाढ़ से प्रभावित हैं. कुल 1271 प्रभावित पंचायतों की संख्या है. इन जिलों में 7718788 प्रभावित लोग की जनसंख्या है. वहीं, निस्क्रमिट जनसंख्या 557664 है. कुल 7 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं. राहत शिविरों में रहने वाले कुल 12479 लोग हैं.

वहीं, बिहार सरकार के सहयोग से आपदा विभाग कुल 16 जिलों में 1121 सामुदायिक रसोई चलाया जा रहा है. जिसमें 890614 लोग हर दिन सामुदायिक रसोई में भोजन कर रहे हैं. आपदा विभाग के आंकड़े के अनुसार 24 लोगों की मौत हुई है. जिसमें दरभंगा में 3, पश्चिम चंपारण में 4, सिवान में दो और मुजफ्फरपुर 6 लोगों की मौत हुई हैं. जबकि 69 मवेशियों की भी अब तक मौत हो चुकी है.

patna
बाढ़ का कहर

सीएम कर रहे बाढ़ की मॉनिटरिंग
बाढ़ के मद्देनजर आपदा प्रबंधन विभाग को पूरी तरह से तैयार रहने का निर्देश जारी किया गया है. आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री लक्ष्मेश्वर राय की माने तो आपदा प्रबंधन विभाग बाढ़ को लेकर सचेत है. बिहार के संभावित 16 जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम की तैनाती की गई है. कुल 33 टीमों की तैनाती की गई है और आपदा मुख्यालय में कुछ टीमों को रिजर्व में रखा गया है. जिन्हे जरूरत के हिसाब से प्रभावी जिले में भेजा जाएगा. आपदा विभाग के मुताबिक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद अपने आवास से बाढ़ की मॉनिटरिंग कर रहे हैं और लगातार अधिकारियों को निर्देश भी जारी कर रहे हैं.

सोशल डिस्टेंसिंग का रखा जा रहा ध्यान
आपदा विभाग के अनुसार कोविड-19 के मद्देनजर सोशल डिस्टेंस के तहत राहत शिविरों में लोगों को रखा जा रहा है. महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को रहने के लिए अलग-अलग व्यवस्था की गई है. सभी राहत शिविरों में राज्य सरकार की तरफ से मास्क और सेनेटाइजर की व्यवस्था किया गई है. साथ ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में ऊंचे स्थल का निरीक्षण कर उन्हें चिन्हित कर लिया गया है. जरूरत के हिसाब से लोगों को राहत शिविर तक पहुंचाया जा रहा है. आपदा प्रबंधन विभाग के की माने तो आपदा प्रबंधन विभाग बाढ़ को लेकर सचेत है.

पटना: आपदा प्रबंधन विभाग ने बाढ़ संबंधित आंकड़ा जारी करते हुए बताया कि बिहार के कुल 16 जिलों में बाढ़ की समस्या उत्पन्न हुई है. जिसमें सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, खगड़िया, समस्तीपुर, सिवान, मधुबनी, मधेपुरा, सहरसा और सारण जिले के 127 प्रभावित प्रखंड की बाढ़ से प्रभावित हैं. कुल 1271 प्रभावित पंचायतों की संख्या है. इन जिलों में 7718788 प्रभावित लोग की जनसंख्या है. वहीं, निस्क्रमिट जनसंख्या 557664 है. कुल 7 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं. राहत शिविरों में रहने वाले कुल 12479 लोग हैं.

वहीं, बिहार सरकार के सहयोग से आपदा विभाग कुल 16 जिलों में 1121 सामुदायिक रसोई चलाया जा रहा है. जिसमें 890614 लोग हर दिन सामुदायिक रसोई में भोजन कर रहे हैं. आपदा विभाग के आंकड़े के अनुसार 24 लोगों की मौत हुई है. जिसमें दरभंगा में 3, पश्चिम चंपारण में 4, सिवान में दो और मुजफ्फरपुर 6 लोगों की मौत हुई हैं. जबकि 69 मवेशियों की भी अब तक मौत हो चुकी है.

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बाढ़ का कहर

सीएम कर रहे बाढ़ की मॉनिटरिंग
बाढ़ के मद्देनजर आपदा प्रबंधन विभाग को पूरी तरह से तैयार रहने का निर्देश जारी किया गया है. आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री लक्ष्मेश्वर राय की माने तो आपदा प्रबंधन विभाग बाढ़ को लेकर सचेत है. बिहार के संभावित 16 जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम की तैनाती की गई है. कुल 33 टीमों की तैनाती की गई है और आपदा मुख्यालय में कुछ टीमों को रिजर्व में रखा गया है. जिन्हे जरूरत के हिसाब से प्रभावी जिले में भेजा जाएगा. आपदा विभाग के मुताबिक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद अपने आवास से बाढ़ की मॉनिटरिंग कर रहे हैं और लगातार अधिकारियों को निर्देश भी जारी कर रहे हैं.

सोशल डिस्टेंसिंग का रखा जा रहा ध्यान
आपदा विभाग के अनुसार कोविड-19 के मद्देनजर सोशल डिस्टेंस के तहत राहत शिविरों में लोगों को रखा जा रहा है. महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को रहने के लिए अलग-अलग व्यवस्था की गई है. सभी राहत शिविरों में राज्य सरकार की तरफ से मास्क और सेनेटाइजर की व्यवस्था किया गई है. साथ ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में ऊंचे स्थल का निरीक्षण कर उन्हें चिन्हित कर लिया गया है. जरूरत के हिसाब से लोगों को राहत शिविर तक पहुंचाया जा रहा है. आपदा प्रबंधन विभाग के की माने तो आपदा प्रबंधन विभाग बाढ़ को लेकर सचेत है.

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