पटना: बिहार विधानसभा के 100 साल कई तरह की उपलब्धियों भरा रहा है. इसी विधानसभा से बिहार जमींदारी प्रथा समाप्त करने का कानून पास हुआ था. जो पूरे देश के लिए एक मिसाल बना. शराबबंदी की नीति बनाने की पहल भी विधानसभा में हुई थी. जिसे नीतीश कुमार ने 2016 में पूर्ण शराब बंदी लागू कर पूरी तरह से जमीन पर उतार दिया. 2006 में नीतीश सरकार ने पंचायती राज अधिनियम लागू कर महिलाओं को 50% आरक्षण देने का बिल विधानसभा से पास कराया था.
![विधानसभा का अतीत गौरवपूर्ण](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/10538013_vis.jpg)
13 जुलाई 2019 को जलवायु परिवर्तन को लेकर दोनों सदनों के जनप्रतिनिधि की संयुक्त बैठक भी इसी में हुई थी. ऐसे ही कई उपलब्धियां बिहार विधानसभा के नाम है जिसे बिहार के माननीय याद कर अपने आप को गौरवान्वित महसूस करते हैं. पूर्व मंत्री महेश्वर हजारी तो यहां तक कहते हैं कि 100 साल में विधानसभा जस का तस है. ये हमारे लोकतंत्र की मजबूती का सबसे बड़ा उदाहरण है.
'हमारा अतीत गौरवपूर्ण और अद्वितीय'
7 फरवरी 1921 को बिहार विधानसभा का भवन बनकर तैयार हुआ था और पहली बैठक हुई थी. उस समय बिहार और उड़ीसा अलग नहीं हुए थे और पहले राज्यपाल सत्येंद्र प्रसन्न सिन्हा ने पहला संबोधन दिया था. तब से लगातार यह परंपरा चली आ रही है. विधानसभा के 100 साल के इतिहास में बिहार में कई बड़े फैसले लिए गए. जिसकी चर्चा पूरे देश में हुई. ऐसे कई बड़े फैसले हैं, जिन्हें यादकर आज भी बिहार के माननीय अपने आपको गौरवान्वित महसूस करते हैं.
- विधानसभा में 1950 पहली बार भूमि सुधार कानून बनाकर जमींदारी उन्मूलन की नींव रखी गई. जिसे दूसरे राज्यों ने भी अपनाया और संसद में पहला संशोधन इसी को लेकर हुआ था.
- 2006 में पंचायती राज अधिनियम विधानसभा से पास कराया गया. जिसमें 50 फीसदी आरक्षण आधी आबादी को दिया गया. देश में पहली बार ऐसा हुआ.
- 2015 में सभी 243 विधायकों ने एक साथ शराबबंदी को लेकर 'ना हम खुद पिएंगे और ना ही किसी को पीने देंगे' इसकी शपथ ली गई. 2016 में बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू की गई.
- 2 अप्रैल 2016 में विधायकों ने रक्तदान कर एक नई मिसाल पेश की और उसे पीएमसीएच को दिया गया. जिससे गरीबों को मदद मिल सके.
- जलवायु परिवर्तन को लेकर बिहार विधानसभा में 13 और 14 जुलाई को 2019 में 2 दिनों तक चर्चा की गई. जिसमें विधान परिषद के सदस्य भी शामिल हुए. इसी चर्चा के बाद सरकार ने जल जीवन हरियाली कार्यक्रम की शुरुआत की.
'हमारा अतीत गौरवपूर्ण ही नहीं अद्वितीय है और नीतीश कुमार के काल में जो फैसले लिए गए पूरे देश को दिशा मिला है'- ललन पासवान, पूर्व विधायक जदयू
![ललन पासवान, पूर्व विधायक जदयू](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/bh-pat-05-100yrs-bihar-ke-mla-7201750_07022021193547_0702f_02513_401.jpg)
'100 साल के इतिहास में 16 स्पीकर और 31 मुख्यमंत्री बिहार विधान सभा ने देखे हैं और सब एक से बढ़कर एक हुए हैं. इस तरह के कार्यक्रम से लोकतंत्र मजबूत होता है'- विजय शंकर दुबे, कांग्रेस विधायक
![विजय शंकर दुबे, कांग्रेस विधायक](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/bh-pat-05-100yrs-bihar-ke-mla-7201750_07022021193547_0702f_02513_771.jpg)
'लोकतंत्र मजबूत रहे इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष को पारदर्शिता से काम करना होगा'- चंद्रशेखर, आरजेडी विधायक
![चंद्रशेखर, आरजेडी विधायक](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/bh-pat-05-100yrs-bihar-ke-mla-7201750_07022021193547_0702f_02513_29.jpg)
'100 साल हो गए लेकिन विधानसभा जस का तस है. यह कम बड़ी बात नहीं है और आज के आयोजन में मुख्यमंत्री और विधानसभा के नेता नीतीश कुमार ने लोकतंत्र की मजबूती के लिए हरसंभव उपाय करने की बात कही है'- महेश्वर हजारी, पूर्व मंत्री जदयू
![महेश्वर हजारी, पूर्व मंत्री जदयू](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/bh-pat-05-100yrs-bihar-ke-mla-7201750_07022021193547_0702f_02513_411.jpg)
'विधायकों की भूमिका अहम होगी'
शताब्दी वर्ष समारोह में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि आने वाले समय में विधायकों की भूमिका और अहम होने वाली है. वहीं, नीतीश कुमार ने भी कहा कि लोकतंत्र की मजबूती और बिहार के विकास के लिए जो भी संभव होगा. हम लोग करते रहेंगे और उसके लिए सत्र लंबा भी चले तो चलाया जाना चाहिए.