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नवादा: बढ़ती गर्मी और पीएचईडी विभाग के ढुलमुल रवैये से पानी के लिए जनता परेशान - सुशील मोदी

स्थानीय मुखिया ने कहा कि पीएचईडी से काम होने के कारण हमलोगों के हाथ मे कुछ रहा नहीं. मंत्री जी बोलकर गये थे हर घर जल पहुंच जाएगी, लेकिन अभी तक 8 वार्ड में से सिर्फ कुछ वार्डों में ही पानी पहुंच पाई है.

जल मिनार
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Published : May 13, 2019, 10:01 AM IST

नवादा: चिलचिलाती धूप, बढ़ते तापमान और घटते जलस्तर जिले के लोगों के लिए मुसीबत बन गया है. अकबरपुर प्रखंड स्थित पचरुखी पंचायत में जलमीनार रहने के बावजूद लोगों को पानी के लिए तड़पना पर रहा है. जबकि इस गांव को विश्व बैंक के सहयोग से बने जलमीनार इस पंचायत के लोगों का समर्पित किया गया था. लेकिन 6 महीने बीत जाने के बाद भी यहां के लोगों को पानी नहीं घर तक नहीं पहुंच सका. जिसके कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

आक्रोशित ग्रामीण

क्या कहते हैं स्थानीय लोग

स्थानीय लोगों का कहना है कि नेता सब खाली कहते हैं वोट दो, वोट दो पानी नहीं देते हैं. यहां हमलोग पीने के पानी और नहाने के लिए तरस रहे हैं. एक सरकारी चापाकल है भी तो उसपर हमलोगों को पानी भरने नहीं दिया जाता है. वहीं, गांव के ही जलमीनार पर काम करनेवाले एक युवक ने कहा कि उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी जब मीनार का उद्घाटन करने आये थे, तो उन्होंने कहा था कि एक से डेढ़ महीने में हर घर नल से जल पहुंच जाएगा लेकिन अभी तक पाइप भी नहीं बिछी है और ना ही एक अतिरिक्त पंप लगाया गया है.

क्या कहते हैं मुखिया और पदाधिकारी

वहीं, स्थानीय मुखिया ने कहा कि पीएचईडी से काम होने के कारण हमलोगों के हाथ मे कुछ रहा नहीं है. मंत्री जी बोलकर गये थे हर घर जल पहुंच जाएगी, लेकिन अभी तक 8 वार्ड में से सिर्फ कुछ वार्डों में ही पानी पहुंच पाई है. अकबरपुर प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी का कहना है कि, जल की समस्या को लेकर डीएम साहब के साथ हमलोगों की मीटिंग हुई थी जिसमें मैंने अपने क्षेत्र की समस्या को रखा है और फिलहाल पानी की संकट के स्थिति से निपटने के लिए टॉल फ्री नंबर जारी की गई है. जिसपर शिकायत करने पर 24 घंटे के भीतर खराब पड़े चापाकल ठीक करने के लिए कर्मी पहुंचेंगे. इसके लिए प्रत्येक प्रखंड में कर्मी तैनात किए गये हैं. वहीं, जहां पानी की दिक्कत होगी वहां टैंकर के माध्यम से भी पानी पहुंचाई जाएगी.

8 वार्ड में से 3 में सिर्फ कराया गया जल उपलब्ध

तकरीबन दस हजार जनसंख्या वाले इस पंचायत के सिर्फ 3 वार्ड में ही पानी टंकी से पानी पहुंचाया गया. शेष बचे वार्डों के लोगों को घर तक अब भी नल के माध्यम से पानी नहीं पहुंचाया गया है. वहीं जल मिनार बनाने के दौरान लोगों को यह आश्वसन और भरोसा दिलाया गया था कि कुछ महीनों बाद सभी को घर में नल के माध्यम से जल पहुँचा दिया जायेगा.

डिप्टी सीएम सुशील मोदी के आश्वसन की भी निकली हवा

पिछले साल नवम्बर में जब बिहार के उपमुख्यमंत्री जलमीनार का उद्घाटन करने आये थे तो उन्होंने उस वक्त कहा था कि पंचायत के लोगों को कुछ ही महीनों में नल से जल पहुंचा दिया जायेगा. यह जल प्रत्येक वार्ड के प्रत्येक घर तक पहुंचाया जयेगा. लेकिन उनका यह आश्वासन भी खोखला साबित हो रहा है.

पीएचईडी का ढुलमुल रवैया बना, परेशानी का कारण

सरकार का यह कहना है कि जहां पानी की गुणवत्ता में कमी है. वहां पीएचईडी को काम करना होता है और जहां पानी की गुणवत्ता सही है. वहां सात निश्चय के तहत कार्य होते हैं पर यहां गुणवत्ता में कमी के कारण पीएचईडी को काम करना था, लेकिन इसकी ढुलमुल रवैये के कारण काम आगे नहीं बढ़ सका. जिसके कारण अब प्रचंड गर्मी में लोगों को पानी के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.


नवादा: चिलचिलाती धूप, बढ़ते तापमान और घटते जलस्तर जिले के लोगों के लिए मुसीबत बन गया है. अकबरपुर प्रखंड स्थित पचरुखी पंचायत में जलमीनार रहने के बावजूद लोगों को पानी के लिए तड़पना पर रहा है. जबकि इस गांव को विश्व बैंक के सहयोग से बने जलमीनार इस पंचायत के लोगों का समर्पित किया गया था. लेकिन 6 महीने बीत जाने के बाद भी यहां के लोगों को पानी नहीं घर तक नहीं पहुंच सका. जिसके कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

आक्रोशित ग्रामीण

क्या कहते हैं स्थानीय लोग

स्थानीय लोगों का कहना है कि नेता सब खाली कहते हैं वोट दो, वोट दो पानी नहीं देते हैं. यहां हमलोग पीने के पानी और नहाने के लिए तरस रहे हैं. एक सरकारी चापाकल है भी तो उसपर हमलोगों को पानी भरने नहीं दिया जाता है. वहीं, गांव के ही जलमीनार पर काम करनेवाले एक युवक ने कहा कि उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी जब मीनार का उद्घाटन करने आये थे, तो उन्होंने कहा था कि एक से डेढ़ महीने में हर घर नल से जल पहुंच जाएगा लेकिन अभी तक पाइप भी नहीं बिछी है और ना ही एक अतिरिक्त पंप लगाया गया है.

क्या कहते हैं मुखिया और पदाधिकारी

वहीं, स्थानीय मुखिया ने कहा कि पीएचईडी से काम होने के कारण हमलोगों के हाथ मे कुछ रहा नहीं है. मंत्री जी बोलकर गये थे हर घर जल पहुंच जाएगी, लेकिन अभी तक 8 वार्ड में से सिर्फ कुछ वार्डों में ही पानी पहुंच पाई है. अकबरपुर प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी का कहना है कि, जल की समस्या को लेकर डीएम साहब के साथ हमलोगों की मीटिंग हुई थी जिसमें मैंने अपने क्षेत्र की समस्या को रखा है और फिलहाल पानी की संकट के स्थिति से निपटने के लिए टॉल फ्री नंबर जारी की गई है. जिसपर शिकायत करने पर 24 घंटे के भीतर खराब पड़े चापाकल ठीक करने के लिए कर्मी पहुंचेंगे. इसके लिए प्रत्येक प्रखंड में कर्मी तैनात किए गये हैं. वहीं, जहां पानी की दिक्कत होगी वहां टैंकर के माध्यम से भी पानी पहुंचाई जाएगी.

8 वार्ड में से 3 में सिर्फ कराया गया जल उपलब्ध

तकरीबन दस हजार जनसंख्या वाले इस पंचायत के सिर्फ 3 वार्ड में ही पानी टंकी से पानी पहुंचाया गया. शेष बचे वार्डों के लोगों को घर तक अब भी नल के माध्यम से पानी नहीं पहुंचाया गया है. वहीं जल मिनार बनाने के दौरान लोगों को यह आश्वसन और भरोसा दिलाया गया था कि कुछ महीनों बाद सभी को घर में नल के माध्यम से जल पहुँचा दिया जायेगा.

डिप्टी सीएम सुशील मोदी के आश्वसन की भी निकली हवा

पिछले साल नवम्बर में जब बिहार के उपमुख्यमंत्री जलमीनार का उद्घाटन करने आये थे तो उन्होंने उस वक्त कहा था कि पंचायत के लोगों को कुछ ही महीनों में नल से जल पहुंचा दिया जायेगा. यह जल प्रत्येक वार्ड के प्रत्येक घर तक पहुंचाया जयेगा. लेकिन उनका यह आश्वासन भी खोखला साबित हो रहा है.

पीएचईडी का ढुलमुल रवैया बना, परेशानी का कारण

सरकार का यह कहना है कि जहां पानी की गुणवत्ता में कमी है. वहां पीएचईडी को काम करना होता है और जहां पानी की गुणवत्ता सही है. वहां सात निश्चय के तहत कार्य होते हैं पर यहां गुणवत्ता में कमी के कारण पीएचईडी को काम करना था, लेकिन इसकी ढुलमुल रवैये के कारण काम आगे नहीं बढ़ सका. जिसके कारण अब प्रचंड गर्मी में लोगों को पानी के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.


Intro:नवादा। चिलचिलाती धूप और सेंसेक्स की तरह बढ़ते पारा और घटते जलस्तर जिले के लोगों के लिए मुसीबत बन गया है। जिले के अकबरपुर प्रखंड स्थित पचरुखी पंचायत में जलमीनार रहने के बावजूद लोगों को पानी के लिए तड़पना पर रहा है। जबकि पिछले साल नवम्बर इसी गांव में विश्व बैंक के सहयोग से बना जलमीनार को इस पंचायत के लोगों का अर्पित किया था और उस दौरान लोगों को यह भी आश्वसन और भरोसा दिलाया था कि कुछ महीनों बाद सभी को घर में नल के माध्यम से जल पहुँचा दिया जायेगा। लेकिन 6 महीने बीत जाने के बाद भी यहां के लोगों को पानी नहीं घर तक नहीं पहुंच सका है जिसके कारण लोगों को काफ़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

8 वार्ड में से 3 में सिर्फ पूर्णरूप में जल उपलब्ध

तक़रीबन दस हजार जनसंख्या वाले इस पंचायत के सिर्फ 3 वार्ड में पूर्णरूप से पानी मिल रहा है वहीं एक और वार्ड के आधी घरों में जलमीनार से जल उप्लब्ध हो रही है शेष बचे 4 वार्ड के लोगों को घर तक अब भी नल ले माध्यम से पानी नहीं पहुंच सका है।


डिप्टी सीएम सुशील मोदी के आश्वसन की भी निकली हवा

पिछले साल नवम्बर में जब बिहार के उपमुख्यमंत्री जलमीनार का उद्घाटन करने आये थे तो उन्होंने उस वक्त पंचायत के लोगों को कुछ ही महीनों में प्रत्येक वार्ड के प्रत्येक घर तक नल से जल पहुंचाने का दावा किए थे लेकिन उनका या आश्वासन भी खोखला साबित हो रहा है।

पीएचईडी का ढुलमुल रवैया बना, परेशानी का कारण

सरकार का यह कहना है कि जहां पानी की गुणवत्ता में कमी है वहां पीएचईडी को काम करना होता है और जहां पानी की गुणवत्ता सही है वहां सात निश्चय के तहत कार्य होते हैं पर यहां गुणवत्ता में कमी के कारण पीएचईडी को काम करना था लेकिन इसकी ढुलमुल रवैये के कारण काम आगे नहीं बढ़ सका जिसके कारण अब प्रचंड गर्मी में लोगों को पानी के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

क्या कहते हैं स्थानीय लोग

खाली कहते हैं वोट दो , वोट दो पानी देबे नहीं करते हैं। यहां हमलोग पानी पीने और नहाने के लिए तरस रहे है। एक चापाकल है भी तो उसपे हमलोगों को पानी नहीं भरने देते हैं। वहीं, गांव के ही जलमीनार पर काम करनेवाले युवक का कहना है कि उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी जी जब मीनार का उद्घाटन करने आये थे तो कहे थे कि एक से डेढ़ महीने में हर घर नल से जल पहुंच जाएगा लेकिन अभी तक पाइप भी नहीं बिछा है और न ही एक अतिरिक्त पंप।

क्या कहते हैं मुखिया और पदाधिकारी

स्थानीय मुखिया का कहना हैं कि, पीएचईडी से काम होनेके कारण हमलोगों के हाथ मे कुछ रहा नहीं। मंत्री जी बोलकर गये थे हर घर जल पहुंच जाएगी लेकिन अभी तक 8 वार्ड में से सिर्फ 3-4 वार्ड में ही पानी पहुंच पाई है। वहीं, प्रखंड विकास पदाधिकारी अकबरपुर का कहना है कि, जल की समस्या को लेकर डीएम साहब के हमलोगों की मीटिंग हुई थी जिसमें मैंने अपने क्षेत्र की समस्या को रखा है और फिलहाल पानी की संकट के स्थिति से निपटने के लिए टॉल फ्री नंबर जारी की गई है जिसपे शिकायत करने पर 24 घंटे के भीतर खराब पड़े चापाकल ठीक करने के लिए कर्मी को पहुंचना होगा। इसके प्रत्येक प्रखंड में कर्मी तैनात किए गये हैं। जहां पानी की दिक्कत होगी वहां टैंकर के माध्यम से भी पानी पहुंचाई जाएगी।


बाइट- बीडीओ साहब से व्यस्तता के कारण फोन पर प्रतिक्रिया ली गई जो मैंने व्हाट्सएप पर भेज दिया।





Body:म



Conclusion:ऐसे में सवाल यह उठता है कि मंत्री के आश्वासन के बावजूद लोगों के घर तक अभी तक पानी क्यों नहीं पहुंचाई गई आख़िर आम जनता इनके खोखले आश्वासन पर कब तक इंतजार करेगी?
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