ETV Bharat / state

नवादा: बिहार में शिक्षा व्यवस्था बदहाल, इस गांव में एक भी नहीं है स्कूल

नवादा के रोह प्रखंड के डुमरी पंचायत के विनायक बस्ती में एक भी स्कूल नहीं है. जो बिहार में शिक्षा व्यवस्था की बदहाली को बंया कर रहा है. बस्ती में अधिक संख्या में लोग रहते हैं. बस्ती में स्कूल नहीं होने से वहां के बच्चों का भविष्य अंधकार नजर आ रहा है.

नवादा: बिहार में शिक्षा व्यवस्था की बदहाली, सूबे के बस्ती गांव में नहीं है एक भी स्कूल
author img

By

Published : Aug 27, 2019, 7:13 AM IST

नवादा: सूबे की सरकार एक ओर जहां बच्चों के लिए बेहतर शिक्षा व्यवस्था देने की बात कर रही है, तो वहीं दूसरी ओर बदहाल शिक्षा व्यवस्था उसकी पोल खोल रही है. यहां ऐसे कई गांव हैं जहां आज एक भी स्कूल नहीं है. इसमें से एक गांव है रोह प्रखंड के डुमरी पंचायत का गाजीपुर-विनायक बस्ती. बस्ती में अधिक संख्या में लोग रहते हैं. लेकिन बस्ती में स्कूल नहीं होने से यहां के बच्चे पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में यहां के बच्चों का भविष्य अंधकार में दिख रहा है.

Nawada
डुमरी पंचायत की मुखिया सरोज सिंह की ओर से स्कूल खोलने के लिए लिखा गया पत्र

क्या कहते हैं ग्रामीण
ग्रामीणों का कहना है कि बस्ती में कोई स्कूल नहीं है जहां बच्चे पढ़ाई कर सके. कई बार विधायक से भी बात की गई. लेकिन, आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई. वहीं, बस्ती के सौखी राम का कहना है कि स्कूल नहीं होने से बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है. उन्होंने बताया कि यहां से 2 किलोमीटर दूर डुमरी में हाइ स्कूल तो है, लेकिन स्कूल दूर होने के कारण बच्चे वहां नहीं जा पाते हैं. उनका कहना है कि अगर गांव में स्कूल बन जाता तो हमारे बच्चों का भविष्य बन जाएगा.

Nawada
ईटीवी से बात करती छात्रा

छात्रा की मांग
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बस्ती की छात्रा ने कहा कि हमलोग के गांव में एक भी स्कूल नहीं है. जिससे हमें पढ़ाई करने के लिए गांव से दूर जाना पड़ता है. इससे बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. छात्रा की सरकार से मांग है कि उसके गांव में एक स्कूल खोल दिया जाएं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

क्या कहती है मुखिया
डुमरी पंचायत की मुखिया सरोज सिंह का कहती हैं कि जब से वह मुखिया बनी हैं तब से स्कूल खोलने के प्रयास में लगी हैं. उनका कहना है कि वह जिला अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी से लेकर पटना तक प्रयास कर चुकी हैं. लेकिन, सरकार की तरफ से किसी भी प्रकार का कोई आश्वासन नहीं मिला. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान मुखिया सरोज सिंह ने कहा कि यदि आपके माध्यम से आवाज सरकार तक पहुंच जाती है और स्कूल खुल जाता है तो वह ईटीवी भारत का तहेदिल से आभार व्यक्त करेंगी.
क्या कहते हैं पदाधिकारी
डीपीओ उत्तम कुमार का कहना है कि अभी तक हमें कोई पत्र नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण या ग्राम पंचायत के मुखिया की ओर से पत्र मिलता है, तो मामले की जांच की जाएगी. अगर मानदंडों के अनुसार वहां स्कूल का निर्माण कराया जा सकता है और वहां ग्राम पंचायत की ओर से जमीन उपलब्ध कराया जाता है तो, उसका प्रपोजल स्टेट को भेजा जाएगा. स्टेट से प्रपोजल पास होने पर स्कूल का निर्माण कराया जाएगा.

नवादा: सूबे की सरकार एक ओर जहां बच्चों के लिए बेहतर शिक्षा व्यवस्था देने की बात कर रही है, तो वहीं दूसरी ओर बदहाल शिक्षा व्यवस्था उसकी पोल खोल रही है. यहां ऐसे कई गांव हैं जहां आज एक भी स्कूल नहीं है. इसमें से एक गांव है रोह प्रखंड के डुमरी पंचायत का गाजीपुर-विनायक बस्ती. बस्ती में अधिक संख्या में लोग रहते हैं. लेकिन बस्ती में स्कूल नहीं होने से यहां के बच्चे पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में यहां के बच्चों का भविष्य अंधकार में दिख रहा है.

Nawada
डुमरी पंचायत की मुखिया सरोज सिंह की ओर से स्कूल खोलने के लिए लिखा गया पत्र

क्या कहते हैं ग्रामीण
ग्रामीणों का कहना है कि बस्ती में कोई स्कूल नहीं है जहां बच्चे पढ़ाई कर सके. कई बार विधायक से भी बात की गई. लेकिन, आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई. वहीं, बस्ती के सौखी राम का कहना है कि स्कूल नहीं होने से बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है. उन्होंने बताया कि यहां से 2 किलोमीटर दूर डुमरी में हाइ स्कूल तो है, लेकिन स्कूल दूर होने के कारण बच्चे वहां नहीं जा पाते हैं. उनका कहना है कि अगर गांव में स्कूल बन जाता तो हमारे बच्चों का भविष्य बन जाएगा.

Nawada
ईटीवी से बात करती छात्रा

छात्रा की मांग
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बस्ती की छात्रा ने कहा कि हमलोग के गांव में एक भी स्कूल नहीं है. जिससे हमें पढ़ाई करने के लिए गांव से दूर जाना पड़ता है. इससे बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. छात्रा की सरकार से मांग है कि उसके गांव में एक स्कूल खोल दिया जाएं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

क्या कहती है मुखिया
डुमरी पंचायत की मुखिया सरोज सिंह का कहती हैं कि जब से वह मुखिया बनी हैं तब से स्कूल खोलने के प्रयास में लगी हैं. उनका कहना है कि वह जिला अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी से लेकर पटना तक प्रयास कर चुकी हैं. लेकिन, सरकार की तरफ से किसी भी प्रकार का कोई आश्वासन नहीं मिला. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान मुखिया सरोज सिंह ने कहा कि यदि आपके माध्यम से आवाज सरकार तक पहुंच जाती है और स्कूल खुल जाता है तो वह ईटीवी भारत का तहेदिल से आभार व्यक्त करेंगी.
क्या कहते हैं पदाधिकारी
डीपीओ उत्तम कुमार का कहना है कि अभी तक हमें कोई पत्र नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण या ग्राम पंचायत के मुखिया की ओर से पत्र मिलता है, तो मामले की जांच की जाएगी. अगर मानदंडों के अनुसार वहां स्कूल का निर्माण कराया जा सकता है और वहां ग्राम पंचायत की ओर से जमीन उपलब्ध कराया जाता है तो, उसका प्रपोजल स्टेट को भेजा जाएगा. स्टेट से प्रपोजल पास होने पर स्कूल का निर्माण कराया जाएगा.

Intro:नवादा। एक ओर सूबे की सरकार बच्चों के लिए बेहतर शिक्षा व्यवस्था देने की बात कर रही है वहीं, दूसरी ओर कई ऐसे गांव हैं जहां आज भी विद्यालय नहीं है। इसमें से एक है रोह प्रखंड के अंतर्गत आनेवाल डुमरी पंचायत के गाजीपुर-विनायक महादलित बस्ती से । डुमरी में महादलित लोगों की बस्ती है जहां से अधिक के संख्या में लोग निवास करते हैं लेकिन दुर्भाग्य की बात के यहां बच्चों के लिए एक स्कूल भी नहीं है। जिसके कारण छोटे-छोटे बच्चे पढ़ाई नहीं कर पाते हैं। गाजीपुर विनायक से 2 किमी दूर डुमरी में हाइस्कूल तो है लेकिन दूर होने के कारण बच्चे वहां नहीं पहुंच पाते हैं। साथ ही अभिभावक को भी इतनी दूर अपने बच्चे को भेजने का पर डर सताता रहता है। हालांकि, यहाँ विद्यालय खुलवाने के लिए पंचायत की मुखिया सरोज सिंह जिलाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी से लेकर पटना प्रयास कर चुकी है लेकिन अभी उन्हें आश्वासन तक नहीं मिला है।




Body:क्या कहते हैं ग्रामीण

सुधा राजवंशी का कहना है यहां कोई विद्यालय नहीं है कई बार विधायक से भी कहा गया है नापी-जोखी होकर भी गया लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई।

सौखी राम का कहना है, स्कूल नहीं होने के कारण बच्चे का भविष्य खराब हो रहा है। यहां से 2 किलोमीटर की दूरी पर डुमरी है वहां कोई जा नहीं सकता है जिसके का वजह से हमारा बाल बच्चा सब खराब हो रहा है। हम चाहते हैं कि यहां स्कूल बन जाए तो हमारे बच्चे का भविष्य बन जाएगा। दो-तीन दिन बार नापी भी करके गया है लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

वहीं, गांव की ही एक बच्ची राधा का कहना है हमलोग के गांव से स्कूल बहुत दूर है जिसके कारण परेशानी होती है। हमलोगों की मांग है कि हमारे गांव में भी एक स्कूल हो।

क्या कहती है मुखिया

डुमरी पंचायत की मुखिया सरोज सिंह का कहना है कि, जब से मैं मुखिया बनी हूं तब से स्कूल खुल जाए इस प्रयास में लगी हुई हूं। गाजीपुर, विनायक महादलित टोला है यहां के बच्चे स्कूल के अभाव में बच्चे शिक्षा ग्रहण नहीं कर पा रहे हैं। 10-12 साल के बच्चे को अक्षर ज्ञान भी नहीं रहता है क्योंकि यहां से 3 किमी दूर डुमरी में हाई स्कूल है। स्कूल खोलने के लिए जितने भी प्रक्रिया होना चाहिए हम सब कर चुके हैं। नवादा से लेकर पटना तक हम गए हैं लेकिन अभी तक कोई आश्वासन नहीं मिला है यदि आपके माध्यम से आवाज सरकार तक पहुंच जाती है और स्कूल खुल जाता है तो आपके प्रति तहेदिल से आभार व्यक्त करेंगे।

क्या कहते हैं पदाधिकारी

डीपीओ, समग्र शिक्षा उत्तम कुमार का कहना है, अभी तक पत्र हमें प्राप्त नहीं हुआ है। जैसे ही ग्रामीण या ग्राम पंचायत के मुखिया के द्वारा पत्र हमें मिलता है उसकी जांच किया जाएगा और अगर मानदंडों के अनुसार वहां विद्यालय निर्माण किया जा सकता है। अगर वहां के ग्राम पंचायत ज़मीन उपलब्ध कराती है या कोई दान में ज़मीन देते हैं तो उसका प्रपोजल बनाकर के मैं स्टेट को भेज दूंगा। जैसे ही स्टेट से अनुमोदन होकर आता है तो उसके आगे का काम शुरू कर देंगे।







Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.