पटना: लंबे इंतजार के बाद अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो गया है. भाजपा ने अयोध्या मसले को सुलझाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी है. ऐसे में अब लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा अयोध्या मसले को जन-जन तक ले जाने की तैयारी कर चुकी है. रामलला दर्शन कार्यक्रम के जरिए पार्टी राम मंदिर निर्माण को आंदोलन का रूप देना चाहती है.
रामलल्ला दर्शन कार्यक्रम की व्यापक तैयारी: अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो चुका है. 22 जनवरी को राम लला अपनी जगह पर विराजमान हो जाएंगे. उद्घाटन समारोह के बाद राम भक्तों का हुजूम अयोध्या की ओर उमड़ेगा. भाजपा ने राम लला दर्शन कार्यक्रम की व्यापक रूप में तैयारी की है. बिहार के हर विधानसभा क्षेत्र से राम भक्तों को अयोध्या दर्शन करने की योजना है.
23 अप्रैल से शुरू होगा कार्यक्रम: भाजपा की नजर अब बिहार पर है. बिहार को साधने के लिए पार्टी ने पूरी ताकत झोंक रखी है. लोकसभा चुनाव करीब है. ऐसे में राम मंदिर मुद्दे को आंदोलन का रूप देख भाजपा ज्यादा से ज्यादा लोगों को अभियान से जोड़ना चाहती है. राम लला दर्शन कार्यक्रम आगामी 23 अप्रैल से शुरू हो रहा है, जिसमें बिहार से 2 करोड़ लोगों को अयोध्या दर्शन कराने का लक्ष्य पार्टी ने रखा है.
"500 वर्षों के लंबे संघर्ष और बलिदान के बाद अयोध्या में भव्य मंदिर का निर्माण सुनिश्चित हो पाया है. भारतीय जनता पार्टी या संघ परिवार ने पिछले 100 वर्षों के दौरान जो कुछ हासिल किया है, उसमें यह सबसे बड़ी सफलता है. हम इसे आंदोलन का रूप देना चाहते हैं. इस आंदोलन से अयोध्या दर्शन कार्यक्रम के जरिए जन-जन को जोड़ने की योजना है." - संतोष पाठक, प्रदेश उपाध्यक्ष, भाजपा
अधिक भीड़ होने पर बढ़ेगी ट्रेनें: पार्टी ने हर विधानसभा क्षेत्र को टारगेट किया है. अयोध्या दर्शन के लिए बिहार के तमाम जिलों से ट्रेन खुलने वाली हैं. हर रोज 100 से अधिक ट्रेन अलग-अलग जिलों से खोली जाएगी. हालांकि पार्टी के नेताओं का दावा है कि अगर अधिक भीड़ होगी तो ट्रेनों की संख्या और भी बढ़ाई जा सकती है. दर्शन कार्यक्रम 23 फरवरी से शुरू होकर मार्च के अंतिम सप्ताह तक चलेगी.
2 महीने तक चलेगा अयोध्या दर्शन कार्यक्रम: अयोध्या दर्शन कार्यक्रम के तहत घर से रेलवे स्टेशन तक पहुंचाने और फिर रेलवे स्टेशन से अयोध्या तक ले जाने और दर्शन करने का सारा खर्च भारतीय जनता पार्टी उठाएगी. भोजन और आवास की भी व्यवस्था पार्टी की ओर से ही की जाएगी. लगभग 2 महीने तक अयोध्या दर्शन कार्यक्रम चलेगा.
प्रतिदिन 3.24 करोड़ रुपए का खर्च: हर रोज बिहार के तमाम विधानसभा क्षेत्र से 100 ट्रेनें अयोध्या के लिए जाएगी. ट्रेन के एक बोगी में लगभग 75 सीट होती है और एक ट्रेन में 15 से 20 बोगी होती है. औसतन एक ट्रेन का खर्च 3 से 4 लाख रुपए आता है. इस तरीके से अगर 100 ट्रेन खुलती है तो इस पर प्रतिदिन 3 करोड़ 24 लाख रुपए का खर्च आएगा.
कुल 6000 ट्रेनों का होगा परिचालन: 2 महीने तक की यह कार्यक्रम चलना है, जिसमें लगभग 1800 से 2000 करोड रुपए खर्च आएगा. इस दौरान कुल 6000 ट्रेनों का परिचालन होगा. खर्च के बाबत पार्टी सूत्रों का कहना है कि पार्टी अपने स्रोतों से चंदा इकट्ठा कर रही है. नमो ऐप के जरिए लोग अपनी हैसियत के हिसाब से चंदा दे रहे हैं. उस पैसे से लोगों को अयोध्या दर्शन कराया जाएगा.
"लंबी लड़ाई के बाद अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हुआ है. राम लला दर्शन कार्यक्रम के जरिए हम लोगों को आंदोलन से जोड़ना चाहते हैं. हर विधानसभा क्षेत्र से श्रद्धालुओं को हम अयोध्या दर्शन के लिए ले जाएंगे. इसके लिए हर रोज 100 से ज्यादा ट्रेनें खुलेगी. इसके अलावा रहने खाने का व्यवस्था भी पार्टी ही कराएगी." - प्रेम रंजन पटेल, वरिष्ठ नेता, भाजपा
इसे भी पढ़े- राम जन्मभूमि से चलकर कर्मभूमि बक्सर पहुंचा अक्षत कलश, 'जय श्रीराम' के नारों से गूंजा इलाका