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चार साल से बिछड़े बेटे को ईटीवी भारत ने मां से मिलाया, नवादा से झारखंड के सिमडेगा पहुंचा परिवार

ईटीवी भारत की खबर ने इस बार एक बिछड़े बेटे को परिवार से मिलाने का काम किया है. ईटीवी भारत की खबर के बाद बिहार के नवादा के रहने वाले परिजन अपने बेटे को लेने झारखंड के सिमडेगा पहुंचे और ईटीवी भारत को धन्यवाद दिया.

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Published : Jan 2, 2020, 5:28 PM IST

Updated : Jan 2, 2020, 6:11 PM IST

नवादा: ईटीवी भारत का खबर का असर एक बार फिर से देखने को मिला है. पिछले चार साल से लापता उपेन्द्र चौहान ईटीवी भारत की मदद से अपने परिजनों से मिला. उपेन्द्र के मिलने से परिजनों के आखों में खुशी के आंसू निकल आए. यहां तक कि लोगों ने ईटीवी भारत को धन्यवाद भी कहा.

उपेन्द्र चौहान बिहार के नवादा जिले के छिंदवाड़ा गांव के रहने वाला है. परिजनों ने बताया कि चार साल पहले इलाज के दौरान उनका बेटा उपेंद्र चौहान घर से लापता हो गया था. जिसके बाद काफी खोजबीन भी की गई. लेकिन, उसका कहीं पता नहीं चला. बता दें कि उपेन्द्र मानसिक रोग से बिमार हैं.

nawada
परिजनों के साथ उपेन्द्र

कैसे मिले परिजन
ईटीवी भारत ने इस संबंध में 19 दिसंबर को खबर प्रकाशित की थी. हमने बताया था कि झारखंड के सिमडेगा के सदर अस्पताल में करीब एक महीने से एक विक्षिप्त युवक का इलाज किया जा रहा है. जिसकी वार्ड अटेंडेंट रानी कुमारी पूरे सेवाभाव के साथ कर रही हैं. बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष किरण चौधरी ने ईटीवी भारत की खबर पर संज्ञान लिया और रांची के मानवाधिकार कार्यकर्ता मुन्नू शर्मा ने उपेंद्र चौहान के परिजनों को ढूंढने का बीड़ा उठाया. मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की मेहनत रंग लाई और उन्होंने बिहार के नवादा जिले के छिंदवाड़ा गांव में उपेंद्र के परिजनों को ढूंढ निकाला. उपेंद्र के परिजनों को जब खोए बेटे की जानकारी मिली तो वे तुरंत सिमडेगा आ गए.

ईटीवी भारत की पहल की लिए उपेन्द्र के परिजनों, सदर अस्पताल के डॉक्टरों, सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष और मानवाधिकार टीम ने तहे दिल से धन्यवाद दिया है. ईटीवी भारत ने एक बार फिर ये साबित किया है कि आपके सरोकार हमारे लिए सर्वोपरि हैं.

देखिए खास रिपोर्ट

मां के छलक उठे आंसू
उपेंद्र चौहान की मां दशोदा देवी ने ईटीवी भारत को बताया कि उनके बेटे को मानसिक रोग है, जिसका इलाज किया जाना है. उपेन्द्र के लापता होने के बाद उन्होंने उसे तलाशने की बहुत कोशिश की लेकिन कुछ पता नहीं चला. उपेंद्र के पिता गरीबन चौहान ने कहा कि उपेन्द्र अपनी बीमारी की वजह से कुछ साफ नहीं बता पाता था इसलिए उसे ढूंढ पाना मुश्किल था. चार साल इंतजार के बाद उनकी उम्मीदें क्षीण होने लगी थी लेकिन ईटीवी की खबर से उनका बेटा उन्हें वापस मिल गया. गरीबन ईटीवी भारत और सिमडेगा की धरती को इसके लिए बार बार धन्यवाद देते रहे. उन्होंने ये भी कहा कि सिमडेगा की इस पावन भूमि ने उन्हें उनका बेटा लौटाया है, इसे वे पूरी जीवन भूल नहीं पाएंगे.

नवादा: ईटीवी भारत का खबर का असर एक बार फिर से देखने को मिला है. पिछले चार साल से लापता उपेन्द्र चौहान ईटीवी भारत की मदद से अपने परिजनों से मिला. उपेन्द्र के मिलने से परिजनों के आखों में खुशी के आंसू निकल आए. यहां तक कि लोगों ने ईटीवी भारत को धन्यवाद भी कहा.

उपेन्द्र चौहान बिहार के नवादा जिले के छिंदवाड़ा गांव के रहने वाला है. परिजनों ने बताया कि चार साल पहले इलाज के दौरान उनका बेटा उपेंद्र चौहान घर से लापता हो गया था. जिसके बाद काफी खोजबीन भी की गई. लेकिन, उसका कहीं पता नहीं चला. बता दें कि उपेन्द्र मानसिक रोग से बिमार हैं.

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परिजनों के साथ उपेन्द्र

कैसे मिले परिजन
ईटीवी भारत ने इस संबंध में 19 दिसंबर को खबर प्रकाशित की थी. हमने बताया था कि झारखंड के सिमडेगा के सदर अस्पताल में करीब एक महीने से एक विक्षिप्त युवक का इलाज किया जा रहा है. जिसकी वार्ड अटेंडेंट रानी कुमारी पूरे सेवाभाव के साथ कर रही हैं. बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष किरण चौधरी ने ईटीवी भारत की खबर पर संज्ञान लिया और रांची के मानवाधिकार कार्यकर्ता मुन्नू शर्मा ने उपेंद्र चौहान के परिजनों को ढूंढने का बीड़ा उठाया. मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की मेहनत रंग लाई और उन्होंने बिहार के नवादा जिले के छिंदवाड़ा गांव में उपेंद्र के परिजनों को ढूंढ निकाला. उपेंद्र के परिजनों को जब खोए बेटे की जानकारी मिली तो वे तुरंत सिमडेगा आ गए.

ईटीवी भारत की पहल की लिए उपेन्द्र के परिजनों, सदर अस्पताल के डॉक्टरों, सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष और मानवाधिकार टीम ने तहे दिल से धन्यवाद दिया है. ईटीवी भारत ने एक बार फिर ये साबित किया है कि आपके सरोकार हमारे लिए सर्वोपरि हैं.

देखिए खास रिपोर्ट

मां के छलक उठे आंसू
उपेंद्र चौहान की मां दशोदा देवी ने ईटीवी भारत को बताया कि उनके बेटे को मानसिक रोग है, जिसका इलाज किया जाना है. उपेन्द्र के लापता होने के बाद उन्होंने उसे तलाशने की बहुत कोशिश की लेकिन कुछ पता नहीं चला. उपेंद्र के पिता गरीबन चौहान ने कहा कि उपेन्द्र अपनी बीमारी की वजह से कुछ साफ नहीं बता पाता था इसलिए उसे ढूंढ पाना मुश्किल था. चार साल इंतजार के बाद उनकी उम्मीदें क्षीण होने लगी थी लेकिन ईटीवी की खबर से उनका बेटा उन्हें वापस मिल गया. गरीबन ईटीवी भारत और सिमडेगा की धरती को इसके लिए बार बार धन्यवाद देते रहे. उन्होंने ये भी कहा कि सिमडेगा की इस पावन भूमि ने उन्हें उनका बेटा लौटाया है, इसे वे पूरी जीवन भूल नहीं पाएंगे.

Intro:ईटीवी भारत के खबर का असर

नववर्ष के पहले दिन सालों से बिछड़े बेटे को मिला मां का आंचल, परिजनों का साथ

सिमडेगा: जी हां... पिछले 19 दिसंबर को ईटीवी भारत में प्रकाशित की गई खबर *मरीजों की मां बनकर देखभाल करती है रानी इसकी सेवा भावना की मुरीद है लोग* ने वर्षों पूर्व बिछड़े एक बेटे को उसके परिवार से मिलवाया। विदित हो कि करीब 1 माह से सदर अस्पताल में एक मानसिक विक्षिप्त इलाजरत था। जिसके खान-पान से लेकर देखभाल की जिम्मेवारी सेवा भावना से ओतप्रोत वार्ड अटेंडेंट रानी कुमारी ने उठा रखी थी. मेरे द्वारा खबर संकलन के दौरान इस व्यक्ति ने अपना नाम उपेंद्र गांव छिंदवाड़ा जिला नवादा राज्य बिहार का रहने वाला बताया था.

ईटीवी भारत में प्रकाशित हुए खबर पर संज्ञान लेते हुए बाल संरक्षण समिति की अध्यक्ष किरण चौधरी एवं रांची में कार्यरत मानवाधिकार टीम के मुन्नू शर्मा ने उपेंद्र चौहान के परिजनों को ढूंढने बीड़ा उठाया. मेहनत रंग लाई और विक्षिप्त उपेंद्र चौहान कि बताएं पते को जांच के दौरान सही पाया गया. उपेंद्र के परिजनों को जब यह जानकारी मिली तो उनकी खुशी का ठिकाना ना रहा. जानकारी मिलने के तुरंत बाद उसकी माता- जसोदा देवी, पिता-गरीबन चौहान, ससुर- श्रीकांत चौहान तथा गांव के चाचा- दशरथ चौहान संपर्क स्थापित कर सिमडेगा पहुंचे।

अपने बेटे को पाकर माता-पिता के खुशी के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे...उनके मिलन का वो मार्मिक दृश्य मैंने अपने कैमरे में कैद कर लिया. माता-पिता के अपने बच्चे से मिलने के उस मार्मिक दृश्य के बारे में कुछ लिख पाना कुछ लिख पाना संभव नहीं. उनकी खुशी तब और भी बढ़ गयी जब विक्षिप्त उपेंद्र चौहान ने भी अपने माता-पिता को पहचाना. परिजनों ने बताया कि चार वर्षों से ज्यादा समय से वह लापता था. इलाज के दौरान वह घर से निकलकर लापता हो गया था. काफी खोजबीन के बावजूद नहीं मिल पाया था।

उपेंद्र के परिजनों ने ईटीवी भारत, वार्ड अटेंडेंट रानी कुमारी, सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष किरण चौधरी एवं मानवाधिकार टीम का तहे दिल से धन्यवाद दिया. वहीं कहा कि सिमडेगा की इस पावन भूमि ने उन्हें उनका बेटा लौटाया है. इसे वे पूरी जीवन भूल नहीं पाएंगे..साथ ही सभी के जीवन की मंगल कामना की.

बाइट 1 - दशोदा देवी, माता।
बाइट 2 - गरीबन चौहान, पिता।
बाइट 3 - किरण चौधरी, सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष। लाल शॉल और टोपी लगाये।Body:NoConclusion:No
Last Updated : Jan 2, 2020, 6:11 PM IST
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