नवादा: सरकार की ओर से शिक्षा व्यवस्था को लेकर ढ़ेरों दावे किये जाते हों. लेकिन धरातल पर इसकी हालत कुछ और ही है. कहीं, बच्चों के पढ़ने के लिए विद्यालय भवन नहीं है तो कहीं शिक्षकों की बहाली ही नहीं हुई है. यही हाल है जिले के कौआकोल प्रखंड में कोल्हुआवर गांव स्थित +2 विद्यालय का.
बता दें कि कोल्हुआवर गांव के मध्य विद्यालय को उत्क्रमित कर +2 कर दिया गया. इस विद्यालय के भवन बने हुए भी 5 साल से ज्यादा हो गए. लेकिन अबतक यहां एक भी उच्च विद्यालय के शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई. जिससे यहां के बच्चों को पढ़ाई-लिखाई में काफी दिक्कतें होती हैं.
2013 में हुआ था अपग्रेड
शिक्षा विभाग ने 2013 में मध्य विद्यालय को अपग्रेड कर +2 कर दिया था. सालभर के अंदर भवन भी बनकर तैयार हो गए. हाई स्कूल तक कि पढ़ाई भी शुरू हो गई. लेकिन हाई स्कूल तक की पढ़ाई करवाने के लिए शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई. इसकी वजह से बच्चों को सही से शिक्षा नहीं मिला पा रही है.
बच्चों को नहीं मिल रही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा
इस स्कूल में मिडिल और हाई स्कूल मिलाकर कुल 225 बच्चे हैं. जिसको पढ़ाने लिए महज 4 शिक्षक ही हैं. विषयवार शिक्षक नहीं होने के कारण बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पाती है. वहीं, 9वीं कक्षा के छात्र कौशल कुमार ने बताया कि शिक्षकों के नहीं होने से हमारी पढ़ाई ढंग से नहीं हो पाती है. हाई स्कूल के एक भी टीचर नहीं है. उसने सरकार से स्कूल में शिक्षकों की बहाली की मांग की है.
'सीमित संसाधन में पढ़ रहे हैं बच्चे'
विद्यालय के प्रधानाध्यापक सुनील कुमार का कहना है कि +2 तक अपग्रेड 2013 में ही हो गया था. उसके एक साल के भीतर भवन भी बन गया. लेकिन, अबतक एक भी शिक्षक की नियुक्ति नहीं हो सकी है. 225 बच्चों पर सिर्फ 4 हीं शिक्षक हैं. किसी तरह हम सीमित संसाधन में पढ़ा रहे हैं. हमने हाई स्कूल तक का ही कोड लिया है. क्योंकि जब हाई स्कूल का शिक्षक ही नहीं है तो +2 का कहां से कर पाते.
'जल्द ही होंगे शिक्षक पदस्थापित'
जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार चौधरी ने इस मामले पर कहा कि अभी स्कूलों में नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है. जल्द ही इस स्कूल में भी शिक्षक पदस्थापित हो जाएंगे. वहीं, स्कूल में शिक्षकों के नहीं होने से बच्चों की पढ़ाई मध्य विद्यालय के शिक्षकों के भरोसे है. उसका भविष्य दांव पर लगा हुआ है. लेकिन इन ग्रामीण बच्चों की सुध लेनेवाला कोई नहीं है.