नवादा: लॉकडाउन के दौरान डाक विभाग अहम भूमिका निभा रहा है. लॉकडाउन में लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है. ऐसे में लोगों के लिए डाकिया काफी महत्वपूर्ण हो गए हैं. कोरोना महामारी काल में डाकिया अब सिर्फ पत्र और पार्सल ही नहीं पहुंचा रहे हैं, बल्कि जरूरतमंद बुजुर्ग, महिलाओं और दिव्यांगों को पैसे और दवाईयां पहुंचाकर भी मदद कर रहे हैं.
दरअसल, कुछ ऐसा ही वाकया देखने को मिला ननौरा गांव में जहां, एक बुजुर्ग को पैसे की जरूरत थी. उनका खाता शहर स्थित बैंक में था, लेकिन लॉकडाउन और कोरोना के खतरे को देखते हुए वो बैंक नहीं जा पा रहे थे. ऐसे में उन्होंने डाक विभाग में अपनी समस्या दर्ज करवाई. जिसके बाद डाकघर ने डाकिया की मदद से उनके घर पर ही पैसा पहुंचवाया. जिससे खुश होकर उन्होंने डाकिया और डाकघर को धन्यवाद दिया है.
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पोस्ट इंफो एप पर दर्ज हो रही है डिमांड
उन्होंने कहा कि पहले डाकिया घर पर चिट्ठियां पहुंचाते थे. अब घर तक दवाईयां और पैसे भी पहुंचा रहे हैं. वहीं, डाकिया इस संकट की घड़ी में मिले सेवा के अवसर पाकर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. बता दें कि लॉकडाउन के कारण कई बुजुर्ग, महिलाएं और दिव्यांगों को दवाई मंगवाने और बैंक से पैसों की निकासी में दिक्कतें आ रही थी. जिसको देखते हुए डाक विभाग ने एक पोस्ट इंफो ऐप लॉन्च किया. जिस पर लोग अपनी डिमांड दर्ज कराते हैं. जिसके बाद डाकिया उनके घरों तक मदद पहुंचाने का काम करते हैं.
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कोरोना काल में स्थापित किया कीर्तिमान
कोरोना काल में नवादा प्रमंडल के डाकियों ने बेहतर प्रदर्शन किया है. जिसका नतीजा ये रहा कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा दिए गए सब्सिडी की राशि एक दिन में करीब पंद्रह हजार लोगों के घर जाकर एक करोड़ रुपये का भुगतान कर नवादा जिले ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. इस मामले में नवादा सूबे का पहला जिला बन गया है.
लोगों के दिलों में बनाया स्थान
डाकिया और डाकघर कोरोना काल के संकट में विभागीय दायित्वों का निर्वहन के साथ-साथ अपने सामाजिक दायित्वों को भी बखूबी निभा रहे हैं. वहीं, इन सब के बावजूद भले ही इनका नाम कोरोना योद्धाओं की सूची में शुमार न हो, लेकिन इन्होंने जरूरतमंदों तक अपनी सेवाएं देकर उनके दिलों में स्थान जरूर बना लिया है.