पटना : बिहार में आए दिन दहेज प्रथा से जुड़े मामले आते रहते हैं. ऐसा ही एक मामला 2015 में सामने आया था. आलमगंज थाना क्षेत्र के गौरीशंकर मन्दिर कॉलोनी में दहेज के लिए बहू दीपशिखा को रोज उत्पीड़ित किया जाता था. मांग पूरी नहीं होने पर ससुराल पक्ष वालों ने दीपशिखा की हत्या कर दी थी. इसके बाद दीपशिखा के परिजनों ने दीपशिखा के ससुराल पक्ष वालों पर दहेज उत्पीड़न कर हत्या का मामला दर्ज किया.
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दस साल की सजा के साथ जुर्माना भी
अपनी ही बहू की दहेज के लिए हत्या के मामले में पटना सिटी व्यवहार न्यायालय के अपर जिला और सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार की अदालत ने पति, ससुर और सास को दस-दस-वर्ष की सजा सुनाई. अदालत ने तीनों अभियुक्तों पर 40-40-हजार के आर्थिक दंड भी लगाया है. अगर अभियुक्तों द्वारा आर्थिक दंड नहीं दिया गया तो उन्हें एक साल और अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. अदालत ने तीनों अभियुक्तों को परिवादी को मुआवजे के रूप में 50-50-हजार रुपये देने का आदेश भी दिया है.
दहेज की मांग पूरी न करने पर सभी ने मिलकर की थी हत्या
गौरतलब है कि आलमगंज कांड संख्या 93/2016 से जुड़ा है. 2015 में हवाई अड्डा थाना क्षेत्र के कौशल नगर इलाके में दीपशिखा की शादी पटना सिटी के उज्ज्वल कुमार से हुई थी. उज्ज्वल गौरीचक स्थित शाखा मध्य ग्रामीण वैंक में कार्यरत था. उज्जवल और उसके माता-पिता दीपशिखा को दहेज के लिए बहुत परेशान करते थे. दहेज की मांग नहीं पूरी करने पर सभी ने मिलकर दीपशिखा की हत्या कर दी थी.