नवादा: सूबे की सरकार एक ओर जहां बच्चों के लिए बेहतर शिक्षा व्यवस्था देने की बात कर रही है, तो वहीं दूसरी ओर बदहाल शिक्षा व्यवस्था उसकी पोल खोल रही है. यहां ऐसे कई गांव हैं जहां आज एक भी स्कूल नहीं है. इसमें से एक गांव है रोह प्रखंड के डुमरी पंचायत का गाजीपुर-विनायक बस्ती. बस्ती में अधिक संख्या में लोग रहते हैं. लेकिन बस्ती में स्कूल नहीं होने से यहां के बच्चे पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में यहां के बच्चों का भविष्य अंधकार में दिख रहा है.
क्या कहते हैं ग्रामीण
ग्रामीणों का कहना है कि बस्ती में कोई स्कूल नहीं है जहां बच्चे पढ़ाई कर सके. कई बार विधायक से भी बात की गई. लेकिन, आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई. वहीं, बस्ती के सौखी राम का कहना है कि स्कूल नहीं होने से बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है. उन्होंने बताया कि यहां से 2 किलोमीटर दूर डुमरी में हाइ स्कूल तो है, लेकिन स्कूल दूर होने के कारण बच्चे वहां नहीं जा पाते हैं. उनका कहना है कि अगर गांव में स्कूल बन जाता तो हमारे बच्चों का भविष्य बन जाएगा.
छात्रा की मांग
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बस्ती की छात्रा ने कहा कि हमलोग के गांव में एक भी स्कूल नहीं है. जिससे हमें पढ़ाई करने के लिए गांव से दूर जाना पड़ता है. इससे बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. छात्रा की सरकार से मांग है कि उसके गांव में एक स्कूल खोल दिया जाएं.
क्या कहती है मुखिया
डुमरी पंचायत की मुखिया सरोज सिंह का कहती हैं कि जब से वह मुखिया बनी हैं तब से स्कूल खोलने के प्रयास में लगी हैं. उनका कहना है कि वह जिला अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी से लेकर पटना तक प्रयास कर चुकी हैं. लेकिन, सरकार की तरफ से किसी भी प्रकार का कोई आश्वासन नहीं मिला. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान मुखिया सरोज सिंह ने कहा कि यदि आपके माध्यम से आवाज सरकार तक पहुंच जाती है और स्कूल खुल जाता है तो वह ईटीवी भारत का तहेदिल से आभार व्यक्त करेंगी.
क्या कहते हैं पदाधिकारी
डीपीओ उत्तम कुमार का कहना है कि अभी तक हमें कोई पत्र नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण या ग्राम पंचायत के मुखिया की ओर से पत्र मिलता है, तो मामले की जांच की जाएगी. अगर मानदंडों के अनुसार वहां स्कूल का निर्माण कराया जा सकता है और वहां ग्राम पंचायत की ओर से जमीन उपलब्ध कराया जाता है तो, उसका प्रपोजल स्टेट को भेजा जाएगा. स्टेट से प्रपोजल पास होने पर स्कूल का निर्माण कराया जाएगा.